नई दिल्ली. केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय (Chemicals and Fertilizers Ministry) ने कहा है कि इस साल दिसंबर महीने तक देश में यूरिया के पर्याप्त भंडार (Urea Stock) मौजूद हैं. मंत्रालय का दावा है कि आखिर तक किसी भी दूसरे देश से यूरिया की आयात (Import Urea) की कोई जरुरत नहीं होगी. रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय का दावा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद आने वाले सीजन में राज्यों को यूरिया की कमी नहीं होनी दी जाएगी. केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandavia) ने कहा है कि वैश्विक बाजार में उर्वरकों के दाम घटे हैं. इसलिए अगले छह महीने में यूरिया के दाम में और गिरावट आने की संभावना है. मंत्रालय के मुताबिक यूक्रेन-रूस युद्ध शुरू होने से पहले ही भारत 16 लाख टन यूरिया आयात कर चुका था. इसे अगले 45 दिनों में भेजा जाएगा.
बता दें कि उर्वरक विभाग देश के सभी किसानों को बहुत ही उचित रियायती दर पर सब्सिडी वाले उर्वरक उपलब्ध कराता है. यूरिया का 45 किलो का एक बैग किसानों को 266 रुपये में बेचा जाता है, लेकिन इसकी बाजार में कीमत 3,000 रुपये के आसपास होती है. इसी कम कीमत का लाभ लेने के लिए उद्योग सांठ-गांठ से खेती वाले यूरिया की खेप अपनी ओर ट्रांसफर करवा लेते हैं. यूरिया का उपयोग कृषि के अलावा अन्य उद्योगों में भी किया जाता है. जैसे यूएफ राल / गोंद, प्लाईवुड, राल, क्रॉकरी, मोल्डिंग पाउडर, मवेशी चारा, डेयरी, औद्योगिक खनन विस्फोटक में भी यूरिया का इस्तेमाल किया जाता है.
उर्वरक विभाग ने देश में उर्वरकों के डायवर्जन और कालाबाजारी को रोकने के लिए बहुआयामी रणनीति शुरू की है. (सांकेतिक फोटो साभार सोशल मीडिया)
दिसंबर तक देश में यूरिया के पर्याप्त भंडार- उर्वरक मंत्रालय
सोमवार को मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया खुद यूरिया की कालाबाजारी और जमाखोरी की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. मंत्री के निर्देश पर ही यूरिया की जमाखोरी, कालाबाजारी व गलत तरीके से बिक्री पर रोक लगाने के लिए अलग-अलग राज्यों में ‘फर्टिलाइजर फ्लाइंग स्क्वॉड’ का गठन किया गया है.
यूरिया को लेकर क्यों एक्शन में है मोदी सरकार
विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर उर्वरक विभाग ने देश में उर्वरकों के डायवर्जन और कालाबाजारी को रोकने के लिए बहुआयामी रणनीति शुरू की है. सबसे पहले, डीओएफ ने औद्योगिक ग्रेड यूरिया के प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं की पहचान की है और सख्त कार्रवाई के लिए जीएसटी विभाग के साथ जानकारी साझा किया. इसके बाद 63.43 करोड़ जीएसटी चोरी का पता चला, जिनमें से विभाग ने अब तक 5.14 करोड़ रुपये बरामद भी कर लिए हैं.
विभागीय कार्रवाई में सीजीएसटी अधिनियम 2017 के तहत 6 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भी भेज दिया गया है. (File Photo)
कालाबाजारी पर ऐसे नकेल कसा जा रहा है
साथ ही देश के कुछ राज्यों में 25000 बोरी के बेहिसाब स्टॉक का भी पता चला है. विभागीय कार्रवाई में सीजीएसटी अधिनियम 2017 के तहत 6 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भी भेज दिया गया है. डीओएफ ने 6 राज्यों – हरियाणा, केरल, राजस्थान, तेलंगाना, गुजरात, यूपी में 52 इकाइयों की पहचान की है, जो यूरिया के डायवर्जन में शामिल थे. एक दिन में टीम ने यूरिया के 7,400 बैग जब्त किए गए. डीओएफ अधिकारियों के नेतृत्व में इन सभी स्थानों पर 20 मई 2022 को एक साथ गुप्त अभियान चलाया गया.
इन राज्यों में हो रही यूरिया की कालाबाजारी
यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिए प्रत्येक राज्य में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. इसमें उर्वरक विभाग, कृषि विभाग, राज्य सरकारों (कृषि, राजस्व और पुलिस विभाग) के सदस्य शामिल किए गए हैं. इन टीमों के द्वारा अनधिकृत यूरिया स्टॉक जब्त किया जाता है और उसे केंद्रीय प्रयोगशालाओं में गुणवत्ता परीक्षण के लिए भेजे जाते हैं. अवैध गतिविधियों में शामिल इकाइयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही हैं.
यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिए प्रत्येक राज्य में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. (Image @IFFCOBAZAR)
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डीओएफ ने बीते कुछ दिनों में 8 राज्यों में 38 मिक्सचर निर्माण इकाइयों पर इसी तरह का ऑपरेशन किया, जिनमें से अधिकांश महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और बिहार में स्थित थे. सभी जगहों पर एक साथ छापेमारी की गई. इन राज्यों को 25 धोखाधड़ी करने वाली इकाइयों के विनिर्माण लाइसेंस रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं. इस छापेमारी में 15 यूनिटों के 70 फीसदी सैंपल क्वालिटी टेस्ट में फेल पाए गए. किसानों को घटिया मिश्रण उर्वरकों की आपूर्ति करने वाली इकाइयों के खिलाफ एफसीओ 1985 और ईसी अधिनियम 1955 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाती है.
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Tags: Farmers, Fertilizer crisis, Mansukh Mandaviya, Narendra Modi Govt, Urea crisis, Urea production
FIRST PUBLISHED : June 07, 2022, 15:04 IST