व्यवस्था का हाल: जान जोखिम में डाल ट्रेन पर लटक कर जा रहे कांवड़िए, शिवभक्तों के आगे पुलिसकर्मी बेबस


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महाशिवरात्रि पर भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करने और पवित्र गंगाजल लाने के लिए बड़ी संख्या में कांवड़िए हरिद्वार रवाना हो रहे हैं। रूट डायवर्जन की वजह से शामली जिले में सड़क यातायात के तमाम साधन बंद हैं। सिर्फ सहारनपुर होकर हरिद्वार जाने का विकल्प है। रेल यातायात की बात करें तो सिर्फ एक कांवड़ स्पेशल ट्रेन दिल्ली से शामली होते हुए हरिद्वार के लिए संचालित है। जिसमें पहले से ही भीड़ इस कदर होती है कि ट्रेन के दरवाजे पर लटकना भी मुश्किल दिखाई देता है। ऐसे में रोजाना जिले के सैकड़ों कांवड़ियों को जान जोखिम में डालकर इस ट्रेन से हरिद्वार जाना पड़ रहा है। 

कांवड़ स्पेशल रोजाना ट्रेन रात करीब 11 बजे स्टेशन पर पहुंचती है। इससे पहले ही हजारों कांवड़िए स्टेशन पर पहुंच जाते हैं। इनमें से कुछ कांवड़िए किसी तरह ट्रेन में लटक जाते हैं, ज्यादातर को मायूस वापस लौटना पड़ता है। स्टेशन पर आरपीएफ, जीआरपी के साथ ही पुलिस के जवान वर्दी में और कांवड़ियों के वेश में ड्यूटी पर तैनात  हैं, लेकिन शिवभक्तों के हुजूम के आगे वह भी बेबस नजर आते हैं। इस समस्या पर बात करने पर रेलवे के डीआरएम ने कांवड़ स्पेशल ट्रेन में डिब्बे बढ़ाने का आश्वासन दिया है। 

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छत पर भी सवार हो जाते हैं कांवड़िए
दिल्ली-शामली-सहारनपुर रेलवे मार्ग पर विद्युतीकरण का कार्य चंद महीने पहले ही पूरा हुआ है। इससे पहले इस रेलवे मार्ग पर डीजल इंजन से ट्रेन चलती थी। विद्युत ट्रेन चलने के बाद भी कुछ शिव भक्त ट्रेन की छत पर बैठकर सफर कर रहे हैं। जो कि काफी खतरनाक है। आरपीएफ और जीआरपी के जवान उन्हें रोक नहीं पा रहे हैं।

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महाशिवरात्रि पर भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करने और पवित्र गंगाजल लाने के लिए बड़ी संख्या में कांवड़िए हरिद्वार रवाना हो रहे हैं। रूट डायवर्जन की वजह से शामली जिले में सड़क यातायात के तमाम साधन बंद हैं। सिर्फ सहारनपुर होकर हरिद्वार जाने का विकल्प है। रेल यातायात की बात करें तो सिर्फ एक कांवड़ स्पेशल ट्रेन दिल्ली से शामली होते हुए हरिद्वार के लिए संचालित है। जिसमें पहले से ही भीड़ इस कदर होती है कि ट्रेन के दरवाजे पर लटकना भी मुश्किल दिखाई देता है। ऐसे में रोजाना जिले के सैकड़ों कांवड़ियों को जान जोखिम में डालकर इस ट्रेन से हरिद्वार जाना पड़ रहा है। 

कांवड़ स्पेशल रोजाना ट्रेन रात करीब 11 बजे स्टेशन पर पहुंचती है। इससे पहले ही हजारों कांवड़िए स्टेशन पर पहुंच जाते हैं। इनमें से कुछ कांवड़िए किसी तरह ट्रेन में लटक जाते हैं, ज्यादातर को मायूस वापस लौटना पड़ता है। स्टेशन पर आरपीएफ, जीआरपी के साथ ही पुलिस के जवान वर्दी में और कांवड़ियों के वेश में ड्यूटी पर तैनात  हैं, लेकिन शिवभक्तों के हुजूम के आगे वह भी बेबस नजर आते हैं। इस समस्या पर बात करने पर रेलवे के डीआरएम ने कांवड़ स्पेशल ट्रेन में डिब्बे बढ़ाने का आश्वासन दिया है। 

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छत पर भी सवार हो जाते हैं कांवड़िए

दिल्ली-शामली-सहारनपुर रेलवे मार्ग पर विद्युतीकरण का कार्य चंद महीने पहले ही पूरा हुआ है। इससे पहले इस रेलवे मार्ग पर डीजल इंजन से ट्रेन चलती थी। विद्युत ट्रेन चलने के बाद भी कुछ शिव भक्त ट्रेन की छत पर बैठकर सफर कर रहे हैं। जो कि काफी खतरनाक है। आरपीएफ और जीआरपी के जवान उन्हें रोक नहीं पा रहे हैं।



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