नई दिल्ली. संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat ) का कहना है कि कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandit) को अगले साल अपनी मातृभूमि में बसने का संकल्प लेना चाहिए. साथ ही भागवत ने कहा कि उन्हें इस तरह से बसना चाहिए कि वे भविष्य में कभी भी वहां से फिर से उजड़ न जाएं. आरएसएस प्रमुख ने ये भी कहा कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने न केवल विस्थापित कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा को दिखाया है, बल्कि देश को भी हिला दिया है. भागवत ने बातें तीन दिवसीय नवरेह उत्सव के अंतिम दिन कही.
भागवत ने कश्मीरी पंडित समुदाय को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा, ‘कुछ लोग द कश्मीर फाइल्स के समर्थन में हैं, कुछ इसे आधा सच कह रहे हैं… लेकिन इस देश के आम आदमी की राय है कि दुनिया के सामने विनाशकारी सच पेश करके इस फिल्म ने न केवल विस्थापितों का दर्द पेश किया है. बल्कि हमें भी हिला दिया.’
‘इस तरह से बसना है कि आप फिर से उजड़ न जाएं’
भागवत ने कहा कि कोई भी कश्मीरी पंडितों को जाने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है. और अगर कोई कोशिश करता है, तो उसे परिणाम भुगतने होंगे. उन्होंने कहा, ‘2011 में हमने वापस लौटने के लिए इसी तरह का समर्पण किया था, लेकिन वो समय नहीं था. अब समय आ गया है कि हम अपनी शर्तों के साथ वापस आएं और वहां बस जाएं… आपको वहां बसने की जरूरत नहीं है, बल्कि इस तरह से बसना है कि आप फिर से उजड़ न जाएं.’
भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रवक्ता जी एल रैना के मुताबिक, ये पहला अवसर होगा, जब भागवत ने कश्मीरी पंडित समुदाय को संबोधित किया. भागवत ने कहा, ‘तीन दिन के इस कार्यक्रम में हम अपने पूर्वजों के व्यक्तित्व का स्मरण करते हैं, प्रेरणा लेते हैं, संकल्प लेते हैं और इसीलिए शौर्य दिवस को आपने इस महोत्सव को नाम दिया है. परिस्थितियां हर तरह की जीवन में आती हैं और जाती भी हैं.’
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Kashmiri Pandit, Mohan bhagwat