नवरेह 2022: मोहन भागवत ने कश्मीरी हिंदूओं को किया संबोधित, बोले- इस बार ऐसा बसना है कि फिर कोई उजाड़ न सके


अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू
Published by: kumar गुलशन कुमार
Updated Sun, 03 Apr 2022 12:23 PM IST

सार

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि अब संकल्प पूर्ति का समय नजदीक है। अबकी बार अपनी मातृभूमि में ऐसे बसना है कि फिर कोई उजाड़ न सके।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को नवरेह महोत्सव के मौके पर कश्मीरी हिंदू समुदाय को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए संबोधित किया। एक से तीन अप्रैल तक जम्मू में संजीवनी शारदा केंद्र की तरफ से तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें तीसरे दिन सरसंघचालक ने कश्मीर हिंदू समुदाय को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान कश्मीरी हिंदू समुदाय को नवरेह के शुभ त्योहार पर अपनी मातृभूमि में लौटने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस दौराह मोहन भागवत ने कहा कि अब संकल्प पूर्ति का समय नजदीक है। अबकी बार अपनी मातृभूमि में ऐसे बसना है कि फिर कोई उजाड़ न सके।

सरसंघचालक ने राजा ललितादित्य के इतिहास पर विस्तार से चर्चा की। वहीं, उन्होंने फिल्म कश्मीर फाइल्स का जिक्र करते हुए कहा कि धीरे-धीरे सच देश के सामने आ रहा है। इस पर अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही हैं। लेकिन, आम लोग कश्मीरी हिंदुओं के दर्द को समझ रहे हैं और उनके बीच में कश्मीरी हिंदुओं के लिए सहानुभूति है।

विस्तार

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को नवरेह महोत्सव के मौके पर कश्मीरी हिंदू समुदाय को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए संबोधित किया। एक से तीन अप्रैल तक जम्मू में संजीवनी शारदा केंद्र की तरफ से तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें तीसरे दिन सरसंघचालक ने कश्मीर हिंदू समुदाय को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान कश्मीरी हिंदू समुदाय को नवरेह के शुभ त्योहार पर अपनी मातृभूमि में लौटने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस दौराह मोहन भागवत ने कहा कि अब संकल्प पूर्ति का समय नजदीक है। अबकी बार अपनी मातृभूमि में ऐसे बसना है कि फिर कोई उजाड़ न सके।

सरसंघचालक ने राजा ललितादित्य के इतिहास पर विस्तार से चर्चा की। वहीं, उन्होंने फिल्म कश्मीर फाइल्स का जिक्र करते हुए कहा कि धीरे-धीरे सच देश के सामने आ रहा है। इस पर अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही हैं। लेकिन, आम लोग कश्मीरी हिंदुओं के दर्द को समझ रहे हैं और उनके बीच में कश्मीरी हिंदुओं के लिए सहानुभूति है।



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