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तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने मंगलवार को महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट और द्रमुक में ‘वंशवाद की राजनीति’ के बीच समानता दिखाते हुए दावा किया कि एक और ‘एकनाथ शिंदे’ उभर सकते हैं। अन्नामलाई के इस दावे का राजनीतिक गलियारों में अर्थ लगया जा रहा है कि सीएम स्टालिन की पार्टी के भीतर विद्रोह हो सकता है।
वल्लुवर कोट्टम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अन्नामलाई ने कहा, “ढाई साल पहले, तीन दलों के एक समूह ने डीएमके और कांग्रेस की तरह गठबंधन बनाने के लिए हाथ मिलाया था। महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने हाथ मिलाया और भाजपा जिसके 105 विधायक थे, को पीछे धकेल दिया गया और शिवसेना ने 57 विधायकों के साथ सरकार बनाई। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भाजपा समर्थकों को बहुत प्रताड़ित किया।”
उन्होंने कहा, “फिर एकनाथ शिंदे 12 विधायकों के साथ बाहर आए। वह सूरत गए। यह राजधर्म है। जब होना होगा, तो होगा। यह महाराष्ट्र में ढाई साल बाद हुआ, हम देखेंगे कि यह तमिलनाडु में कब होता है।”
अन्नामलाई ने द्रमुक की तुलना शिवसेना से की
के अन्नामलाई ने शिवसेना और द्रमुक की ‘वंशवादी राजनीति’ की तुलना करते हुए कहा कि तमिलनाडु में भी एक बागी नेता उभरेगा। के अन्नामलाई ने एकनाथ शिंदे का समर्थन करते हुए कहा, “एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से निकलकर ‘राज धर्म’ का पालन किया है। यह तमिलनाडु में भी होगा… लोकसभा चुनाव में हमें (तमिलनाडु भाजपा) 25 सांसद मिलेंगे, जो राज्य में विधानसभा चुनाव में 150 विधायकों के बराबर है।
अन्नामलाई ने कहा- दोनों परिवारों का इतिहास एक जैसा
अन्नामलाई ने कहा, “बाल ठाकरे के बड़े बेटे बिंदुमाधव ठाकरे फिल्मों में अभिनय करना चाहते थे, लेकिन उनकी फिल्में अच्छी नहीं चलीं। इसी तरह, करुणानिधि के बड़े बेटे एमके मुथु ने फिल्मों में अभिनय करने की योजना बनाई, लेकिन उनकी यह योजना काम नहीं आई। बाल ठाकरे के दूसरे बेटे जयदेव ठाकरे हैं। वह परिवार से दूर हैं। करुणानिधि के दूसरे बेटे एमके अझागिरी भी ठाकरे परिवार की तरह पार्टी से बाहर हैं।बाल ठाकरे के तीसरे बेटे उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला, करुणानिधि के तीसरे बेटे एमके स्टालिन भी उनके (बालासाहेब ठाकरे के) बेटे की तरह सीएम बने।
उन्होंने कहा, “उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हैं, इसी तरह स्टालिन के बेटे उदयनिधि की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हैं। दोनों अपनी-अपनी पार्टियों के युवा विंग के नेता हैं। तमिलनाडु कैबिनेट फेरबदल के लिए तैयार है। एकनाथ शिंदे सामने आएंगे।”
चुनावी वादों को पूरा करने के लिए 31 दिसंबर तक का दिया अल्टीमेटम
कार्यक्रम में अन्नामलाई ने सत्तारूढ़ द्रमुक को चुनावी वादों को लागू करने के लिए 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि “हम राज्य सरकार से इस साल 31 दिसंबर तक अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए कहना चाहते हैं। अगर 31 दिसंबर तक TASMAC स्टोर (सरकार द्वारा संचालित शराब की दुकानें) बंद नहीं हुए, तो कन्याकुमारी के विवेकानन्द रॉक मेमोरियल से चेन्नई के गोपालपुरम तक ‘पदयात्रा’ आयोजित की जाएगी। भाजपा नेता ने डीएमके को चेतावनी दी है कि अगर डीएमके अपने वादों को पूरा करने में विफल रहती है तो पार्टी एक जनवरी, 2023 से राज्यव्यापी पदयात्रा पर जाएगी।