नई दिल्ली. विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने इस साल अब तक भारतीय बाजार से 2 लाख करोड़ रुपये निकाल लिए हैं. यह किसी एक कैलेंडर इयर में विदेशी निवेशकों की अब तक की सबसे बड़ी बिकवाली है. बाजार इस दबाव को झेल नहीं पा रहा है और सेंसेक्स अपने शीर्ष से करीब 10,000 अंक नीचे आ गया है.
मनीकंट्रोल के अनुसार, विदेशी निवेशक पिछले 9 महीने से लगातार बिकवाली कर रहे हैं. सिर्फ मई में उन्होंने 45,276 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए हैं. वहीं, जून में 17 तारीख तक एफआईआई 28, 445 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली कर चुके हैं. इस साल अब तक उन्होंने कुल 2,02,244 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की है.
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निवेशकों के 14 लाख करोड़ डूबे
शुक्रवार को खत्म हुए कारोबारी हफ्ते में सेंसेक्स करीब 5.19 फीसदी और निफ्टी 5.36 फीसदी टूट गया और इस बीच निवेशकों के 14 लाख करोड़ रुपये डूब गए. बीएसई पर एशियन पेंट्स, विप्रो, डॉ रेड्डीज, टाइटन, टीसीएस, टेक महिंद्रा, सन फार्मा और मारुति के शेयरों में सबसे ज्यादा नुकसान दिखा. एलआईसी के शेयरों में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को यह शेयर 654 रुपये पर बंद हुआ.
पूरे एशिया में दिख रही गिरावट
इस सप्ताह बाजार में गिरावट सिर्फ भारतीय निवेशकों के लिए नहीं रही, बल्कि पूरे एशिया के सभी प्रमुख शेयर बाजारों में इसका असर दिखा. इस सप्ताह जापान का निक्केई 6.7 फीसदी, हांगकांग का शेयर बाजार हेंगसेंग 3.5 फीसदी, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी 6 फीसदी, ताइवान का बाजार 5 फीसदी और सिंगापुर निफ्टी 5.8 फीसदी टूटकर बंद हुआ है.
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क्या है विशेषज्ञों की राय
जानकारों का कहना है कि निवेशकों को हताश होकर शेयर नहीं बेचने चाहिए. वह कहते हैं कि फिलहाल निवेशकों को पैसा बनाने के बजाय उसे सुरक्षित करने के बारे में सोचना चाहिए. बकौल जानकार, लोगों को कोविड-19 की शुरुआत में आई गिरावट को याद करना चाहिए. वह एक बड़ी गिरावट थी लेकिन बाजार ने कुछ ही महीनों में इसकी भरपाई कर ली थी. निवेशकों को अच्छी क्वालिटी के शेयरों में पैसा लगाना चाहिए. हालांकि, उन्हें यह निवेश लंबे समय के लिए करना होगा. दरों में वृद्धि, महंगाई, महंगे क्रूड और युद्ध के कारण बाजार के हालात इतनी जल्दी ठीक होने की उम्मीद नहीं है.
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Tags: BSE Sensex, NSE, Share market
FIRST PUBLISHED : June 18, 2022, 12:58 IST