SUP Ban: लोगों का नहीं मिल रहा सहयोग, अतिरिक्त शुल्क देने से बचे रहे लोग; पढ़ें अमर उजाला की ये रिपोर्ट


राजधानी में एकल उपयोग प्लास्टिक (एसयूपी) के उपयोग पर लगे प्रतिबंध को दो दिन हो गए हैं। हालांकि, बाजारों में इनकी मौजूदगी अभी भी बनी हुई है। मध्य दिल्ली से लेकर नई दिल्ली के बाजारों में यह अभी भी बने हुए हैं। नतीजन लोग भी इसका प्रयोग करने से नहीं कतरा रहे हैं। कुछ दुकानदारों के पास इनके विकल्प मौजदू हैं, लेकिन अतिरिक्त शुल्क से बचने के लिए लोग प्लास्टिक के उत्पादों का अपना रहे हैं। इसे लेकर अमर उजाला की टीम ने दिल्ली की बाजारों का दौरा किया। पेश है रिपोर्ट:

करोलबाग

करोलबाग मध्य दिल्ली के व्यस्तम बाजारों में से एक है। यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में दिल्ली समेत एनसीआर से लोग खरीदारी के लिए पहुंचते हैं। प्रमुख तौर पर शादी की खरीदारी से लेकर ऑटो पार्ट्स व मोबाइल खरीदारी के लिए यहां लोगों की भीड़ देखी जाती है। इसके साथ-साथ यहां खाने-पीने की शौकिन भी लोग रूख करते हैं। ऐसे में यहां रेहड़ी पटरी वालों से लेकर रेस्तरां में लोगों की भीड़ लगी रहती है। 

शनिवार को बाजार में छोटी दुकानों से लेकर बड़ी दुकानों में एकल उपयोग प्लास्टिक को लेकर लगे प्रतिबंध का असर बेअसर दिखा। केंद्र सरकार की ओर से प्रतिबंधित 19 उत्पादों में यहां स्ट्रॉ, प्लेट व कप व गिलास का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा था। इन उत्पादों का सबसे अधिक उपयोग रेहड़ी पटरी वालों द्वारा किया जा रहा है। वहीं, शीतल पेय विक्रेता भी इसका अधिक उपयोग कर रहे हैं। 

इस संबंध में एक शिकंजी विक्रेता राजेंद्र भदौरिया का कहना है कि वर्तमान में इस्तेमाल किए जा रहे स्ट्रॉ की कीमत 50 पैसे पड़ रही है, वहीं कागज से बने स्ट्रॉ की कीमत एक रुपये तक पड़ेगी। पूर्व में इस तरह के स्ट्रॉ रखे थे, लेकिन ग्राहक इसके लिए अलग से रुपये देने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में फिर से प्लास्टिक के स्ट्रॉ को रख लिया है। उन्होंने कहा कि यदि इन उत्पादों को सरकार सस्ते दामों में उपलब्ध करा दे तो इस्तेमाल करने में अधिक परेशानी नहीं होगी। 

एक अन्य दुकानदर नवीन कौशिक ने कहा कि वह लंबे समय से प्लास्टिक के गिलासों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनके पास प्लास्टिक के गिलास का विकल्प भी उपलब्ध है, लेकिन ऐसे गिलास का मूल्य अधिक है। ऐसे में इस तरह के गिलास के लिए एक से दो रुपये का शुल्क लिया जाता है, लेकिन ग्राहक इस शुल्क के भुगतान के लिए तैयार नहीं हैं। वहीं, बाजार में पॉलीबैग के इस्तेमाल को लेकर बिल्कुल भी सख्ती नजर नहीं आई। दुकानदारों से लेकर ग्राहक पॉलीबैग का इस्तेमाल करते हुए नजर आए। ऐसे लोगों की संख्या न के बराबर थी, जो अपने साथ घर से बैग लेकर आए थे। 



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