यूजीसी (UGC) ने कहा कि आयोग को डिग्री देने में देरी के संबंध में छात्रों से बड़ी संख्या में शिकायत /आरटीआई / प्रश्न प्राप्त होने के बाद यह निर्णय लिया गया है। आयोग ने डिग्री प्रदान करने में होने वाली देरी के मामले को गंभीरता से लिया और निर्णय लिया कि उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) को यूजीसी के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए और निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी सफल उम्मीदवारों को डिग्री प्रदान करनी चाहिए।
डिग्री, मार्कशीट और अन्य सर्टिफिकेट जारी करने में देरी से छात्रों को हायर एजुकेशन और रोजगार के मामले में परेशानी होती है। यूजीसी ने कहा, ‘ किसी प्रोग्राम को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद समय पर डिग्री प्राप्त करना एक छात्र का विशेषाधिकार है यह कहने की आवश्यकता नहीं है।’
आयोग ने एचईआई (HEI) से छात्रों को फाइनल ईयर के टेप के साथ प्रोविजनल डिग्री जारी करने का भी आग्रह किया है। आयोग ने कहा कि डिग्री प्रदान करने पर यूजीसी के नियमों का पालन करने में विफल रहने वाले विश्वविद्यालयों के खिलाफ यूजीसी (Grievance Redressal) रेगुलेशन 2012 के नियम 9 में दिए गए दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए आयोग बाध्य होगा। उम्मीदवार आयोग की ऑफिशियल वेबसाइट ugc.ac.in पर डिग्री देने पर यूजीसी का रेगुलेशन पढ़ सकते हैं।
भारत का यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा यूजीसी एक्ट 1956 के अनुसार स्थापित एक वैधानिक निकाय है और इसे उच्च शिक्षा के मानकों के समन्वय, निर्धारण और रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई है।
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