EV जागरूकता बढ़ाने के लिए नीति आयोग लॉन्च करेगा E-Amrit ऐप, देखें क्या होगा फायदा?


हाइलाइट्स

ई-अमृत अब तक ईवीएस के लिए एक पोर्टल हुआ करता था.
ई-अमृत ऐप यूजर्स को एंगेजमेंट टूल्स जैसी महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी.
इस पर यूजर इलेक्ट्रिक व्हीकल के फायदे समेत कई जानकारी देख पाएंगे.

नई दिल्ली. भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग (NITI Aayog) ने महत्वपूर्ण पहल शुरू की है. केंद्रीय एजेंसी ने इस मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने के लिए ई-अमृत (E-Amrit) नामक एक मोबाइल ऐप की घोषणा की है. ई-अमृत अब तक ईवीएस के लिए एक पोर्टल हुआ करता था, जिसका उद्देश्य ईवीएस के सभी पहलुओं के लिए वन-स्टॉप-शॉप बनना था.

नया ऐप Android स्मार्टफोन के लिए जल्द ही Google PlayStore पर लॉन्च किया जाएगा. नीति आयोग ने एक रिपोर्ट भी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के कारण भारत का ऊर्जा भंडारण अब तक के उच्चतम स्तर तक पहुंचने की संभावना है.
नीति आयोग के सीईओ परमेश्वरन अय्यर ने कहा कि भारत में ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास, सरकार के साथ-साथ ऑटो उद्योग और विदेशी भागीदारी से भारत के ईवी अपनाने को अगले दशक में तेजी से बढ़ने में मदद मिलेगी.

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ऐप पर मिलती हैं ये जानकारी
ई-अमृत ऐप यूजर्स को एंगेजमेंट टूल्स जैसी महत्वपूर्ण जानकारी देता है. इसके अलावा यूजर्स इलेक्ट्रिक वाहनों के लाभों का आकलन करने, बचत का निर्धारण करने और भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में विकास के बारे में जैसी सभी प्राप्त कर सकते हैं. नीति आयोग इस पर एक रिपोर्ट भी जारी की है, इसका टाइटल ‘एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी रीयूज एंड रीसाइक्लिंग मार्केट इन इंडिया’ रखा गया है.

600 गीगावाट होगी बैटरी स्टोरेज क्षमता
नीति आयोग की ओर से शेयर की की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, इस दशक के अंत तक भारत में 600 गीगावाट की बैटरी स्टोरेज क्षमता होगी. रिपोर्ट में आगे बताया गया है, “भारत में बैटरी स्टोरेज की कुल स्टोरेज क्षमता 2030 तक 600 GWh होगी, जो कि बेस केस परिदृश्य को देखते हुए और भारत में बैटरी स्टोरेज को अपनाने के लिए EVs और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेगमेंट के लिए प्रमुख मांग ड्राइवर होने का अनुमान है.”

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75 फीसदी होगा इलेक्ट्रिक व्हीकल की हिस्सा
भारत में 2030 तक 30 फीसदी और 2050 तक बिक्री होने वाले नए वाहनों में इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों की हिस्सेदारी 75 फीसदी हो सकती है. यह जानकारी काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) की ओर से आज जारी किए गए स्वतंत्र अध्ययन ‘इंडिया ट्रांसपोर्ट एनर्जी आउटलुक’ में दी गई है. वास्तव में, 2030 में बिकने वाले नए दोपहिया वाहनों में से आधे और नए तिपहिया व चार पहिया वाहनों में से एक चौथाई से ज्यादा वाहन इलेक्ट्रिक हो सकते हैं.

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