'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- फिरकी, जिसका अर्थ है- एक प्रकार का लकड़ी का खिलौना जो अपनी धुरी पर चक्कर लगाता है। प्रस्तुत है भगवत रावत की कविता- इतनी थक चुकी है वहइतनी थक चुकी है वह
प्यार उसके बस का नहीं रहा
पैंतीस बरस के
उसके शरीर की तरह
जो पैंतीस बरस-सा नहीं रहाघर के अंदर
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रोज़ सुबह से वह
लड़ती-झगड़ती है बाज़ार से
और बाज़ार में रोज़ शाम
घर ढूँढ़ते-ढूँढ़ते खो जाती है।
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