Sri Lanka Crisis: ‘किसी परिवार को नहीं, संकट में पड़े देश को बचाना लक्ष्य’, नए पीएम रानिल विक्रमसिंघे का राजपक्षे कुनबे पर निशाना


वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कोलंबो
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Mon, 16 May 2022 08:18 PM IST

सार

श्रीलंका की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के नेता विक्रमसिंघे ने कहा कि देश में फिलहाल पेट्रोल की जबरदस्त किल्लत है और अब पेट्रोल, कच्चे तेल और तेल के शिपमेंट के खर्च को चुकाने के लिए खुले बाजारों से अमेरिकी डॉलरों को जुटाया जाएगा। 

महिंदा राजपक्षे पर रानिल विक्रमसिंघे का निशाना।

महिंदा राजपक्षे पर रानिल विक्रमसिंघे का निशाना।

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विस्तार

श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने सोमवार को पहली बार राष्ट्र के नाम संबोधन में देश में उभरी समस्याओं पर बात की। राजपक्षे परिवार पर निशाना साधते हुए विक्रमसिंघे ने कहा कि उनका लक्ष्य किसी परिवार या समूह को बचाना नहीं, बल्कि संकट में पड़े देश को संभालना है। गौरतलब है कि हाल ही में श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने विपक्ष के दबाव के चलते अपने भाई महिंदा राजपक्षे को पीएम पद से हटा दिया था। हालांकि, उन्होंने अपना पद नहीं छोड़ा और देश के26वें प्रधानमंत्री के तौर पर रानिल विक्रमसिंघे को नियुक्त किया। 

श्रीलंका की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के नेता विक्रमसिंघे ने कहा कि देश में फिलहाल पेट्रोल की जबरदस्त किल्लत है और अब पेट्रोल, कच्चे तेल और तेल के शिपमेंट के खर्च को चुकाने के लिए खुले बाजारों से अमेरिकी डॉलरों को जुटाया जाएगा। उन्होंने श्रीलंका के संकट पर कहा कि इसे खत्म करने के लिए 2022 के विकास बजट की जगह राहत बजट लाया जाएगा। विक्रमसिंघे ने कहा कि वे श्रीलंका की सरकारी एयरलाइन कंपनी- श्रीलंकन एयरलाइंस के निजीकरण का प्रस्ताव रखेंगे, क्योंकि इससे सरकार को काफी नुकसान हो रहा है। 

गौरतलब है कि श्रीलंकन एयरलाइंस को 2021 में 45 अरब श्रीलंकाई रुपयों का नुकसान हुआ। 31 मार्च 2022 तक यह नुकसान बढ़कर 372 अरब श्रीलंकाई रुपये तक पहुंच गया। विक्रमसिंघे ने कहा कि अगर हम श्रीलंकाई एयरलाइंस का निजीकरण भी कर दें तो भी हमें काफी नुकसान होगा। इन नुकसानों को श्रीलंका की मासूम जनता को उठाना पड़ेगा, जिन्होंने कभी एक विमान में कदम भी नहीं रखा है। 



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