खुशी देने वाली आदतों का सेहत पर हो रहा उल्टा असर, एक्सपर्ट्स से जानिए वजह


Tips to Balance Dopamine Level : इंसान हमेशा कुछ नया करने की कोशिश करता है. ये हमारे ब्रेन में डोपामाइन (Dopamine) केमिकल की मात्रा से तय होता है. डोपामाइन (Dopamine) अधिक स्रावित (secreted) होने पर खुशी का अहसास होता है. और इसकी मात्रा घटने पर निराशा महसूस होती है. डोपामाइन (Dopamine) एक ऐसा कैमिकल मैसेंजर है जो दिमाग (Brain) को कई अच्‍छी चीजें करने के लिए मोटिवेट करता हैं. जब ब्रेन में बड़ी संख्‍या में डोपामाइन कैमिकल रिलीज होता है तो कई सकारात्‍मक भावनाएं जैसे प्रेरणा, यादें, खुशी और सुकून आदि मन में पैदा होती हैं.वहीं जब कम संख्‍या में ये कैमिकल रिलीज होता है तो लोगों में निराशा जैसे बिहेवियर देखने को मिलते हैं. हालांकि रोजमर्रा की जिंदगी में हमारी आदतें डोपामाइन को प्रभावित करने लगी हैं. कैफीन, सोशल मीडिया, वीडियो गेम्स इसे एक्सट्रीम लेवल (चरम स्तर) पर पहुंचा रहे हैं.

चूंकि संतुलन बनाने की कोशिश में दिमाग डोपामाइन को घटाता है, इसलिए चिंता, अवसाद (anxiety, depression) की स्थिति बनने लगती है. दैनिक भास्कर अखबार में टाइम मैगजीन के हवाले से छापी न्यूज रिपोर्ट में विशेषज्ञ बता रहे हैं कि कैसे हेल्दी डोपामाइन का लेवल बनाए रखकर खुशी पाई जा सकती है.

लत छोड़ना ही इलाज
साइकेट्रिस्ट और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (Stanford University) की प्रोफेसर एना लेंबके (Anna Lembke) बताती है कि अपने डेली रूटीन पर नजर डालें कि क्या आपकी कोई एक्टिविटी विवशता बन रही है? अगर ऐसा है, तो ये डोपामाइन को हाई लेवल तक बढाकर आपकी खुशी कम करने में योगदान दे सकती है. लोग इन दिनों एक तिहाई समय मोबाइल में बिताते हैं. इसलिए इससे दूर रहना बेहतर है. लेंबके के अनुसार, एक व्यक्ति को ऑनलाइन शॉपिंग की ऐसी लत लगी कि वह कर्जदार हो गया. उसे दवा देने के बजाय एक महीना बिना ऑनलाइन शॉपिंग बिताने को कहा गया. सबको ठीक होने में 30 दिन नहीं लगते, कई लोग एक हफ्ते में भी आदत से छुटकारा पा लेते हैं.

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एक्सरसाइज से बैंलेस करें डोपामाइन का लेवल
कई बार एक्सरसाइज से मिलने वाला दर्द भी सकारात्मक बदलाव (positive change) लाता है. दरअसल, उम्र बढ़ने के साथ हर दशक में 10 प्रतिशत डोपामाइन घटता जाता है. इसे एक्सरसाइज से बैलेंस रखा जा सकता है. इस दौरान म्यूजिक भी मोटिवेशन (motivation) का काम करता है. डोपामाइन रिसर्चर और साइकेट्रिस्ट नोरा वॉकवो (Nora Volkow) कहती हैं, लोग एक्टिविटी बढ़ाने के लिए कैफीन (चाय-कॉफी) पीते हैं. कई गेमर वीडियो गेम्स खेलने के लिए एनर्जी ड्रिंक्स पीते हैं, लेकिन ये दिमाग के बैलेंसिंग सिस्टम को इफैक्ट करता है, डिप्रेशन को बढ़ाता है. सार ये है कि अपने दिमाग को एक ही काम में लगातार ना लगाए रखें. उसे आराम देना जरूरी है. तभी दिमाग डोपामाइन का बैलेंस लेवल बनाए रखेगा.

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ठंडे शॉवर से मिलेगा आराम
डोपामाइन के लेवल में अधिक कमी या अधिकता से लंबे समय में मानसिक स्थिति (mental state) गड़बड़ा सकती है. आप कुछ पल अच्छा महसूस करते हैं, तो अगले ही पल नकारात्मक महसूस कर सकते हैं. प्रोफेसर एना लेंबके (Anna Lembke) के अनुसार, ऐसे समय ठंडे पानी से शॉवर लेना फायदेमंद हो सकता है. कुछ स्टडीज से ये भी पता चला है कि ठंडे पानी के संपर्क से दिमाग डोपामाइन सहित फील-गुड केमिकल्स को बढ़ाता है. डोपामाइन के कम-ज्यादा होने की स्टडी करने वाले न्यूरोसाइंटिस्ट केनेथ किशिदा (Kenneth Kishida) के अनुसार, कैंपिंग ट्रिप के जरिए भी डोपामाइन लेवल सुधारा जा सकता है. इस दौरान ठंडे पानी से स्नान, अंतराल पर भोजन और छोटे टेंट में सोना शामिल है.

Tags: Health, Health News, Lifestyle

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