अजब: ‘दो बार पीएम बन चुके और क्या चाहिए?’ मोदी से पूछा गया यह सवाल, जानें क्या जवाब दिया


सार

गुजरात के भरूच में गुरुवार को उत्कर्ष समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, सरकार की नीतियों व योजनाओं का 100 फीसदी लाभार्थियों तक पहुंचना ही भेदभाव और तुष्टिकरण की राजनीति का अंत है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कार्यक्रम में लोगों को विपक्ष के एक नेता का किस्सा सुनाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक दिन, एक वरिष्ठ नेता मुझसे मिले। वह नियमित रूप से राजनीतिक रूप से हमारा विरोध करते हैं, लेकिन मैं उनका सम्मान करता हूं। वह कुछ मुद्दों पर खुश नहीं थे, इसलिए वे मुझसे मिलने आए थे। उन्होंने कहा कि देश ने आपको दो बार प्रधान मंत्री बना दिया…अब आगे क्या करना है? उनको लगता था कि दो बार प्रधानमंत्री बन गया तो बहुत कुछ हो गया। उनको पता नहीं है कि मोदी किसी अलग मिट्टी का है। ये गुजरात की धरती ने उसको तैयार किया है।’
पीएम मोदी का शरद पवार पर निशाना? 
प्रधानमंत्री ने यह किस्सा सुनाते समय किसी नेता के नाम का जिक्र नहीं किया, लेकिन उनका ये बयान बीते महीने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से दिल्ली में मुलाकात के बाद आया है। शिवसेना नेता संजय राउत और उप मुख्यमंत्री अजित पवार के परिवार के सदस्यों पर ईडी की कार्रवाई के बाद पवार की मुलाकात प्रधानमंत्री मोदी से हुई थी। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इस बैठक में पवार ने इन मुद्दों को उठाया था।

नीतियों का अंतिम लाभार्थी तक पहुंचना तुष्टिकरण का अंत : मोदी
गुजरात के भरूच में गुरुवार को उत्कर्ष समारोह प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, सरकार की नीतियों व योजनाओं का 100 फीसदी लाभार्थियों तक पहुंचना ही भेदभाव और तुष्टिकरण की राजनीति का अंत है।  मोदी ने कहा, अक्सर सूचना के अभाव में सरकारी योजनाएं या तो सिर्फ कागज पर रह जाती हैं या बेहद कम लोग ही उसका लाभ उठा पाते हैं। अंतिम लाभार्थी तक नीतियों को पहुंचाना हालांकि मुश्किल काम है, लेकिन जनता की सेवा का यही अंतिम रास्ता है। इससे लाभ पाने के लिए सिफारिशों की जरूरत भी खत्म हो जाती है, क्योंकि हर व्यक्ति को यह भरोसा होता है कि अंतत: उसे लाभ मिलेगा। चूंकि एक एक व्यक्ति को लाभ मिल चुका होता है, इसमें तुष्टिकरण की राजनीति के लिए भी कोई गुंजाइश नहीं रह जाती। 

सपना पूरा किए बगैर रुकूंगा नहीं
मोदी ने कहा, मेरे प्रधानमंत्री बनने के बाद आठ वर्ष से हमारी सरकार सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का पूरा प्रयास कर रही है। 100 फीसदी कवरेज सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, यह इस बात का प्रमाण है कि सरकार कितनी संवेदनशील है और जनता का ख्याल रखती है। उन्होंने कहा, हमारी सरकार के आठ वर्ष पूरे होने पर देश के 100 फीसदी लाभार्थियों तक पहुंचने का मेरा एक सपना है और इसे हासिल किए बगैर मैं रुकूंगा नहीं।

आधी आबादी के पास नहीं थे शौचालय, बैंक खाते 
मोदी ने कहा, 2014 में जब केंद्र में एनडीए सरकार बनी और मैंने कुर्सी संभाली तब देश की आधी आबादी के पास शौचालय, बिजली और बैंक खाते नहीं थे। बड़ी आबादी को टीके उपलब्ध नहीं थे। बीते आठ वर्षों में सरकार ने कई योजनाओं में 100 फीसदी कवरेज का लक्ष्य हासिल किया है।

आइए मिलकर जरूरतमंदों को हक दिलाएं 
पीएम ने आह्वान किया, एक बार फिर हम सभी को जरूरतमंदों तक पहुंचने और उनका हक दिलाने की जरूरत है। यह एक मुश्किल काम है और कई राजनेता ऐसा करने से दूर रहते हैं, लेकिन मैं यहां लोगों की सेवा करने के लिए आया हूं राजनीति करने नहीं। 

 2014 से पहले सीमित था योजनाओं का दायरा 
मोदी ने पूर्व सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, 2014 से पहले देश में लागू की गई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का सीमित कवरेज और प्रभाव था। 2014 के बाद एनडीए सरकार ने इन योजनाओं को विस्तार दिया। अब करीब 50 करोड़ जनता 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा ले रही है। करोड़ों लोगों को जीवन बीमा मिला, बुजुर्गों को पेंशन मिली। 

विस्तार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कार्यक्रम में लोगों को विपक्ष के एक नेता का किस्सा सुनाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक दिन, एक वरिष्ठ नेता मुझसे मिले। वह नियमित रूप से राजनीतिक रूप से हमारा विरोध करते हैं, लेकिन मैं उनका सम्मान करता हूं। वह कुछ मुद्दों पर खुश नहीं थे, इसलिए वे मुझसे मिलने आए थे। उन्होंने कहा कि देश ने आपको दो बार प्रधान मंत्री बना दिया…अब आगे क्या करना है? उनको लगता था कि दो बार प्रधानमंत्री बन गया तो बहुत कुछ हो गया। उनको पता नहीं है कि मोदी किसी अलग मिट्टी का है। ये गुजरात की धरती ने उसको तैयार किया है।’

पीएम मोदी का शरद पवार पर निशाना? 

प्रधानमंत्री ने यह किस्सा सुनाते समय किसी नेता के नाम का जिक्र नहीं किया, लेकिन उनका ये बयान बीते महीने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से दिल्ली में मुलाकात के बाद आया है। शिवसेना नेता संजय राउत और उप मुख्यमंत्री अजित पवार के परिवार के सदस्यों पर ईडी की कार्रवाई के बाद पवार की मुलाकात प्रधानमंत्री मोदी से हुई थी। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इस बैठक में पवार ने इन मुद्दों को उठाया था।

नीतियों का अंतिम लाभार्थी तक पहुंचना तुष्टिकरण का अंत : मोदी

गुजरात के भरूच में गुरुवार को उत्कर्ष समारोह प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, सरकार की नीतियों व योजनाओं का 100 फीसदी लाभार्थियों तक पहुंचना ही भेदभाव और तुष्टिकरण की राजनीति का अंत है।  मोदी ने कहा, अक्सर सूचना के अभाव में सरकारी योजनाएं या तो सिर्फ कागज पर रह जाती हैं या बेहद कम लोग ही उसका लाभ उठा पाते हैं। अंतिम लाभार्थी तक नीतियों को पहुंचाना हालांकि मुश्किल काम है, लेकिन जनता की सेवा का यही अंतिम रास्ता है। इससे लाभ पाने के लिए सिफारिशों की जरूरत भी खत्म हो जाती है, क्योंकि हर व्यक्ति को यह भरोसा होता है कि अंतत: उसे लाभ मिलेगा। चूंकि एक एक व्यक्ति को लाभ मिल चुका होता है, इसमें तुष्टिकरण की राजनीति के लिए भी कोई गुंजाइश नहीं रह जाती। 

सपना पूरा किए बगैर रुकूंगा नहीं

मोदी ने कहा, मेरे प्रधानमंत्री बनने के बाद आठ वर्ष से हमारी सरकार सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का पूरा प्रयास कर रही है। 100 फीसदी कवरेज सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, यह इस बात का प्रमाण है कि सरकार कितनी संवेदनशील है और जनता का ख्याल रखती है। उन्होंने कहा, हमारी सरकार के आठ वर्ष पूरे होने पर देश के 100 फीसदी लाभार्थियों तक पहुंचने का मेरा एक सपना है और इसे हासिल किए बगैर मैं रुकूंगा नहीं।

आधी आबादी के पास नहीं थे शौचालय, बैंक खाते 

मोदी ने कहा, 2014 में जब केंद्र में एनडीए सरकार बनी और मैंने कुर्सी संभाली तब देश की आधी आबादी के पास शौचालय, बिजली और बैंक खाते नहीं थे। बड़ी आबादी को टीके उपलब्ध नहीं थे। बीते आठ वर्षों में सरकार ने कई योजनाओं में 100 फीसदी कवरेज का लक्ष्य हासिल किया है।

आइए मिलकर जरूरतमंदों को हक दिलाएं 

पीएम ने आह्वान किया, एक बार फिर हम सभी को जरूरतमंदों तक पहुंचने और उनका हक दिलाने की जरूरत है। यह एक मुश्किल काम है और कई राजनेता ऐसा करने से दूर रहते हैं, लेकिन मैं यहां लोगों की सेवा करने के लिए आया हूं राजनीति करने नहीं। 

 2014 से पहले सीमित था योजनाओं का दायरा 

मोदी ने पूर्व सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, 2014 से पहले देश में लागू की गई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का सीमित कवरेज और प्रभाव था। 2014 के बाद एनडीए सरकार ने इन योजनाओं को विस्तार दिया। अब करीब 50 करोड़ जनता 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा ले रही है। करोड़ों लोगों को जीवन बीमा मिला, बुजुर्गों को पेंशन मिली। 



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