सार
दिल्ली पुलिस ने कहा कि कुछ शरारती तत्व जानबूझकर दिल्ली पुलिस की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
दिल्ली के एक होटल का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया गया है कि एक कश्मीरी युवक को होटल में कमरा सिर्फ इस वजह से नहीं दिया गया, क्योंकि वह कश्मीर से ताल्लुक रखता है। इसके बाद सोशल मीडिया पर विवाद होने लगा और पूरे मामले को द कश्मीर फाइल्स फिल्म से जोड़ने की कोशिश की गई। अमर उजाला ने इसकी पड़ताल की और यह पता लगाने की कोशिश की कि आखिर पूरा मामला क्या है? इस घटनाक्रम में होटल के मालिक, रिशेप्सनिस्ट और दिल्ली पुलिस से भी बात की गई।
दिल्ली के होटल प्लीजेंट का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह पूरा घटनाक्रम 22 मार्च का बताया जा रहा है। इस होटल का टाईअप ओयो से था और लड़के ने ओयो के माध्यम से रूम बुक किया था। इस वीडियो में होटल की रिशेप्सनिस्ट और एक कश्मीरी युवक के बीच की बातचीत है, जिसमें कश्मीरी युवक कमरा नहीं मिलने का कारण पूछता है। इस दौरान रिशेप्सनिस्ट होटल के मालिक से फोन पर बात करती है और बताती है कि कश्मीरी युवक रूम नहीं देने का कारण जानना चाहता है। इसके बाद रिशेप्सनिस्ट कहती है कि दिल्ली पुलिस ने कश्मीर के किसी भी पहचान पत्र पर कमरा नहीं देने का आदेश जारी किया है। इस वजह से युवक को कमरा नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में कश्मीरी युवक दिल्ली पुलिस के पास जाने की बात कहकर चला जाता है।
अमर उजाला ने इस मामले में होटल के मालिक राकेश दिवाकर से बातचीत की। उन्होंने पूरे मामले को झूठा करार दिया। साथ ही, कहा कि चीजों को गलत तरीके से दिखाने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, उस वक्त होटल के सभी कमरे फुल थे और सिर्फ एक कमरा खाली था। उस कमरे में भी एसी ठीक से काम नहीं कर रहा था, लेकिन कस्टमर कुछ भी समझने के लिए तैयार नहीं हुआ। हमने कभी भी कश्मीरी के किसी भी शख्स को कमरा देने से इनकार नहीं किया है, बल्कि हमारे पास तो उस युवक के पहचान पत्र की भी फोटोकॉपी है। अगर हम रूम देने से इनकार करते तो उनके पहचान पत्र की फोटोकॉपी क्यों रखते?
इस मामले में रिशेप्सनिस्ट ने भी वीडियो जारी करके अपना पक्ष रखा। उसने कहा कि कश्मीरी होने की वजह से युवक को रूम देने से इनकार नहीं किया गया था। यह वीडियो सिर्फ मुझे बदनाम करने के लिए वायरल किया जा रहा है। गेस्ट को बताया गया था कि नॉन एसी रूम मौजूद है, जिसका टीवी भी काम नहीं कर रहा है। उनसे कहा गया था कि आप कुछ देर एडजस्ट कर लीजिए, जैसे ही दूसरा कमरा खाली होगा, आपको उसमें शिफ्ट कर दिया जाएगा।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस ने भी इस मामले में सफाई दी। गौर करने वाली बात यह है कि जब अमर उजाला की टीम महिंद्रा पार्क थाने पहुंची तो पुलिस ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस मामले को लेकर पहले ही ट्वीट कर दिया था। उन्होंने लिखा कि हमने किसी भी होटल को आदेश नहीं दिया कि कश्मीरी लोगों को कमरे नहीं दिए जाएं। दिल्ली पुलिस ने कहा कि कुछ शरारती तत्व जानबूझकर दिल्ली पुलिस की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
बता दें कि इस पूरे मामले को फिल्म द कश्मीर फाइल्स से जोड़ा जा रहा है। जम्मू-कश्मीर छात्र संघ के प्रवक्ता नासिर खुएमी ने इस मामले का वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया और इसके पीछे द कश्मीर फाइल्स फिल्म को जिम्मेदार बताया। उन्होंने लिखा, ‘द कश्मीर फाइल्स का ग्राउंड पर असर। दिल्ली के होटल ने पहचान पत्र होने के बावजूद कश्मीरी युवक को कमरा देने से इनकार किया। ऐसा लगता है कि कश्मीरी होना एक गुनाह है।’
इस पूरे मामले में ओयो रूम्स ने भी ट्वीट करके सफाई दी। साथ ही, संबंधित होटल को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया। ओयो रूम्स ने लिखा, ‘हमारे कमरे और हमारे दिल हर किसी के लिए खुले हुए हैं। इस तरह के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हम इस मामले की जांच करेंगे कि होटल ने ग्राहक को चेकइन करने से क्यों रोका? यह पूरा मामला हमारे संज्ञान में लाने के लिए धन्यवाद।’
विस्तार
दिल्ली के एक होटल का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया गया है कि एक कश्मीरी युवक को होटल में कमरा सिर्फ इस वजह से नहीं दिया गया, क्योंकि वह कश्मीर से ताल्लुक रखता है। इसके बाद सोशल मीडिया पर विवाद होने लगा और पूरे मामले को द कश्मीर फाइल्स फिल्म से जोड़ने की कोशिश की गई। अमर उजाला ने इसकी पड़ताल की और यह पता लगाने की कोशिश की कि आखिर पूरा मामला क्या है? इस घटनाक्रम में होटल के मालिक, रिशेप्सनिस्ट और दिल्ली पुलिस से भी बात की गई।
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