उदयपुर की घटना का कानपुर से कनेक्शन: दावत-ए-इस्लामी संगठन के शहर में 50,000 से ज्यादा अनुयायी, ये बात भी सामने आई


ख़बर सुनें

भाजपा से निलंबित नूपुर शर्मा के समर्थन की पोस्ट सोशल मीडिया पर डालने पर उदयपुर में हुई कन्हैयालाल की हत्या करने वाले आरोपियों का कनेक्शन कानपुर से जुड़ रहा है। उदयपुर के डीजीपी एमएल लाठर के अनुसार भीलवाड़ा निवासी हत्यारोपी रियाज अटारी और उदयपुर के मोहम्मद गौस ने पूछताछ में बताया कि वह पाकिस्तान से संचालित होने वाले दावत-ए-इस्लामी संगठन से जुड़े हैं, जिनके कानपुर में 50,000 से ज्यादा अनुयायी हैं।

पड़ताल हो रही है कि ये दोनों वारदात से पहले कहीं कानपुर तो नहीं आए थे। 2019 में शहर में हुए सीएए बवाल के दौरान भी इस संगठन का नाम सामने आया था। उन्होंने शहर के कई इलाकों में बॉक्स लगाकर संगठन के नाम पर फंडिंग भी की थी। पुलिस शहर में सक्रिय संगठन के सदस्यों की तलाश में जुट गई है।
सीपी ने बुलाई आपात बैठक
पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने उदयपुर से इनपुट मिलते ही दावत-ए-इस्लामी संगठन की तफ्तीश और कार्रवाई के लिए मातहतों के साथ आपात बैठक बुलाई। शहर की सुरक्षा संबंधी प्लान बनाया। संवेदनशील इलाकों पर पुलिस का पहरा बढ़ाने के निर्देश दिए। खुफिया और आईबी को भी अलर्ट कर दिया गया है। सीएए बवाल के दौरान इस संगठन से जुड़े लोग जो जांच की जद में आए थे उनको ट्रेस करने के निर्देश दिए गए हैं। उनके नंबर सर्विलांस पर लगाए जाएंगे। सीपी ने बैठक के बाद बताया कि पुलिस की एक टीम सोशल मीडिया पर चल रही हर गतिविधि पर लगातार निगरानी कर रही है। किसी ने भी विवादित पोस्ट डाली तो उसपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

मिश्रित आबादी पर पुलिस की नजर
घटना के बाद कानपुर में भी हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। बुधवार को चंद्रेश्वर हाते के आसपास भारी पुलिस बल तैनात रहा। मिश्रित आबादी वाले ग्वालटोली, परेड, मछरिया, बाबूपुरवा, मूलगंज, जाजमऊ, प्रेम नगर, बेकनगंज, कर्नलगंज आदि क्षेत्रों में पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है। क्षेत्रों में रूट मार्च भी किया गया।

विस्तार

भाजपा से निलंबित नूपुर शर्मा के समर्थन की पोस्ट सोशल मीडिया पर डालने पर उदयपुर में हुई कन्हैयालाल की हत्या करने वाले आरोपियों का कनेक्शन कानपुर से जुड़ रहा है। उदयपुर के डीजीपी एमएल लाठर के अनुसार भीलवाड़ा निवासी हत्यारोपी रियाज अटारी और उदयपुर के मोहम्मद गौस ने पूछताछ में बताया कि वह पाकिस्तान से संचालित होने वाले दावत-ए-इस्लामी संगठन से जुड़े हैं, जिनके कानपुर में 50,000 से ज्यादा अनुयायी हैं।

पड़ताल हो रही है कि ये दोनों वारदात से पहले कहीं कानपुर तो नहीं आए थे। 2019 में शहर में हुए सीएए बवाल के दौरान भी इस संगठन का नाम सामने आया था। उन्होंने शहर के कई इलाकों में बॉक्स लगाकर संगठन के नाम पर फंडिंग भी की थी। पुलिस शहर में सक्रिय संगठन के सदस्यों की तलाश में जुट गई है।



Source link

Enable Notifications OK No thanks