UP News : निवेश को बढ़ाने के लिए जल्द आएगी एमएसएमई की नई नीति, खर्च होंगे 600 करोड़


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सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने और इस क्षेत्र को पहले से ज्यादा मजबूत करने के लिए एमएसएमई की नई नीति जल्द लागू की जाएगी। उधर, सरकार ने एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए नए औद्योगिक क्षेत्र खोलने के साथ ही पुराने क्षेत्रों के कायाकल्प का भी काम शुरू किया है।  सरकार ने इसके लिए 600 करोड़ का प्रावधान किया है। 

 प्रतापगढ़, प्रयागराज, अलीगढ़ और महोबा में नए औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 50 करोड़ रुपये एवं अयोध्या में पीपेट केंद्र के निर्माण और संयंत्रों के लिए 30 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। वहीं, औद्योगिक क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 20 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। क्लस्टर विकास योजना और पुराने औद्योगिक क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। युवाओं को जॉब सीकर के बजाय जॉब क्रिएटर  बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्पों पर काम किया जा रहा है।

ओडीओपी की ब्रांडिंग के लिए 46 करोड़ का बजट
एक जनपद- एक उत्पाद योजना ब्रांडिंग के लिए इस साल 46.25 करोड रुपये खर्च करने का प्रावधन है, जबकि पिछले वर्ष 28.90 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। श्रम सम्मान योजना पर 112.5 करोड़ रुपये खर्च होंगे, वहीं बीते वर्ष इस योजना पर 20.40 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। 

लघु उद्योग क्लस्टर विकास योजना के तहत सब्सिडी देने के लिए 45.50 करोड़ प्रावधान है। औद्योगिक क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा, सशक्तिकरण के लिए जागरूकता और क्षमता निर्माण के लिए 12 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। 

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सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने और इस क्षेत्र को पहले से ज्यादा मजबूत करने के लिए एमएसएमई की नई नीति जल्द लागू की जाएगी। उधर, सरकार ने एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए नए औद्योगिक क्षेत्र खोलने के साथ ही पुराने क्षेत्रों के कायाकल्प का भी काम शुरू किया है।  सरकार ने इसके लिए 600 करोड़ का प्रावधान किया है। 

 प्रतापगढ़, प्रयागराज, अलीगढ़ और महोबा में नए औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 50 करोड़ रुपये एवं अयोध्या में पीपेट केंद्र के निर्माण और संयंत्रों के लिए 30 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। वहीं, औद्योगिक क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 20 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। क्लस्टर विकास योजना और पुराने औद्योगिक क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। युवाओं को जॉब सीकर के बजाय जॉब क्रिएटर  बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्पों पर काम किया जा रहा है।

ओडीओपी की ब्रांडिंग के लिए 46 करोड़ का बजट

एक जनपद- एक उत्पाद योजना ब्रांडिंग के लिए इस साल 46.25 करोड रुपये खर्च करने का प्रावधन है, जबकि पिछले वर्ष 28.90 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। श्रम सम्मान योजना पर 112.5 करोड़ रुपये खर्च होंगे, वहीं बीते वर्ष इस योजना पर 20.40 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। 

लघु उद्योग क्लस्टर विकास योजना के तहत सब्सिडी देने के लिए 45.50 करोड़ प्रावधान है। औद्योगिक क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा, सशक्तिकरण के लिए जागरूकता और क्षमता निर्माण के लिए 12 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। 



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