रिंकू सिंह की कहानी: पोछा लगाने तक की नौकरी की, फिर क्रिकेट को बनाया जुनून, आईपीएल खेलने वाले अलीगढ़ के पहले क्रिकेटर


राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ कोलकाता नाइट राइडर्स के रिंकू सिंह ने 23 गेंदों पर 42 रन की नाबाद पारी खेली और टीम को जिताने में अहम भूमिका निभाई। जिस वक्त रिंकू मैदान पर उतरे थे, उस वक्त केकेआर ने 12.5 ओवर में 92 रन के स्कोर पर तीन विकेट गंवा दिए थे। तब कोलकाता को 43 गेंदों पर 61 रन की जरूरत थी। दूसरे छोर पर नीतीश राणा मौजूद थे। 

इस सीजन सिर्फ अपना तीसरा मैच खेल रहे रिंकू के लिए सबसे बड़ी परेशानी पिच से मिल रही टर्न थी। हालांकि, रिंकू ने इस चुनौती को स्वीकार किया और ट्रेंट बोल्ट की पहली ही गेंद पर चौका लगाकर अपनी मंशा जाहिर कर दी। इसके बाद तो रिंकू ने एक से बढ़कर कई जबरदस्त शॉट लगाए। जब रिंकू मैदान में पहुंचे थे तो नीतीश 31 रन बनाकर बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन रिंकू के चौका लगाते ही नीतीश एंकर की भूमिका में आ गए। यहीं से रिंकू ने मैदान में अपना जलवा बिखेरा और टीम को जीत दिलाई।  

 


नीतीश ने रिंकू का बखूबी साथ निभाया

नीतीश ने रिंकू का बखूबी साथ निभाया और लक्ष्य हासिल करने तक एक भी विकेट नहीं गिरने दिया। रिंकू ने मैच में कई अनऑर्थोडॉक्स शॉट भी लगाए, चाहे वह कुलदीप सेन की गेंद पर पैडल फ्लिक हो या युजवेंद्र चहल की गेंद पर जबरदस्त स्विप। उनकी पारी ने कमेंटेटर और पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर को भी अपना फैन बना लिया। 

रिंकू सिंह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले हैं और उनके इस स्टेज तक पहुंचने की कहानी काफी परेशानियों और दुख से भरी रही है। रिंकू के पिता अलीगढ़ में एक गैस वेंडर हैं। पांच बेटों में से एक रिंकू को स्कूल के समय से ही क्रिकेट काफी पसंद था और वह खाली समय में दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलते थे। इसमें उन्हें मजा आने लगा। इस बात का खुलासा रिंकू ने कोलकाता नाइट राइडर्स की वेबसाइट पर मौजूद एक वीडियो में किया।


पिता नहीं चाहते थे कि क्रिकेटर बने रिंकू

रिंकू बताते हैं- मेरे पिताजी मुझे क्रिकेट खेलता हुआ नहीं देखना चाहते थे। वह नहीं चाहते थे मैं अपना समय क्रिकेट पर बर्बाद करूं। कभी-कभी जिद्द में मेरी पिटाई भी हो जाती थी। खेलकर जब मैं घर लौटता था तो पिताजी डंडा लेकर तैनात रहते थे। हालांकि, मेरे भाइयों ने मेरा साथ दिया और मुझे क्रिकेट खेलने के लिए कहता था। मेरे पास तब गेंद खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। कुछ लोगों ने इसमें भी मेरी मदद की। 

इसके बाद रिंकू घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट्स खेलने लगे। एक बार उन्हें इनाम में एक मोटरसाइकिल मिली और इसे रिंकू ने अपने पिता को गिफ्ट में दे दी। पिता को भी एहसास हुआ कि जो मोटरसाइकिल वह अपने जीवन में नहीं खरीद सके, वह बेटे ने क्रिकेट खेलकर ला दिया। इन सब के बावजूद रिंकू का परिवार आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा था। साथ ही रिंकू को क्रिकेट जारी रखने के लिए पैसे की जरूरत थी।


कोचिंग सेंटर में पोछा लगाने की नौकरी मिली

रिंकू बताते हैं- मुझे एक कोचिंग सेंटर में पोछा लगाने की नौकरी मिली। कोचिंग सेंटर वालों ने कहा कि सुबह-सुबह आकर पोछा लगाकर जाया करो। मेरे भाई ने ही मुझे यह नौकरी दिलाई थी। मैं ये ज्यादा समय तक नहीं कर पाया और नौकरी छोड़ दी। मैं पढ़ भी नहीं पा रहा था, तो लगा कि अब क्रिकेट पर पूरा ध्यान लगाना चाहिए। मैंने सोच लिया कि क्रिकेट ही मुझे अब आगे ले जा सकता है और मेरे पास कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है।

रिंकू सिंह बताते हैं कि उन्हें जीवन में तीन खास लोगों का मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कहा- मुझे शुरुआत में ये नहीं पता था कि मैं अंडर-16 टीम में कैसे जाऊंगा। उसके ट्रायल का भी कोई अंदाजा नहीं था कि उसमें क्या करना है। दो बार तो मैं पहले ही राउंड में बाहर निकाला जा चुका था। ऐसे में अलीगढ़ के ही मोहम्मद जीशान मेरी मदद के लिए सामने आए। मसूद अमीन भी मेरे लिए खास हैं। शुरुआती कुछ दिनों में मैंने उनसे ही कोचिंग ली थी। वह आज भी मेरे कोच हैं।


रिंकू को इन तीन लोगों का मार्गदर्शन मिला

रिंकू ने बताया कि मोहम्मद जीशान ने मेरी काफी मदद की। उनका मार्गदर्शन मेरे लिए अहम रहा। इसके अलावा शाहरुख खान ने मेरी काफी मदद की। शाहरुख की कोलकाता नाइट राइडर्स टीम ने ही 2018 में रिंकू को पहली बार खरीदा था। उन्हें केकेआर फ्रेंचाइजी ने तब 80 लाख रुपये में खरीदा था। रिंकू बताते हैं- अलीगढ़ से निकलकर आईपीएल खेलने वाला मैं पहला खिलाड़ी बना। इसमें खेलने से इतने पैसे मिले कि घर परिवार में किसी ने उतने पैसे नहीं देखे थे। घर की सारी दिक्कतें दूर हो गईं। जमीन लेकर घर बनवाया और जो कर्जे थे वो चुका दिए।

रिंकू 2016 से ही उत्तर प्रदेश की टीम से फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेल रहे हैं। इसमें वह पांच शतक और 16 अर्धशतक लगा चुके हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में रिंकू के नाम 2307 रन हैं। हालांकि, राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ रिंकू की पारी ने उन्हें चर्चाओं में ला दिया है। रिंकू ने मैच के बाद बताया कि वह 2018 से आईपीएल खेल रहे हैं, लेकिन उन्हें कुछ बड़ा करने का मौका नहीं मिल पाया। राजस्थान के खिलाफ मौके को वह गंवाना नहीं चाहते थे और उसका फायदा उठाया।




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