रामनगर से करीब तीस किलोमीटर दूर किया इलाके में एक तीखे मोड़ पर बरातियों से भरी बस करीब 150 फुट गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 54 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय निवासियों और पुलिस ने घायलों को रामनगर अस्पताल में पहुंचाया। यहां से 15 लोगों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि वीरवार दोपहर करीब तीन बजे रामनगर के गुंदिया इलाके से बरातियों को लेकर बस (जेके14डी-5050) छतरेड़ी के लिए निकली थी। बस किया इलाके में पहुंची, तो एक तीखे मोड़ पर अनियंत्रित होकर 150 फीट गहरी खाई में जा गिरी।
हादसे में बस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। कई बराती बस के बाहर घायल अवस्था में पड़े थे। स्थानीय निवासियों ने बस को खाई में गिरते देखा, तो बचाव के लिए दौड़ पड़े। पुलिस को भी सूचना दी। इसके बाद एसडीपीओ रामनगर डॉ. बिशम दुबे, एसएचओ पुष्पेंद्र सिंह और अन्य पुलिसकर्मी मौके के लिए रवाना हो गए। करीब एक घंटे में पुलिस भी पहुंच गई।
ओवरलोड थी बस
हादसे के बाद एसएसपी उधमपुर डॉ. विनोद कुमार, एसडीएम रामनगर गोपाल सिंह, तहसीलदार श्रीनाथ सुमन भी घायलों का हाल जानने के लिए रामनगर अस्पताल पहुंचे। 45 सीटर बस में 56 लोग सवार थे। हादसे की एक बड़ी वजह ओवरलोडिंग को भी माना जा रहा है, जिसकी वजह से मोड़ पर बस बेकाबू हो गई।
50 घायलों के लिए भेजीं सिर्फ दो एंबुलेंस, मौके से गुजरते वाहनों की लेनी पड़ी मदद
रामनगर अस्पताल में एंबुलेंस की कमी के कारण बस हादसे के घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने में दिक्कतें आईं। रामनगर के लोगों ने इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रति रोष प्रकट किया। स्थानीय निवासियों का कहना था कि रामनगर अस्पताल में सिर्फ दो एंबुलेंस हैं, जबकि इनकी संख्या कम से कम पांच होनी चाहिए। हादसे की जानकारी होने पर रामनगर अस्पताल से दो एंबुलेंस को मौके पर रवाना किया गया, लेकिन 50 घायलों को दो एंबुलेंस के जरिये अस्पताल पहुंचाना संभव नहीं था। इसलिए पुलिस ने अपने वाहनों के साथ मौके से गुजर रहे वाहनों की मदद ली।
इस बारे में जब रामनगर के निवासियों को पता चला, तो उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रति रोष प्रकट किया। वार्ड नंबर तीन के पार्षद संजीव जंडियाल व अन्य ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को हालात को देखते हुए आसपास मौजूद पीएचसी से भी एंबुलेंस को रवाना करना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। वहीं, विभाग की तरफ से रामनगर अस्पताल में एंबुलेंस की संख्या को बढ़ाया नहीं गया है। इस अस्पताल पर हजारों की आबादी निर्भर है। यहां कम से कम पांच एंबुलेंस की जरूरत है। इसके बारे में कई बार सीएमओ सहित कई अधिकारियों को अवगत करवाया गया, लेकिन किसी ने भी गंभीरता नहीं दिखाई। जब भी रामनगर में कोई बड़ा हादसा होता है, तो एंबुलेंस की कमी के कारण घायलों को अस्पताल पहुंचाना मुश्किल होता है।
जो भी वाहन नजर आया उसमें बैठाकर घायलों को भेजा
हादसे की सूचना मिलने के बाद रामनगर से दो एंबुलेंस को भेजा गया। पुलिस व स्थानीय निवासियों को जो भी वाहन मौके से गुजरता नजर आया, उसमें घायलों को बैठाकर रामनगर अस्पताल भेजा। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भेजी गई दो एंबुलेंस में सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया संभव नहीं था। इसलिए मार्ग पर गुजर रहे वाहनों की मदद ली गई। जिला अस्पताल पहुंचे घायलों का उपचार शुरू किया गया, तो डाक्टरों ने दो घायलों को मृत घोषित कर दिया, जबकि 56 घायलों का उपचार किया गया। प्राथमिक उपचार के बाद हालत में सुधार न होने पर 15 घायलों को जिला अस्पताल उधमपुर रेफर कर दिया। बाकी के घायल रामनगर में ही उपचाराधीन हैं।
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रामनगर से करीब तीस किलोमीटर दूर किया इलाके में एक तीखे मोड़ पर बरातियों से भरी बस करीब 150 फुट गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 54 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय निवासियों और पुलिस ने घायलों को रामनगर अस्पताल में पहुंचाया। यहां से 15 लोगों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि वीरवार दोपहर करीब तीन बजे रामनगर के गुंदिया इलाके से बरातियों को लेकर बस (जेके14डी-5050) छतरेड़ी के लिए निकली थी। बस किया इलाके में पहुंची, तो एक तीखे मोड़ पर अनियंत्रित होकर 150 फीट गहरी खाई में जा गिरी।
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