'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- महत्त्वाकांक्षा, जिसका अर्थ है उच्चाकांक्षा या महत्वपूर्ण पद या सफलता प्राप्त करने की आकांक्षा। प्रस्तुत है कुँवर नारायण की कविता- दुनिया को बड़ा रखने की कोशिशअसलियत यही है कहते हुए
जब भी मैंने मरना चाहा
ज़िंदगी ने मुझे रोका है।असलियत यही है कहते हुए
जब भी मैंने जीना चाहा
ज़िंदगी ने मुझे निराश किया।असलियत कुछ नहीं है कहते हुए
जब भी मैंने विरक्त होना चाहा
मुझे लगा मैं कुछ नहीं हूँ।मैं ही सब कुछ हूँ कहते हुए
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जब भी मैंने व्यक्त होना चाहा
दुनिया छोटी पड़ती चली गई
एक बहुत बड़ी महत्त्वाकांक्षा के सामने।
1 hour ago