सक्तेशगढ़ आश्रम में चली गोली: कहीं स्वामी अड़गड़ानंद महाराज को मारने की तो नहीं थी साजिश , उठ रहे कई सवाल


यथार्थ गीता के प्रणेता स्वामी अड़गड़ानंद महाराज के मिर्जापुर स्थित सक्तेशगढ़ आश्रम में गुरुवार सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में गोली चलने की सूचना से हड़कंप मचा है। घटना में एक साधु की मौत हो चुकी है तो वहीं दूसरे का इलाज चंदौली के निजी अस्पताल में चल रहा है। घटना के वक्त स्वामी अड़गड़ानंद महाराज आश्रम स्थित अपने कमरे में मौजूद थे। घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं।

आशंका जताई जा रही है कि कहीं स्वामी अड़गड़ानंद महाराज की हत्या की साजिश तो नहीं रची गई थी। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। सीसी कैमरे की फुटेज को कब्जे में ले लिया गया है। पुलिस से घटनास्थल से दो तमंचे मिले हैं। घटना को लेकर ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब पुलिस तलाश रही है।

गोली लगने से जिस साधु जीवन बाबा की मौत हुई वो सीहोर जनपद शिवपुर (मध्य प्रदेश) के रहने वाले हैं। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। वहीं घायल साधु आशीष महराज (46) का उपचार चंदौली स्थित निजी अस्पताल में चल रहा है।  

पुलिस के मुताबिक जीवन बाबा ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी की है। लेकिन चर्चा है कि उसने पहले स्वामी अड़गड़ानंद के बेहद करीबी आशीष महाराज को गोली मारी। इसके बाद उसने खुद के सिर में गोली मारी है।

सूत्रों से जानकारी मिली कि तीन महीने पहले तक साधु जीवन बाबा आश्रम की रसोई का कार्य देखा करते थे। तीन माह पहले जीवन बाबा ने किसी के ऊपर खौलता तेल फेंक दिया था। जिस पर स्वामी अड़गड़ानंद महाराज ने उसे आश्रम से निकाल दिया था। हालांकि वह आश्रम वो आश्रम आता-जाता रहता था। 

जीवन बाबा पहले साधु की वेशभूषा में रहता था। बुधवार शाम को वो पैंट-शर्ट पहनकर आश्रम में आया। उसे कोई पहचान न सका। बाद में पहचान होने पर उसने लोगों से संवाद किया। रात में खाना खाया और वहीं सो गया। 

स्वामी अड़गड़ानंद महाराज रोजाना सुबह पांच बजे टहलने के लिए निकलते हैं। गुरुवार सुबह भी वह टहलने के लिए निकले थे। जब वो वापस अपने कक्ष में पहुंचे तो जीवन बाबा स्वामी जी मिलने पहुंचा। उसके पास दो तमंचे थे। कक्ष के बाहर खड़े आशीष महाराज ने उसे रोकने की कोशिश की। जिसके बाद दोनों में गुत्थमगुत्थी भी हुई।



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