लगातार साजिश रच रहे सीमा पर बैठे आतंकी: भनक लगते ही कमरा बंद कर फरार हुए संदिग्ध, क्या यूपी चुनाव में गड़बड़ी फैलाने था मकसद?


सार

पिछले माह दिल्ली के गाजीपुर के अलावा पंजाब और जम्मू-कश्मीर में भी इसी तरह के आईईडी मिले थे, खुफिया  एजेंसियां लगातार सुरक्षा एजेंसियों को आतंकी हमलों के इनपुट दे रही थीं। एजेंसियां का कहना था कि यूपी चुनाव में गड़बड़ी फैलाने के लिए शरारती तत्व साजिश रच रहे हैं।

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देश का माहौल खराब करने के लिए सीमापार बैठे आतंकी संगठन लगातार साजिश रच रहे हैं। पिछले माह 14 जनवरी को गाजीपुर के अलावा जम्मू-कश्मीर और पंजाब में भी इसी तरह के आईईडी बरामद हुए थे। खुफिया  एजेंसियां लगातार सुरक्षा एजेंसियों को आतंकी हमलों के इनपुट दे रही थीं। एजेंसियां का कहना था कि यूपी चुनाव में गड़बड़ी फैलाने के लिए शरारती तत्व साजिश रच रहे हैं। 

सूत्रों का कहना है कि बृहस्पतिवार को सीमापुरी से मिले आईईडी को बिल्कुल गाजीपुर मिले आईईडी के पैटर्न पर तैयार किया गया था। सूत्रों ने तो यहां तक दावा किया कि जम्मू-कश्मीर और पंजाब में भी इसी तरह के आईईडी मिले थे। माना जा रहा है, इन सभी आईईडी को तैयार करने में किसी एक ही संगठन का हाथ है। 

इस बात की पूरी संभावना है कि सीमापुरी के मकान में रह रहे संदिग्ध युवक संगठन के स्लीपर सेल या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गाजीपुर में पिछले माह मिले आईईडी की जांच करते हुए स्पेशल की टीम ने कुछ मोबाइल नंबरों को ट्रैक किया था। उसके आधार पर टीम को पता चला था कि कुछ संदिग्ध दिल्ली-यूपी की सीमा के आसपास एक्टिव हैं। 

उसी की जांच करते हुए बृहस्पतिवार को टीम पुरानी सीमापुरी के मकान में पहुंची थी। सूत्रों का कहना है कि आरोपियों को शायद पुलिस की भनक लग गई थी। इसलिए वह कमरा बंद कर फरार हो गए। आईईडी मिलने के बाद पुलिस ने पूरी बिल्डिंग से लोगों को निकालकर उसकी तलाशी ली। 
बिल्डिंग के मालिक आसिम ने बताया कि कुछ समय पूर्व उसके पिता कासिम की मौत हो गई थी। उसके बाद मकान की देखभाल का जिम्मा उसे मिला था। वह खुद चांद मस्जिद वाली गली में रहता है। सुनार वाली गली में उसका तीन मंजिला एक अन्य मकान है, जिसमें करीब दो माह पूर्व इसने एक युवक को इसे किराए पर दिया था। उस युवक ने बाद में कुछ और लड़कों के रहने की बात कही थी।

जांच में पता चला है कि करीब 10-12 दिन पूर्व इस मकान में तीन अन्य युवक आकर रहने लगे थे। वह क्या करते थे और कब आते-जाते थे, इसका किसी को भी पता नहीं था। मकान मालिक आसिम ने बताया कि उसने पड़ोस के प्रॉपर्टी डीलर शकील के कहने पर कमरे को आरोपियों को दिया था। 

इन सभी लड़कों का पुलिस वेरीफिकेशन भी नहीं हो सका था। आसिम की पत्नी ने बताया कि बिल्डिंग में तीन अलग-अलग परिवारों से एक आरोपियों का कमरा भी शामिल था। फिलहाल पूरे इलाके में पुलिस बल का तैनात कर दिया गया है। स्पेशल सेल के अलावा बाकी जांच एजेंसियां मामले की छानबीन में जुटी हैं।

विस्तार

देश का माहौल खराब करने के लिए सीमापार बैठे आतंकी संगठन लगातार साजिश रच रहे हैं। पिछले माह 14 जनवरी को गाजीपुर के अलावा जम्मू-कश्मीर और पंजाब में भी इसी तरह के आईईडी बरामद हुए थे। खुफिया  एजेंसियां लगातार सुरक्षा एजेंसियों को आतंकी हमलों के इनपुट दे रही थीं। एजेंसियां का कहना था कि यूपी चुनाव में गड़बड़ी फैलाने के लिए शरारती तत्व साजिश रच रहे हैं। 

सूत्रों का कहना है कि बृहस्पतिवार को सीमापुरी से मिले आईईडी को बिल्कुल गाजीपुर मिले आईईडी के पैटर्न पर तैयार किया गया था। सूत्रों ने तो यहां तक दावा किया कि जम्मू-कश्मीर और पंजाब में भी इसी तरह के आईईडी मिले थे। माना जा रहा है, इन सभी आईईडी को तैयार करने में किसी एक ही संगठन का हाथ है। 

इस बात की पूरी संभावना है कि सीमापुरी के मकान में रह रहे संदिग्ध युवक संगठन के स्लीपर सेल या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गाजीपुर में पिछले माह मिले आईईडी की जांच करते हुए स्पेशल की टीम ने कुछ मोबाइल नंबरों को ट्रैक किया था। उसके आधार पर टीम को पता चला था कि कुछ संदिग्ध दिल्ली-यूपी की सीमा के आसपास एक्टिव हैं। 

उसी की जांच करते हुए बृहस्पतिवार को टीम पुरानी सीमापुरी के मकान में पहुंची थी। सूत्रों का कहना है कि आरोपियों को शायद पुलिस की भनक लग गई थी। इसलिए वह कमरा बंद कर फरार हो गए। आईईडी मिलने के बाद पुलिस ने पूरी बिल्डिंग से लोगों को निकालकर उसकी तलाशी ली। 



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