कोरोना के चलते अस्पताल में भर्ती हुए बच्चों में सिरदर्द व मानसिक समस्याएं – स्टडी


Headache & mental Problems in children due to covid : साइंटिस्टों ने एक नई स्टडी में पता लगाया है कि कोरोना (Covid-19) पॉजिटिव या उसके लक्षणों के चलते अस्पताल में भर्ती बच्चों में से 44 % में ब्रेन से जुड़ी समस्याएं पैदा हुईं और उनकी सघन देखभाल (intensive care) करनी पड़ी. अमेरिका की यूपीएमसी (UPMC) यानी यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग मेडिकल सेंटर (University of Pittsburgh Medical Center) और यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन (University of Pittsburgh School of Medicine) के साइंटिस्टों के नेतृत्व में की गई इस स्टडी में 18 से कम उम्र के बच्चों को शामिल किया गया था, जिन्हें जनवरी 2020 और अप्रैल 2021 के बीच कोविड पॉजिटिव होने और उससे संबंधित स्थिति के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

दुनिया भर में 30 पीडियाट्रिक क्रिटिकल केयर सेंटर्स  (pediatric critical care centres) की मदद से, ज्यादातर उत्तरी अमेरिका में, रिसर्चर्स ने 1,493 बच्चों के लक्षणों को देखा. उनकी औसत आयु 8 साल थीं, जिनमें 47% फीमेल थीं. इस स्टडी का निष्कर्ष पीडियाट्रिक न्यूरोलाजी (Pediatric Neurology) नामक जर्नल में प्रकाशित  हुआ है.

स्टडी में क्या निकला
बच्चों के ब्रेन से जुड़ी समस्याओं में सिर दर्द और मानसिक स्थितियों (mental conditions) में बदलाव प्रमुख थीं. इन्हें गंभीर एंसेफैलोपैथी (encephalopathy) के रूप में जाना जाता है. स्टडी में शामिल सभी बच्चों में से, 44% में कम से कम एक न्यूरोलॉजिकल संकेत या लक्षण था. सिरदर्द और गंभीर एन्सेफैलोपैथी (acute encephalopathy) 21% बच्चों में और परिवर्तित मानसिक स्थिति (altered mental status) 16% बच्चों में सबसे आम थी.

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जीसीएस-न्यूरोकोविड (GCS-NeuroCOVID) से जुड़े पीडियाट्रिशन ने पहली बार समस्या की गहराई में जाने की कोशिश की है. जीसीएस-न्यूरोकोविड बहु केंद्रीय संगठन है, जिसका उद्देश्य यह समझना है कि कोविड ब्रेन और न्यूरो सिस्टम को कैसे प्रभावित करती है.

क्या कहते हैं जानकार
यूपीएमसी चिल्ड्रन हास्पिटल ऑफ पिट्सबर्ग में पीडियाट्रिशन साइंटिस्ट और इस स्टडी की प्रमुख राइटर एरिक फिंक (Dr. Ericka Fink) के अनुसार, ‘सार्स सीओवी-2 (SARS-CoV-2) वायरस बाल रोगियों को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित कर सकता है. संक्रमण के लक्षण दिखाई देने के बाद ये गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है. यही नहीं, संक्रमण की समाप्ति के हफ्तों बाद बच्चे सूजन की समस्या का भी सामना कर सकते हैं, जिसे एमआइएस-सी (MIS-C) के नाम से जाना जाता है.’

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बच्चों का वैक्सीनेशन 
बता दें कि कोरोना महामारी के दौर में ज्यादातर संख्या में बच्चे भी इससे प्रभावित हुए हैं. हालांकि, बच्चों में कोरोना के संक्रमण का खतरा ज्यादा गंभीर देखने को नहीं मिला है. कोरोना महामारी के अलग-अलग वेरिएंट्स को देखते हुए अब कई देशों ने बच्चों में भी वैक्सीनेशन शुरू कर दिया है. कोरोना वैक्सनेशन का असर बच्चों सहित वयस्कों में संक्रमण के खतरे को बहुत हद तक कम कर देता है.

Tags: Coronavirus, Health, Health News, Lifestyle

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