CAVफोर्थ प्रोजेक्ट के तहत चल रही इस बस सर्विस को स्कॉटिश सरकार से भी मदद मिल रही है। यह बस फेरीटोल पार्क से फोर्थ रोड ब्रिज होते हुए एडिनबर्ग पार्क तक जाएगी। इस दौरान यह बसें लाइव रोड वाले माहौल में बाकी ट्रैफिक के साथ तालमेल बैठाते हुए अपना सफर पूरा करेंगी। पायलट प्रोजेक्ट के दौरान भी बसों को जंक्शनों और बस स्टॉप पर रुकना होगा।
स्टेजकोच (Stagecoach) के रीजनल डायरेक्टर सैम ग्रीट ने कहा कि यूके की पहली ऑटोनॉमस बस सर्विस को पूरी तरह से लॉन्च करने की हमारी यात्रा में यह एक बड़ा कदम है। यह स्कॉटलैंड में एक नए बस रूट तक आसान पहुंच प्रदान करेगा। CAVफोर्थ प्रोजेक्ट को साल 2019 में शुरू किया जाना था, लेकिन सप्लाई चेन इशू और COVID-19 के असर से इसमें देरी हुई।
स्टेजकोच परियोजना के लिए फ्यूजन प्रोसेसिंग, निर्माता अलेक्जेंडर डेनिस और ट्रांसपोर्ट स्कॉटलैंड के साथ साझेदारी कर रहा है, और इस योजना ने यूके सरकार के सेंटर फॉर कनेक्टेड एंड ऑटोनॉमस व्हीकल्स का वित्तीय समर्थन हासिल किया है।
यह प्रोजेक्ट कई डिपार्टमेंट की साझेदारी का नतीजा है, जिनमें ट्रांसपोर्ट स्कॉटलैंड भी शामिल है। इस स्कीम को UK सरकार के कनेक्टेड एंड ऑटोनॉमस व्हीकल्स केंद्र से भी वित्तीय सहायता मिली है। प्रोजेक्ट से जुड़े फ्यूजन प्रोसेसिंग के चीफ एग्जीक्यूटिव जिम हचिंसन ने कहा कि वह दुनिया के सबसे जटिल और महत्वाकांक्षी ऑटोनॉमस व्हीकल प्रोग्राम का नेतृत्व करने के लिए खुश हैं। उन्होंने कहा कि CAVफोर्थ प्रोजेक्ट स्थानीय लोगों को उपयोगी सर्विस देने के साथ-साथ फ्यूजन की ऑटोमेटेड व्हीकल टेक्नॉलजी का भी प्रदर्शन करेगा। गौरतलब है कि फ्यूजन प्रोसेसिंग की टेक्नॉलजी इन बसों में इस्तेमाल हुई है।
इन बसों में ड्राइविंग ऑटोमेशन के छह लेवल हैं। जीरो से लेवल दो का मतलब है कि एक ड्राइवर को लगातार बस निगरानी करनी चाहिए और हमेशा ड्राइविंग करनी चाहिए, जबकि तीन से पांच लेवल में व्हीकल को खुद ड्राइव करने दिया जाता है।