गोरखनाथ मंदिर में योगी के निर्देश का असर: बाहर से अंदर किए गए लाउडस्पीकर, मानक से भी कम की गई आवाज


संवाद न्यूज एजेंसी, गोरखपुर
Published by: Vikas Kumar
Updated Mon, 25 Apr 2022 02:16 AM IST

सार

मुख्यमंत्री का निर्देश मिलते ही भजनों की आवाज निर्धारित मानक 45 डेसीबल तक कर दी गई। बावजूद इसके चहारदीवारी या गेट पर लगे लाउडस्पीकर से आवाज सड़क पर जा रही थी, इसलिए अब उसका मुंह मंदिर परिसर में अंदर की ओर कर दिया गया है। 

ख़बर सुनें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद गोरखनाथ मंदिर प्रबंधन द्वारा लाउडस्पीकर की आवाज धीमी करने के बाद अब रविवार को वहां लगे आधा दर्जन लाउडस्पीकर का मुंह जो पहले बाहर की तरफ थे उन्हें मंदिर परिसर की ओर कर दिया गया है। ऐसे में अब मंदिर परिसर में सुबह-शाम लाउडस्पीकर से बजने वाले भजन की गूंज परिसर से बाहर बिल्कुल भी नहीं जाएगी। यह सभी लाउडस्पीकर मंदिर परिसर के चहारदीवारी या गेट पर लगे हुए थे।

धार्मिक स्थलों पर अनावश्यक शोर न मचाने का फैसला बीते दिनों पर प्रदेश सरकार ने लिया तो मुख्यमंत्री ने उसी दिन मंदिर प्रबंधन को निर्देश दिया कि वह अपने सुबह-शाम बजने वाले भजनों की आवाज को ध्वनि प्रदूषण के मानक स्तर पर निर्धारित करें, जिससे कि किसी को अनावश्यक परेशानी न हो। 

मुख्यमंत्री का निर्देश मिलते ही भजनों की आवाज निर्धारित मानक 45 डेसीबल तक कर दी गई। बावजूद इसके चहारदीवारी या गेट पर लगे लाउडस्पीकर से आवाज सड़क पर जा रही थी, इसलिए अब उसका मुंह मंदिर परिसर में अंदर की ओर कर दिया गया है। मंदिर के आसपास बसे स्थानीय लोग इस निर्णय के बाद मुख्यमंत्री की भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे हैं।

विस्तार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद गोरखनाथ मंदिर प्रबंधन द्वारा लाउडस्पीकर की आवाज धीमी करने के बाद अब रविवार को वहां लगे आधा दर्जन लाउडस्पीकर का मुंह जो पहले बाहर की तरफ थे उन्हें मंदिर परिसर की ओर कर दिया गया है। ऐसे में अब मंदिर परिसर में सुबह-शाम लाउडस्पीकर से बजने वाले भजन की गूंज परिसर से बाहर बिल्कुल भी नहीं जाएगी। यह सभी लाउडस्पीकर मंदिर परिसर के चहारदीवारी या गेट पर लगे हुए थे।

धार्मिक स्थलों पर अनावश्यक शोर न मचाने का फैसला बीते दिनों पर प्रदेश सरकार ने लिया तो मुख्यमंत्री ने उसी दिन मंदिर प्रबंधन को निर्देश दिया कि वह अपने सुबह-शाम बजने वाले भजनों की आवाज को ध्वनि प्रदूषण के मानक स्तर पर निर्धारित करें, जिससे कि किसी को अनावश्यक परेशानी न हो। 

मुख्यमंत्री का निर्देश मिलते ही भजनों की आवाज निर्धारित मानक 45 डेसीबल तक कर दी गई। बावजूद इसके चहारदीवारी या गेट पर लगे लाउडस्पीकर से आवाज सड़क पर जा रही थी, इसलिए अब उसका मुंह मंदिर परिसर में अंदर की ओर कर दिया गया है। मंदिर के आसपास बसे स्थानीय लोग इस निर्णय के बाद मुख्यमंत्री की भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे हैं।



Source link

Enable Notifications OK No thanks