यूएनजीए में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी।
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ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा कि उनका देश उसे परमाणु बम हासिल करने से रोकने के लिए किए गए समझौते पर फिर से वार्ता शुरू करने को लेकर गंभीर है लेकिन क्या तेहरान किसी भी अंतिम समझौते को लेकर अमेरिकी प्रतिबद्धता पर भरोसा कर सकता है?
राष्ट्रपति रईसी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2018 में समझौते से अलग होने के अमेरिका के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका पहले ही पिछले समझौते को ‘कुचल’ चुका है। उन्होंने कहा कि ईरान परमाणु वार्ता में सभी मुद्दों के समाधान पर गंभीर है, लेकिन हमारी इच्छा सिर्फ प्रतिबद्धताओं के पालन की है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या हम बिना किसी गारंटी और आश्वासन के पूरी तरह यह भरोसा कर सकते हैं कि इस बार वे अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरे उतरेंगे?
रईसी ने इस्राइल के संदर्भ में कहा कि ईरान की एटमी गतिविधियों की एकतरफा जांच हुई जबकि अन्य देशों का परमाणु कार्यक्रम अब भी गुप्त है। बता दें कि इस्राइल ने एटमी हथियार रखने की न कभी पुष्टि की और न ही इससे इनकार किया है।
पश्चिमी देशों की निंदा
ईरानी राष्ट्रपति ने मानवाधिकारों पर दोहरे मानदंड अपनाने के लिए पश्चिमी देशों की निंदा भी की। उन्होंने इस्राइल पर फलस्तीन गाजा पट्टी की नाकाबंदी के जरिये दुनिया की सबसे बड़ी जेल बनाने का आरोप लगाया। रईसी ने यूएन में ऐसे वक्त में भाषण दिया है जब ईरान नाजुक दौर से गुजर रहा है।