Halo CME नामक ट्विटर अकाउंट पर एक रिपोर्ट जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि एक बड़ा सौर तूफान धरती की ओर बढ़ रहा है जिसे सोलर सुनामी भी कहा गया है। यह G1-G2 क्लास सौर तूफान होना तो तय है, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि यह G-3 क्लास सोलर तूफान में भी तब्दील हो सकता है। Spaceweather ने भी इसे लेकर भविष्यवाणी की है। यह धरती के मेग्नेटिक फील्ड से टकराएगा और इससे धरती के कम्युनिकेशन सिस्टम और सैटेलाइट्स को नुकसान पहुंच सकता है।
CME WATCH: Halo CME, technically speaking. This was from the eruption/type II radio burst this morning from AR 13060 (not 10360, a typo in my previous post). It is so diffuse that we need difference images (right) to see it. This could be just a shock wave without a flux rope. pic.twitter.com/wa9F0mfQ7P
— Halo CME (@halocme) July 21, 2022
NASA का कहना है कि सूरज 11 साल लम्बी एक सोलर साइकिल को पूरा करता है। यानि कि यह सोलर साइकिल एक बार शुरू होकर 11 साल तक चलती है। इस साइकिल में सोलर गतिविधि पहले बढ़ती है और फिर कम हो जाती है। जैसे ही साइकिल खत्म होने को होती है, इसमें गतिविधि बिल्कुल कम होती जाती है। गतिविधि के सबसे ऊंचे बिंदु को सोलर मैक्सिमम कहा जाता है, जब सौर तूफान जैसी गतिविधि सबसे अधिक बढ़ जाती हैं। 2023 में सूरज इसके सोलर मैक्सिमम फेज में होगा, ऐसा कहा जा रहा है।
वैज्ञानिकों को कहना है कि जैसे जैसे सोलर मैक्सिमम नजदीक आने लगता है, स्पेस में सूरज के कारण मौसमी गतिविधियां तेज होने लगती हैं। वर्तमान में जो सौर तूफान धरती से टकरा रहा है उसे G3 क्लास का बताया जा रहा है। G3 क्लास के सौर तूफान से सैटेलाइट्स को मामूली नुकसान पहुंचने की संभावना होती है, और यह जीपीएस आदि में भी रुकावट पैदा कर सकता है। जबकि G5 क्लास के सौर तूफान पावर ग्रिड तक को तबाह कर सकते हैं, जगह जगह आग लग सकती है और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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