टाटा का हुआ एक और सार्वजनिक उपक्रम, नीलाचल इस्पात का अधिग्रहण पूरा, ₹12100 करोड़ में जीती थी बोली


नई दिल्ली. सरकारी कंपनी नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) का रणनीतिक विनिवेश टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड के साथ पूरा हो गया है. टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स ने कंपनी का 12,100 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया है. केंद्र सरकार ने सोमवार को इसकी घोषणा की.

टाटा स्टील की इकाई टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स (टीएसएलपी) ने इस साल जनवरी में ओडिशा स्थित एनआईएनएल में 93.71 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए बोली जीती थी. पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि मार्च से जून के अंत तक प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.

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वित्त मंत्रालय का बयान
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा, संयुक्त उद्यम भागीदारों (4 सीपीएसई और 2 ओडिशा सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों) के 93.71 प्रतिशत शेयरों के टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड को हस्तांतरण के साथ एनआईएनएल का रणनीतिक विनिवेश पूरा हो गया है.” बकौल वित्त मंत्रालय इसके लिए टाटा ने 12,100 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.

किसकी कितनी हिस्सेदारी
नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) 4 सीपीएसई का एक संयुक्त उद्यम है. इसमें एमएमटीसी की 49.78 प्रतिशत, एनएमडीसी की 10.10 प्रतिशत, भेल और मेकॉन की 0.68-0.68 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. इसके अलावा ओडिशा सरकार के दो सार्वजनिक उपक्रमों ओएमसी और आईपीआईसीओएल की क्रमश: 20.47 प्रतिशत और 12.00 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. वित्त मंत्रालय ने सोमवार को अपने बयान में कहा कि इस रकम का उपयोग एसपीए के अनुसार कर्मचारियों, परिचालन लेनदारों, सुरक्षित वित्तीय लेनदारों, विक्रेताओं (परिचालन और वित्तीय बकाया) और शेयर बेचने वालों को भुगतान देने के लिए किया गया है. गौरतलब है कि जनवरी में स्टील मंत्रालय ने कहा था कि कंपनी के पुराने कर्मचारी अब भी कंपनी में बने रहेंगे.

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नीलाचल स्टील की क्षमता बढ़ाएगी टाटा
टाटा स्टील के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने पिछले महीने कहा था कि कंपनी अधिग्रहण प्रक्रिया पूरा होने के बाद नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) की सालाना क्षमता को अगले एक साल के दौरान बढ़ाकर 11 लाख टन करेगी. हालांकि, उन्होंने कहा की नीलाचल इस्पात की क्षमता में सुधार सांविधिक मंजूरी पर निर्भर करेगा. नीलाचल एकीकृत लोहा और इस्पात का उत्पादन करती है. बता दें कि कंपनी भारी घाटे में चल रही थी और इसका ओडिशा स्थित 11 लाख टन की क्षमता वाला प्लांट 30 मार्च, 2020 से बंद है.

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