मोदी सरकार ने पीएम-उदय योजना में किया बड़ा बदलाव, ये दस्तावेज अब नहीं होगा जरूरी, जानिए डिटेल


हाइलाइट्स

पीएम-उदय योजना में वसीयत को अनिवार्य दस्तावेज से हटाया गया
मकान का मालिकाना हक देने के लिए है स्कीम
पेंडिंग मामलों के निपटारे में तेजी आएगी

नई दिल्ली. केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही पीएम-उदय योजना (PM UDAY Scheme) में बड़ा बदलाव किया गया है. दरअसल, केंद्र सरकार ने पीएम-उदय योजना के तहत बेनिफिट पाने के लिए जरूरी दस्तावेजों की प्रक्रिया सरल करते हुए ‘वसीयत (Will) को अनिवार्य दस्तावेज के दायरे से बाहर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने एक बयान में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना के तहत अप्लाई करने वाले करीब 1,500-2,000 लोग यह मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहे थे. पीएम-उदय योजना के तहत लाभ पाने के लिए अभी तक वसीयत को अनिवार्य दस्तावेज माना जाता था.

मकान का मालिकाना हक देने के लिए है स्कीम
केंद्र सरकार ने दिल्ली की अनधिकृत बस्तियों में रहने वाले लोगों को मकान का मालिकाना हक देने के लिए पीएम-उदय योजना चलाई थी। इसके लिए वसीयत को अनिवार्य दस्तावेज माना गया था. डीडीए ने कहा, ‘आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने पीएम-उदय योजना के तहत दिल्ली की अनधिकृत बस्तियों के निवासियों को फायदा पहुंचाने के लिए वसीयत को अनिवार्य दस्तावेज से बाहर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.’

पेंडिंग मामलों के निपटारे में तेजी आएगी
इस संशोधन के बाद मालिकाना हक के लिए उस भूखंड से जुड़ी वसीयत अनिवार्य नहीं रह गयी है. इससे पेंडिंग मामलों के निपटारे में तेजी आएगी और प्रक्रिया को भी सरलीकृत किया जा सकेगा. डीडीए ने इस बयान में यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने इस योजना का लाभ पाने के लिए ‘पॉवर ऑफ अटॉर्नी’ या बिक्री करार के स्थान पर ‘पंजीकृत गिफ्ट डीड’ को भी जमा करने की मंजूरी दे दी गई है.

Tags: DDA, Delhi developmet authority

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