आज का शब्द: लालच और कुँवर नारायण की कविता- सहिष्णुता को आचरण दो

सामूहिक अनुष्ठानों के समवेत मंत्र-घोष शंख-स्वरों पर यंत्रवत हिलते नर-मुंड आंखें मूंद… इनमें व्यक्तिगत अनिष्ठा एक…

आज का शब्द: महत्त्वाकांक्षा और कुँवर नारायण की कविता- दुनिया को बड़ा रखने की कोशिश

'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- महत्त्वाकांक्षा, जिसका अर्थ है उच्चाकांक्षा या…

आज का शब्द: गोष्ठी और कुँवर नारायण की कविता- अकेला कवि

'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- गोष्ठी, जिसका अर्थ है- सभा-मंडली, परामर्श,…

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