आज का शब्द: वार्ता और हरिनारायण व्यास की कविता- कंटकों को काटने के वास्ते


                
                                                             
                            अमर उजाला 'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- वार्ता, जिसका अर्थ है- बातचीत, वृत्तांत, हालचाल। प्रस्तुत है हरिनारायण व्यास की कविता- कंटकों को काटने के वास्ते
                                                                     
                            

रात-दिन, बारिश, नमी, गर्मी 
सबेरा-साँझ 
सूरज-चाँद-तारे 
अजनबी-सब 
हम पड़े हैं आँख मूँदे, कान खोले। 
मृत्यु-पंखों की विकट आवाज़ सुन कर 
कौन बोले? 
इसलिए सब मौन हैं। 
ये हमारी आँख के परदे लदे हैं। 
रुंड-मुंडों के भयानक चित्र से। 

चीख़ और पुकार, हाहाकार 
बेघर-बार जन-जन के रुदन के स्वर भरे हैं कान में। 
धूम के बादल, लपट की बिजलियाँ घिर रही हैं प्राण में। 
कौन जाने यह हुआ क्या? 
और क्या होना अभी है? 
सब तरफ़ विध्वंस की बर्छी उठी है 
लक्ष्य जिसका है हमारी ज़िंदगी की चाह। 

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1 hour ago



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