TMC vs BJP : सीएम ममता पर घोष की टिप्पणी से विवाद, टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने की गिरफ्तारी की मांग


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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर पश्चिम बंगाल में एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। इसी बीच, कथित अपमानजनक टिप्पणी पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने नाराजगी जताई है और टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने घोष की गिरफ्तारी और बिना शर्त माफी की मांग की है।

गौरतलब है कि टीएमसी के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को राजभवन में राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और उनसे बनर्जी के खिलाफ की गई टिप्पणी की निंदा करने का आग्रह किया। टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि हमने राज्यपाल से टिप्पणी की निंदा करने का अनुरोध किया है। कई मौकों पर हमने उन्हें सक्रिय रूप से दूसरों की टिप्पणी करते हुए देखा है। हमें उम्मीद है कि इस अवसर पर भी, वह ऐसा ही करेंगे। भाजपा नेता के लिए कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने दावा किया कि राज्यपाल ने मामले को देखने का वादा किया था।

इससे पहले टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से घोष को गिरफ्तार कराने की मांग की और भाजपा से पूछा कि क्या पार्टी के नेता देश की एकमात्र मौजूदा महिला मुख्यमंत्री के बारे में इस तरह बात करते हैं।

घोष ने कथित तौर पर बनर्जी के परिवार के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान टीएमसी सुप्रीमो ‘बांग्लार मेये’ यानी बंगाल की बेटी अभियान और बाद में गोवा के चुनाव में तटीय राज्य से अपना संबंध बताने के संदर्भ में मुख्यमंत्री पर टिप्पणी की। हालांकि बाद में घोष ने कहा कि वह टीएमसी की अवसरवाद की राजनीति को उजागर करने की कोशिश कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी बंगाल में एक बात कह रही हैं और देश के दूसरे हिस्से में कुछ बिल्कुल अलग। मैं अपनी टिप्पणी वापस नहीं ले रहा हूं और न ही मुझे ऐसा करने का पछतावा है। घोष ने कहा कि टीएमसी ने अब इसकी शिकायत राज्यपाल से की है और वे उसी व्यक्ति को वे नियमित रूप से गाली देते हैं। यह राजनीतिक अवसरवाद है।

वहीं, इस मामले में पश्चिम बंगाल भाजपा ने जोर देकर कहा कि वह व्यक्तिगत हमलों के पक्ष में नहीं है। राज्य भाजपा ने  कहा कि  व्यक्तिगत हमले टीएमसी की पहचान है, लेकिन अगर घोष की किसी भी टिप्पणी से किसी को चोट पहुंची है, तो यह अनायास ही था।

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर पश्चिम बंगाल में एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। इसी बीच, कथित अपमानजनक टिप्पणी पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने नाराजगी जताई है और टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने घोष की गिरफ्तारी और बिना शर्त माफी की मांग की है।

गौरतलब है कि टीएमसी के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को राजभवन में राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और उनसे बनर्जी के खिलाफ की गई टिप्पणी की निंदा करने का आग्रह किया। टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि हमने राज्यपाल से टिप्पणी की निंदा करने का अनुरोध किया है। कई मौकों पर हमने उन्हें सक्रिय रूप से दूसरों की टिप्पणी करते हुए देखा है। हमें उम्मीद है कि इस अवसर पर भी, वह ऐसा ही करेंगे। भाजपा नेता के लिए कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने दावा किया कि राज्यपाल ने मामले को देखने का वादा किया था।

इससे पहले टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से घोष को गिरफ्तार कराने की मांग की और भाजपा से पूछा कि क्या पार्टी के नेता देश की एकमात्र मौजूदा महिला मुख्यमंत्री के बारे में इस तरह बात करते हैं।

घोष ने कथित तौर पर बनर्जी के परिवार के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान टीएमसी सुप्रीमो ‘बांग्लार मेये’ यानी बंगाल की बेटी अभियान और बाद में गोवा के चुनाव में तटीय राज्य से अपना संबंध बताने के संदर्भ में मुख्यमंत्री पर टिप्पणी की। हालांकि बाद में घोष ने कहा कि वह टीएमसी की अवसरवाद की राजनीति को उजागर करने की कोशिश कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी बंगाल में एक बात कह रही हैं और देश के दूसरे हिस्से में कुछ बिल्कुल अलग। मैं अपनी टिप्पणी वापस नहीं ले रहा हूं और न ही मुझे ऐसा करने का पछतावा है। घोष ने कहा कि टीएमसी ने अब इसकी शिकायत राज्यपाल से की है और वे उसी व्यक्ति को वे नियमित रूप से गाली देते हैं। यह राजनीतिक अवसरवाद है।

वहीं, इस मामले में पश्चिम बंगाल भाजपा ने जोर देकर कहा कि वह व्यक्तिगत हमलों के पक्ष में नहीं है। राज्य भाजपा ने  कहा कि  व्यक्तिगत हमले टीएमसी की पहचान है, लेकिन अगर घोष की किसी भी टिप्पणी से किसी को चोट पहुंची है, तो यह अनायास ही था।



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