मीठा खाने की लालसा को मात देंगे एक्सपर्ट के बताए ये 6 टिप्स


कभी-कभी मीठा खाने की शुगर क्रेविंग यानी मीठे की इच्छा होना स्वाभाविक है, लेकिन रोजाना ऐसा करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. इस तरह की लालसा या इच्छा को दूर करने का एक अच्छा तरीका है कि आप अपनी डाइट को समझें और उसका विश्लेषण करें और इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या खाते हैं. हेल्दी डाइट ऑप्शन बनाने में आपकी मदद करने के लिए न्यूट्रिशनिस्ट निधि एस (nutritionist Nidhi S) ने इंस्टाग्राम पर साझा किया कि कैसे कुछ बदलाव करने से मीठे की लालसा (क्रेविंग) से बचने में मदद मिल सकती है.

न्यूट्रिशनिस्ट ने अपनी पोस्ट के कैप्शन में लिखा, “आप भी दोपहर के भोजन के बाद मीठे के लिए तरसते हैं, तो यहां दिए गए कुछ बदलाव करने से आपको इसमें मदद मिल सकती है.”

डाइट में शामिल करें टोफू-पनीर
यदि आप बहुत अधिक स्टार्च खाते हैं और पर्याप्त फैट/या प्रोटीन नहीं खाते हैं, तो अपनी डाइट में ज्यादा फलियां, टोफू, पनीर शामिल करें.

मिनरल्स का रखें ख्याल
जिंक, क्रोमियम, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे कुछ मिनरल्स की कमी से शुगर की समस्या हो सकती है. न्यूट्रिशनिस्ट निधि एस ने सलाह दी है कि “मैग्नीशियम की कमी विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है. अपनी डाइट में पर्याप्त मात्रा में चिया, तिल, पिस्ता और फल शामिल करने से यह सुनिश्चित होगा कि आपके पास इन पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा है. जरूरी पोटैशियम के लिए ज्यादा केले खाएं,”

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विटामिन डी या बी-12 की कमी
विटामिन डी या बी-12 की कमी बॉडी में न्यूट्रिएंट्स के अब्जॉर्प्शन को इफेक्ट करती है. अगर आपने हाल के दिनों में विटामिन डी की जांच नहीं कराई है, तो तुरंत कराएं. अगर न्यूट्रिएंट्स अब्जॉर्ब नहीं होते हैं, तो आप हमेशा खाने के लिए तरसते रहेंगे. डाइट में ज्यादा हरी, पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें.

हाई स्ट्रेस लेवल
लंबे समय से चले आ रहे तनाव से कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल बढ़ सकता है, जो भूख को उत्तेजित करता है. खासतौर से चीनी की लालसा, जिसका नतीजा वजन बढ़ना या वजन कम करने में कठिनाई है.

अपर्याप्त या खराब नींद
उचित नींद की कमी हार्मोन को बदलकर भूख बढ़ा सकती है, जिससे हमें मीठा खाने की अधिक संभावना होती है.

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हाईड्रेशन का ध्यान ना रखना
जब आप शुगर को कम करने की कोशिश कर रहे होते हैं, तो पानी सबसे जरूरी हो जाता है, क्योंकि ये डाइजेस्टिव सिस्टम में सुधार करता है, ताकि बॉडी से टॉक्सिन्स (विषाक्त पदार्थों) को ज्यादा बेहतर तरीके से खत्म किया जा सके.

Tags: Health, Health News, Lifestyle



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