Swatantra Veer Savarkar: वीर सावरकर की बायोपिक पर काम शुरू, ‘सरबजीत’ के बाद रणदीप हुड्डा ने उठाया एक और मुश्किल बीड़ा


फिल्म ‘सरबजीत’ के लिए अपने शरीर को गलाकर एकदम हड्डियों का ढांचा कर देने वाले दमदार अभिनेता रणदीप हुड्डा ने एक और बायोपिक के लिए हां कर दी है। रणदीप जानते हैं कि उन्होंने एक बार फिर बहुत मुश्किल काम का बीड़ा उठा लिया है, लेकिन वह कहते हैं कि काम वही करना चाहिए जिसमें जान लड़ा देनी पड़े। रणदीप हुड्डा को नेटफ्लिक्स की फिल्म ‘एक्स्ट्रैक्शन’ से दुनिया भर में बसे भारतीयों के बीच खूब शोहरत मिली है और फिल्म ‘सरबजीत’ के निर्माताओं का मानना है कि वीर सावरकर की शख्सीयत के लिए रणदीप हुड्डा की कद काठी बिल्कुल फिट है।

फिल्म ‘स्वातंत्र वीर सावरकर’ को महेश मांजरेकर निर्देशित करेंगे। वह कहते हैं, “मौजूदा दौर उन कहानियों को बताने का सही समय है, जिन्हें हमने अब तक नजरअंदाज़ ही किया था। वीर सावरकर एक जोशीला सिनेमाई आख्यान होगा जो हमें अपने इतिहास को फिर से देखने के लिए मजबूर करेगा। मुझे खुशी है कि हम इस फिल्म पर काम शुरू कर चुके हैं। फिल्म की पटकथा का काम करीब करीब पूरा हो चुका है और जल्द ही इसकी शूटिंग शुरू करने वाले हैं।”

अभिनेता रणदीप हुड्डा इस बात से खुश हैं कि उन्हें भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे प्रभावशाली और अभी तक गुमनाम ही रहे नायक की भूमिका निभाने के लिए चुना गया है। रणदीप कहते हैं, “ऐसे कई नायक हैं जिन्होंने हमें स्वतंत्रता दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई लेकिन सभी को उनका हक नहीं मिला है। विनायक दामोदर सावरकर इन्ही गुमनाम नायकों में शामिल एक प्रभावशाली शख्सीयत रहे हैं। उनकी कहानी जरूर बताई जानी चाहिए।  ‘स्वातंत्र वीर सावरकर’ के लिए फिल्म ‘सरबजीत’ के बाद में निर्माता संदीप सिंह के साथ फिर जुड़ा हूं और हमारी जोड़ी हमेशा हिट रही है।”

फिल्म ‘स्वातंत्र वीर सावरकर’ की शूटिंग इसी साल जून से शुरू हो जाएगी। इसे लंदन, महाराष्ट्र और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के विभिन्न स्थानों पर शूट किया जाएगा। फिल्म एक अलग स्पेक्ट्रम से भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को उजागर करेगी। निर्माता  निर्माता संदीप सिंह कहते हैं, “भारत में बहुत कम अभिनेता हैं जो अपनी प्रतिभा से जादू बिखेर सकते हैं और रणदीप उनमें से एक हैं।  वीर सावरकर को भारतीय इतिहास के सबसे विवादास्पद पात्रों में से एक मानते हुए मैं केवल रणदीप के बारे में सोच सकता था। वीर सावरकर के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, मुझे आश्चर्य है कि हमारी इतिहास की किताबों में वीर सावरकर का कभी उल्लेख क्यों नहीं किया गया?”



Source link

Enable Notifications OK No thanks