सनराइजर्स का सूरज नहीं चमका: नो-बॉल से बदला मैच, पिछले सीजन से आगे नहीं बढ़ पाई हैदराबाद की टीम, जानें हार के कारण


स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: रोहित राज
Updated Wed, 30 Mar 2022 01:56 AM IST

सार

इस बार सीजन में पहली बार पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन क्रिकेट ग्राउंड पर मैच खेला गया। पिछले चार मैचों की तरह इस बार भी टॉस जीतने वाली टीम ने पहले गेंदबाजी का फैसला किया, लेकिन नतीजा उसके पक्ष में नहीं रहा।

सनराइजर्स हैदराबाद बनाम राजस्थान रॉयल्स

सनराइजर्स हैदराबाद बनाम राजस्थान रॉयल्स
– फोटो : अमर उजाला

ख़बर सुनें

विस्तार

आईपीएल में टीमों की संख्या बदली, कई नियम बदले और यहां तक कि खिलाड़ी भी बदल गए, लेकिन सनराइजर्स हैदराबाद की आदत नहीं बदली। एक गलती के बाद दूसरी गलती और दूसरी के बाद तीसरी। राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ ऐसा लग रहा था कि नए खिलाड़ियों के साथ उतरी हैदराबाद की टीम पिछले सीजन से आगे बढ़ ही नहीं पाई है। पिछले साल हैदराबाद की टीम अंक तालिका में सबसे नीचे थी। आईपीएल के 15वें सीजन की शुरुआत टीम ने हार से की।

इस बार सीजन में पहली बार पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन क्रिकेट ग्राउंड पर मैच खेला गया। पिछले चार मैचों की तरह इस बार भी टॉस जीतने वाली टीम ने पहले गेंदबाजी का फैसला किया, लेकिन नतीजा उसके पक्ष में नहीं रहा। राजस्थान ने 20 ओवर में छह विकेट पर 210 रन का पहाड़ स्कोर खड़ा किया। जवाब में सनराइजर्स की टीम 20 ओवर में सात विकेट पर 149 रन ही बना सकी।

मैच के टर्निंग पॉइंट

1. बटलर को मिला जीवनदान: मैच के पहले ओवर में भुवनेश्वर कुमार गेंदबाजी कर रहे थे। उनके सामने राजस्थान के ओपनर जोस बटलर थे। भुवनेश्वर की गेंद बटलर के बल्ले से लगकर स्लिप में अब्दुल समद के हाथों में समा गई। बटलर आउट होकर बाहर जा ही रहे थे कि अंपायर ने उन्हें रोक दिया। भुवनेश्वर की गेंद को नो-बॉल करार दिया गया। उनका पैर क्रीज से बाहर था। बटलर को जीवनदान मिल गया। उन्होंने इसके बाद यशस्वी जायसवाल के साथ पावरप्ले (शुरुआती छह ओवर) में 58 रनों की साझेदारी की। बटलर 28 गेंद पर 35 रन बनाकर आउट हुए। उन्होंने जीवनदान मिलने के बाद टीम को मजबूत शुरुआत दी और भुवनेश्वर की नो-बॉल टीम पर भारी पड़ गई।

2. पावरप्ले में हैदराबाद के तीन विकेट गिरे: 211 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी हैदराबाद को मजबूत शुरुआत चाहिए थी। ऐसा नहीं हुआ। उसके तीन विकेट छह ओवर में गिर गए। इस दौरान टीम ने सिर्फ 14 रन बनाए। हैदराबाद ने कुल 149 रन बनाए। अगर पावरप्ले में 40-45 रन और बन गए होते तो मैच का परिणाम कुछ और हो सकता था।


बटलर को नो-बॉल आउट करने के बाद भुवनेश्वर कुमार।

राजस्थान रॉयल्स के लिए मैच में क्या-क्या हुआ?

सकारात्मक पक्ष:
राजस्थान रॉयल्स के पक्ष में दो बाते हुईं। उसके बल्लेबाजों ने धमाकेदार खेल दिखाया। जो भी क्रीज आया उसने रन बनाए। जोस बटलर, यशस्वी जायसवाल, कप्तान संजू सैमसन, देवदत्त पडिक्कल, शिमरॉन हेटमायर और रियान पराग ने गेंद बर्बाद नहीं किया। सबने उपयोगी रन बनाए और टीम को 200 के पार पहुंचाया। वहीं, गेंदबाजी में तेज गेंदबाजों के साथ-स्पिन गेंदबाजों ने भी कमाल दिखाया। चार गेंदबाजों की इकॉनमी रेट छह से नीचे रही। उन्होंने विपक्षी टीम को रन ही नहीं बनाने दिए।

नकारात्मक पक्ष: टीम के बल्लेबाजों ने शुरुआत तो अच्छी की, लेकिन बड़ी पारी नहीं खेल सके। केवल कप्तान संजू सैमसन ही अर्धशतक लगाने में सफल हुए। यशस्वी जायसवाल के साथ यह समस्या पहले भी थी। वे 20-30 रन बनाकर पवेलियन लौट जाते हैं। टीम में अपना स्थान पक्का करने के लिए उन्हें बड़ी पारियां खेलनी होगी। वहीं, नाथन कूल्टर नाइल काफी महंगे साबित हुए। इस अनुभवी तेज गेंदबाज ने तीन ओवर में 48 रन दिए। इसके अलावा वे चोटिल भी हो गए। उनका अगले मैच में खेलना संदिग्ध माना जा रहा है।

सनराइजर्स हैदराबाद के लिए मैच में क्या-क्या हुआ?

सकारात्मक पक्ष:
सनराइजर्स के लिए एडेन मार्कराम और वॉशिंगटन सुंदर ने अंतिम ओवरों में तूफानी बल्लेबाजी की। मार्कराम ने 41 गेंद पर 57 रन बनाए और सुंदर ने 14 गेंद पर 40 रन ठोक दिए। दोनों ने टीम के अन्य बल्लेबाजों को दिखाया कि कैसे रन बनाए जाते हैं। उमरान मलिक फ्रेंचाइजी के भरोसे पर खरे उतरे। उन्हें हैदराबाद ने उन्हें चार करोड़ रुपये में रिटेन किया। मलिक ने बटलर और पडिक्कल के रूप में दो बड़े विकेट लिए। लंबे समय बाद वापसी करने वाले नटराजन ने भी प्रभावित किया और दो विकेट लिए।

नकारात्मक पक्ष: टीम के लिए इस मैच में सकारात्मक से ज्यादा नकारात्मक पक्ष रहे। एडेन मार्कराम और वॉशिंगटन सुंदर को छोड़कर सभी बल्लेबाज बुरी तरह फ्लॉप रहे। गेंदबाजों ने सही जगह गेंदें नहीं की। फील्डर्स ने कैच छोड़े और कई रन बेवजह दे दिए। ब्रायन लारा, टॉम मूडी, डेल स्टेन और मुथैया मुरलीधरन जैसे दिग्गजों के सपोर्ट स्टाफ में रहने पर टीम से बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद की जाती है। टीम को अपने कमजोर पक्ष पर ध्यान देकर वापसी करनी होगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो एक और सीजन सनराइजर्स के लिए खराब जाने वाला है।



Source link

Enable Notifications OK No thanks