Surya Grahan 2022 LIVE Updates: आज कितने बजे से शुरू होगा सूर्य ग्रहण, जानिए ग्रहण के दौरान क्या-क्या रखें सावधानियां


01:44 PM, 30-Apr-2022

सूर्य ग्रहण का सूतक 

चूंकि आज लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई दे रहा है, इसलिए आज किसी भी प्रकार का कोई सूतक नहीं लगेगा। सूतक उसी ग्रहण का मान्य होता है जो ग्रहण अपने यहां दिखाई दे। सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। हालांकि सूतक नहीं लगेगा फिर भी थोड़ी सावधानी बरतनी आवश्यक है। 

01:35 PM, 30-Apr-2022

मेष राशि में सूर्य ग्रहण का प्रभाव 

आज थोड़ी देर में जो सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है वो मेष राशि में लगेगा। मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्रहण फलदायी साबित होगा। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। पुराने किसी निवेश से अच्छा धन लाभ हो सकता है। कार्यस्थल में आपके काम की जमकर तारीफ होगी। व्यापारियों के लिए भी ये गोचर लाभप्रद साबित होगा। मुनाफे वाली डील फाइनल हो सकती है। यात्रा से अच्छा धन अर्जित करने में सफल रहेंगे। सरकारी नौकरी वाले जातकों के लिए समय काफी अनुकूल है।

01:19 PM, 30-Apr-2022

सूर्य ग्रहण के संकट से बचने के लिए करें ये उपाय 

  • सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या के दिन पंचामृत स्नान, तिल-तेल से शनि देव का अभिषेक करें और इस के साथ ही शनि चालीसा का पाठ करने से संकट दूर होते हैं। 
  • ज्योतिष के अनुसार, शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण एक दिन ही पड़ रहे हैं। ऐसे में इस दिन दान करना काफी शुभ माना जाता है। 
  • सूर्य ग्रहण के दिन जब ग्रहण समाप्त हो जाए तो पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव करें और साथ ही स्नान करें। 
  • ग्रहण के दौरान ये भी ध्यान रखें कि खाने पीने कि चीजों में तुलसी डालकर रखें। मान्यता है ऐसा करने से खाने पीने कि चीजों में ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता।

01:06 PM, 30-Apr-2022

ऐसे ऑनलाइन देख सकते हैं ग्रहण

चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन इस महान खगोलीय घटना में दिलचस्पी रखने वाले लोग ऑनलाइन यूट्यूब पर ग्रहण देख सकेंगे। कई चैनल यूट्यूब पर ग्रहण को लाइव दिखाते हैं।

12:50 PM, 30-Apr-2022

सूर्य ग्रहण के प्रकार

सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं- 

पूर्ण सूर्य ग्रहण: पूर्ण सूर्य ग्रहण उस समय होता है जब चन्द्रमा पूरी तरह से पृ्थ्वी को अपने छाया क्षेत्र में ले लेता है। इसके फलस्वरुप सूर्य का प्रकाश पृ्थ्वी तक पहुंच नहीं पाता है और पृथ्वी पर अंधकार जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।  इस प्रकार बनने वाला ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण कहलाता है। 

आंशिक सूर्य ग्रहण:  आंशिक सूर्यग्रहण में चन्दमा, सूर्य के केवल कुछ भाग को ही अपनी छाया में ले पाता है। इससे सूर्य का कुछ भाग ग्रहण ग्रास में तथा कुछ भाग ग्रहण से अप्रभावित रहता है. इसे आंशिक सूर्यग्रहण कहा जाता है। 

वलय सूर्यग्रहण: तीसरे और अंतिम प्रकार का सूर्य ग्रहण “वलय सूर्यग्रहण” के नाम से जाना जाता है। इस प्रकार के ग्रहण के समय चन्द्र सूर्य को इस प्रकार से ढकता है, कि सूर्य का केवल मध्य भाग ही छाया क्षेत्र में आता है। सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित होने के कारण कंगन के समान प्रतीत होता है। कंगन आकार में बने सूर्यग्रहण को ही वलय सूर्यग्रहण कहा जाता है। 

12:35 PM, 30-Apr-2022

सूर्य ग्रहण के दौरान न करें ये काम 

  • सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ कार्यों का करना बिल्कुल वर्जित है।
  • नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है इसलिए किसी भी नए काम की शुरुआत या मांगलिक कार्य न करें।
  • इसके अलावा ग्रहण के दौरान नाखून काटना, कंघी करना भी सही नहीं माना जाता है।
  • शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने से उसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में इस दौरान पका हुआ खाना खाने की मनाही होती है।
  • इसके अलावा इस दौरान काटने-छीलने का काम भी न करें। 
  • ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए। साथ ही सुई में धागा भी डालने की मनाही की गई है।
  • ग्रहण के दौरान यात्रा करने से भी बचना चाहिए। 

12:25 PM, 30-Apr-2022

सूर्य ग्रहण का ज्योतिषीय महत्व

आज यानी 30 अप्रैल को लगने वाला सूर्यग्रहण मेष राशि में लगेगा। मेष राशि पर मंगल ग्रह का आधिपत्य है और भरणी नक्षत्र के स्वामी शुक्र ग्रह हैं। इस कारण से मेष राशि और भरणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों पर इस ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा जबकि चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। ऐसे में ग्रहण के दौरान सभी जातकों पर विशेष प्रभाव पड़ता है। हालांकि जिस क्षेत्र में यह ग्रहण होता है वहीं पर ही रहने वाले जातकों पर इसका विशेष प्रभाव पड़ता है, अन्य जगहों पर ग्रहण का विशेष प्रभाव नहीं पड़ता है। 

11:38 AM, 30-Apr-2022

सूर्यग्रहण का वैज्ञानिक महत्व

सूर्य ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना गया है। जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी की बीच आ जाती है तब ऐसी स्थिति में सूर्य का प्रकाश धरती पर नहीं पहुंच पाता और चंद्रमा सूर्य को ढक लेता तो इस घटना को सूर्यग्रहण कहते हैं।

11:10 AM, 30-Apr-2022

सूर्य ग्रहण का पौराणिक महत्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य ग्रहण और चंद्रग्रहण की घटना को राहु-केतु के द्वारा ग्रास करने के तौर पर देखा जाता है। राहु और केतु दोनों ही छाया ग्रह और राक्षस गण से संबंध रखते हैं। कथा के अनुसार जब समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत को भगवान विष्णु मोहिनी का रूप धारण कर सभी देवताओं को पिला रहे तो राहु और केतु इस बात को जान गए कि भगवान विष्णु सिर्फ देवताओं को ही अमृतपान करा रहे हैं। तब दोनों पापी ग्रह चुपके से जाकर देवताओं की पंक्ति में जाकर मोहिन के हाथों से अमृतपान कर लिया था। अमृतपान करने के दौरान चंद्रमा और सूर्यदेव ने यह देख लिया था, यह बात जैसे ही भगवान विष्णु को पता चली उन्होंने तुरंत ही अपने सुदर्शन चक्र से राक्षस का सिर धड़ से अलग कर दिया। तभी से राहु और केतु समय-समय पर सूर्य और चंद्रमा पर ग्रहण लगाते आ रहे हैं

10:48 AM, 30-Apr-2022

ग्रहण देखते समय इन बातों का रखें ध्यान

सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है। परंतु इसे नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए। इसे देखने के लिए उच्च कोटि के फिल्टर ग्लास के चश्मे का इस्तेमाल करना चाहिए। कई लोग एक्सरे शीट के चश्मे का प्रयोग करते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए और छोटे बच्चों को सूर्य ग्रहण से दूर रखना चाहिए।

10:37 AM, 30-Apr-2022

अमावस्या तिथि पर ही लगता है सूर्य ग्रहण

हिंदी पंचांग की गणना के अनुसार सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि पर और चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा तिथि पर ही लगता है। लेकिन हर अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को ग्रहण नहीं लगते। 

09:56 AM, 30-Apr-2022

15 दिन के अंतराल पर दो ग्रहण 

साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण आज लगने जा रहा है। फिर इसके 15 दिन के बाद दूसरा ग्रहण लगेगा। यह चंद्र ग्रहण होगा। 15 मई को चंद्र ग्रहण लगेगा। ज्योतिषशास्त्र और धार्मिक नजरिए से ग्रहण को बहुत महत्व दिया जाता है।

09:48 AM, 30-Apr-2022

आज सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या का संयोग

आज साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या का खास संयोग बना हुआ है। इस तरह का संयोग वर्षों बाद बना है। शनि अमावस्या पर शनि दोषों से मुक्ति के लिए गंगा स्नान, दान और पितरों का तर्पण किया जाता है। वहीं इस तरह के संयोग से कुछ राशि के जातकों को विशेष लाभ के मिलने की संकेत हैं। जिनमें मेष, कर्क और वृश्चिक राशि शामिल है।

09:10 AM, 30-Apr-2022

सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं रखें खास ध्यान

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब भी ग्रहण लगता है इसका बुरा प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर पड़ता है ऐसे में ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं विशेष ध्यान रखना चाहिए।

-गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि ग्रहण के दुष्प्रभाव से भोजन दूषित हो जाता है, इसलिए पहले से रखे पके हुए भोजन पर तुलसी का पत्ता या गंगाजल डाल दें। 

-गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान सूई, चाकू, कैंची जैसी नोकदारी वस्तुओं से दूर रहना चाहिए। कहा जाता है कि इनका उपयोग करने से गर्भ में पल रहे बच्चे पर दुष्प्रभाव हो सकता है। 

– जब सूर्य ग्रहण प्रारंभ हो और ग्रहण के समापन तक गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि इसका नकारात्मक प्रभाव पल रहे बच्चे पर पड़ता है। 

– गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण को भी नहीं देखना चाहिए। इससे उनकी और गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ने की आशंका रहती है। 

– सूर्य ग्रहण के समय में गर्भवती महिलाओं को अपने इष्टदेव का स्मरण करना चाहिए।

 

08:55 AM, 30-Apr-2022

क्या होता है सूतक काल ( Sutak Kaal)

ग्रहण के दौरान और ग्रहण के पहले कुछ घंटों का समय सूतक काल कहलाता है। धार्मिक नजरिए से सूतक काल का बहुत ही अशुभ समय माना जाता है। इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य या पूजा-पाठ वर्जित होता है। सूर्य ग्रहण होने पर ग्रहण लगने से ठीक 12 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है वहीं चंद्र ग्रहण में ग्रहण शुरू होने से 5 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। जिन स्थानों पर सूर्य ग्रहण होगा वहां पर सूतक काल प्रभावी माना जाएगा।

 



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