Target Killing in Kashmir : आतंकियों के निशाने पर क्यों हैं कश्मीरी हिंदू, क्यों लगातार हो रही हत्याएं?


जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के दो साल बाद घाटी में हालात खराब होने लगे हैं। आतंकवादियों के टारगेट पर कश्मीर में रहने वाले हिंदू और सिख हैं। ये आतंकवादी दूसरे प्रदेशों से पहुंचे मजदूरों को भी नहीं छोड़ रहे हैं। पिछले छह महीने के अंदर टारगेट करके 18 लोगों की हत्या हो चुकी है, इनमें 11 हिंदू, एक सिख और छह मुस्लिम थे। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर कश्मीरी हिंदू आतंकियों के निशाने पर क्यों हैं? क्यों चुन-चुनकर उनकी हत्या कर रहे हैं? आइए जानते हैं…

 

2016 से 2021 के बीच 34 हत्याएं

दिसंबर 2021 में राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में पिछले पांच साल में अल्पसंख्यक समुदाय (हिंदू और सिख) के करीब 34 लोगों की हत्या की है, जिसमें 2021 में मारे गए 11 लोग भी शामिल हैं। 

 

हिंदुओं को मारने के बाद आतंकवादियों ने क्या कहा? 

हिंदुओं की हत्या करने के बाद ये आतंकवादी कोई न कोई पत्र जरूर जारी करते हैं 13 अप्रैल 2022  को कुलगाम जिले में ड्राइवर सतीश कुमार सिंह राजपूत पर गोलियां बरसा दी थीं। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी मौत हो गई। 

इस घटना के बाद आतंकी संगठन लश्कर ए इस्लाम ने कश्मीरी हिंदुओं को धमकी देते हुए एक पत्र जारी किया। इसका नाम ‘काफिर के नाम एक पत्र’ था। इसमें आतंकवादियों ने धमकी दी कि कश्मीरी हिंदू या तो घाटी छोड़ें या उन्हें मार दिया जाएगा।  

इसी तरह गुरुवार को बैंक प्रबंधक और मजदूर की हत्या की जिम्मेदारी आतंकी संगठन केकेएफ ने ली। उसने भी धमकी भरा पत्र जारी करके हत्या करने की बात मानी। और कहा कि अगर कोई भी कश्मीर की भौगोलिक स्थिति को बदलने की कोशिश करेगा तो उसका अंजाम यही होगा।  

 

अचानक क्यों बढ़ी इस तरह की घटनाएं? 

370 हटने के दो साल बाद केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से काफी सुरक्षा कम कर ली है। आम लोगों को अच्छे से रह सकें, इसके लिए कई तरह की रियायतें भी दी जा रहीं हैं। कश्मीरी हिंदू जो 1990 में पलायन करके दिल्ली और बाकी प्रदेशों में चले गए थे, उन्हें भी फिर से बसाने के लिए कोशिश की जा रही है। इसके लिए उन्हें नौकरी व अन्य सुविधाएं भी दी जा रहीं हैं। घाटी में सुधरते हालात से आतंकी बौखलाए हुए हैं। इसी बौखलाहट में इस तरह की वारदात करके कश्मीर के आम लोगों को डराने की कोशिश कर रहे हैं।  

 

 इस साल कब-कब और किसकी हत्या हुई?  

  • 2 जून:  कुलगाम जिले में बैंक प्रबंधक विजय कुमार की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। शाम को मजदूरों पर आतंकवादियों ने हमला किया। इसमें बिहार के दिलखुश की मौत हो गई, जबकि पंजाब का एक मजदूर गंभीर रूप से घायल है। 
  • 31 मई: कुलगाम के गोपालपोरा में शिक्षक रजनी बाला की हत्या। 
  • 25 मई: बडगाम में घर पर टीवी कलाकार अमरीन भट की हत्या। उसका 10 वर्षीय भतीजा हाथ में गोली लगने से घायल।
  • 24 मई: श्रीनगर में पुलिसकर्मी सैफुल्ला कादरी की हत्या। उसकी 7 साल की बेटी घायल हुई। 
  • 17 मई 2022: आतंकियों ने बारामुला जिले के दीवान बाग इलाके में नई खुली शराब की दुकान पर ग्रेनेड फेंक दिया था। इस हमले में 52 साल के रंजीत सिंह की मौत हो गई और तीन लोग बुरी तरह से घायल हुए।
  • 12 मई 2022 : सरकारी कर्मचारी राहुल भट को आतंकवादियों ने मध्य कश्मीर के बड़गाम जिले के चडूरा शहर के तहसील कार्यालय के अंदर गोली मार दी। उन्हें 2010-11 में प्रवासियों के लिए दिए गए विशेष पैकेज के तहत यहां क्लर्क की नौकरी मिली थी। 
  • 13 अप्रैल 2022 : जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों ने खुलेआम गोलीबारी करते हुए सतीश कुमार सिंह राजपूत को मौत के घाट उतार दिया। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी मौत हो गई। काकरां के रहने वाले सतीश पेशे से ड्राइवर थे। 
  • 4 अप्रैल 2022 : बाल कृष्ण भट (39) को शोपियां में उनके घर के पास एक संदिग्ध आतंकी ने उन्हें मार दिया था।



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