अमेरिका की धमकियों की वजह से पीछे हटा रूस?: बाइडन प्रशासन के बयान से मची हलचल, तैयारियों को लेकर किया एलान


वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Tue, 15 Feb 2022 05:02 PM IST

सार

रूस ने यूक्रेन की सीमा के करीब 100,000 सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है । इस कदम पर पश्चिम देश उसे चेतावनी दे रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि उसका इरादा यूक्रेन पर हमला करने का है। हालांकि रूस ने बार-बार इनकार किया है कि उसकी यूक्रेन पर हमला करने की कोई योजना है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन
– फोटो : ANI

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विस्तार

रूस ने आखिरकार यूक्रेन की सीमा पर तैनात सैनिकों की कुछ टुकड़ियों को हटाने का एलान किया है। माना जा रहा है कि पुतिन अपने इस कदम से अमेरिका और पश्चिमी देशों की चिंताओं को कम करने की कोशिश में हैं। हालांकि, एक वर्ग का कहना है कि रूस ने यह फैसला अमेरिका के दबाव में लिया है। बीते कुछ दिनों में ही बाइडन प्रशासन ने कई बार रूस को प्रतिबंधों की धमकी भी दी है। मंगलवार को भी व्हाइट हाउस की तरफ से इससे जुड़ा बयान जारी किया गया। 

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने एक बार फिर रूस को यूक्रेन पर आक्रमण करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। बयान में कहा गया कि क्रेमलिन अगर रचनात्मक तौर पर चयन करता है तो कूटनीति का मार्ग अभी भी उपलब्ध है। व्हाइट हाउस की प्रधान उप प्रेस सचिव कैरीन जॉन पियरे ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि संकट को कम करने के लिए अमेरिका एक राजनयिक समाधान तक पहुंचने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है। उन्होंने कहा, “जैसा कि आप सभी जानते हैं, पिछले हफ्ते ही बाइडन ने (रूस के) राष्ट्रपति पुतिन के साथ बात की और हम अपने सहयोगियों तथा भागीदारों के साथ पूर्ण तालमेल बनाते हुए रूस सरकार के साथ संपर्क में हैं।’’

रूस ने यूक्रेन की सीमा के करीब 100,000 सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है । इस कदम पर पश्चिम देश उसे चेतावनी दे रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि उसका इरादा यूक्रेन पर हमला करने का है। हालांकि रूस ने बार-बार इनकार किया है कि उसकी यूक्रेन पर हमला करने की कोई योजना है। पियरे ने कहा, ‘‘अगर रूस इस मुद्दे पर रचनात्मक रुख अपनाता है तो कूटनीति का रास्ता उपलब्ध है। हालांकि, हम रूस द्वारा जमीन पर उठाए जा रहे कदमों को देखते हुए इस बात की संभावनाओं को लेकर स्पष्ट हैं।’’ उन्होंने कहा कि बाइडन ने स्थिति पर चर्चा करने के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से संपर्क किया।

व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं (बाइडन एवं जॉनसन) ने यूक्रेन और रूस के साथ अपने हालिया राजनयिक संबंधों पर चर्चा की। व्हाइट हाउस के अनुसार दोनों नेताओं ने यूक्रेन की सीमाओं पर रूस के निरंतर सैन्य जमावड़े के जवाब में चल रहे राजनयिक और प्रतिरोधक प्रयासों की भी समीक्षा की तथा यूक्रेन की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के लिए एक बार फिर अपना अपना समर्थन दोहराया। व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने नाटो के पूर्वी हिस्से पर रक्षात्मक मुद्रा को मजबूत करने के प्रयासों पर चर्चा की और सहयोगियों एवं भागीदारों के बीच निरंतर घनिष्ठ समन्वय पर बल दिया, जिसमें रूस द्वारा हमले की स्थिति में उस पर गंभीर कार्रवाई को लेकर तत्परता बरतना भी शामिल है।’’ व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन के दौरान जीन पियरे ने कहा कि उनकी (अमेरिका प्रशासन की) इस बात पर पैनी निगाह है कि कब आक्रमण होता है।

पियरे ने कहा, ‘‘हम अपनी खुफिया जानकारी के किसी भी विवरण पर टिप्पणी नहीं करेंगे, सिवाय इसके कि यह इस सप्ताह शुरू हो सकता है, ऐसी कई अटकलें हैं कि यह ओलंपिक के बाद होगा। यह स्पष्ट नहीं है कि रूस कौन सा रास्ता चुनेगा।’’ पियरे ने कहा कि अमेरिका किसी भी स्थिति के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति बाइडन ने इस सप्ताह के अंत में पुतिन के साथ अपनी बातचीत में यह स्पष्ट कर दिया कि यदि रूस यूक्रेन पर आक्रमण करता है, तो अमेरिका अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ मिलकर निर्णायक जवाब देगा और रूस को त्वरित और गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।’’

उन्होंने आगे कहा कि बाइडन ने एक बार फिर कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले से व्यापक मानवीय त्रासदी होगी और रूस का कद बहुत घट जाएगा। इससे इतर एक अलग संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने घोषणा की है कि देश के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन बेल्जियम, पोलैंड और लिथुआनिया की यात्रा करेंगे। वह यूक्रेन और उसके आसपास रूस के सैन्य जमावड़े पर चर्चा करने के लिए संबद्ध रक्षा मंत्रियों और नाटो नेतृत्व के साथ मुलाकात करेंगे।

इस बीच क्रेमलिन (रूस के राष्ट्रपति कार्यालय) ने सोमवार को संकेत दिया कि वह सुरक्षा शिकायतों को लेकर पश्चिमी देशों के साथ बातचीत के लिए तैयार है, जिससे यह उम्मीद जगी है कि रूस यूक्रेन पर फिलहाल आक्रमण नहीं करेगा। हालांकि, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मंशा पर सवाल बना हुआ है और शीत युद्ध के बाद से सबसे खराब तनाव के बीच देश अपने राजनयिकों को वापस बुला रहे हैं और संभावित आसन्न युद्ध को लेकर सतर्क हैं। गौरतलब है कि रूस ने इस बात की गारंटी मांगी है कि नाटो यूक्रेन या सोवियत संघ के पूर्व देशों को अपने साथ नहीं जोड़ेगा। 



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