Corbevax Vaccine : एनटीएजीआई अध्यक्ष बोले- बाकी टीकों के मुकाबले कोर्बिवैक्स बनाता है ज्यादा एंटीबॉडी, ये अधिक सुरक्षित


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दिल्ली
Published by: रोमा रागिनी
Updated Tue, 15 Feb 2022 05:18 PM IST

सार

कोर्बिवैक्स को 12 से 18 साल के बच्चे के टीकाकरण के लिए मंजूरी दे दी गई है। इसी बीच एनटीएजीआई के चेयरमैन डॉ. एन के अरोड़ा ने कहा कि कोर्बिवैक्स सुरक्षित है। वहीं अन्य वैक्सीनों के तुलना में इसके रिएक्शन कम हैं। 

एनटीएजीआई के चेयरमैन का कोर्बिवैक्स पर बयान

एनटीएजीआई के चेयरमैन का कोर्बिवैक्स पर बयान
– फोटो : Amar Ujala

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विस्तार

केंद्र सरकार को कोर्बिवैक्स टीके की पहली खेप आज मिल जाएगी। इसके साथ ही अब 12 से 18 साल के बच्चों के लिए नया टीका मिल जाएगा। इसी बीच टीकाकरण सें संबंधित एनटीएजीआई के अध्यक्ष डॉ. एन के अरोड़ा ने कहा कि कोर्बिवैक्स वैक्सीन सुरक्षित है। ये अन्य वैक्सीनों की तुलना में अधिक एंटीबॉडी बनाता है। 

टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (DCGI) की विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) ने कुछ शर्तों के अधीन 12 से 18 वर्ष की आयु के लिए जैविक ई के कोविड-19 वैक्सीन, कार्बेवैक्स को प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण देने की सिफारिश की है।

कोर्बिवैक्स के इमरजेंसी इस्तेमाल के मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के चेयरमैन का बयान सामने आया है। न्यूज एजेंसी एएनआई से खास बातचीत में डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि प्रोटीन सबयूनिट टीके सुरक्षित टीके हैं। इनसे इम्युनोजेनेसिटी बहुत अच्छी है। वहीं अन्य टीकों जैसे वेक्टर वैक्सीन या एमआरएनए वैक्सीन की तुलना में इसके रिएक्शन कम है। इस टीके के बारे में एक और बहुत महत्वपूर्ण बात है कि अन्य वेक्टर वैक्सीन की तुलना में अधिक एंटीबॉडी बनाता है।

डेल्टा पर ज्यादा असर करती है कोर्बिवैक्स

एनटीएजीआई के चेयरमैन ने आगे बताया कि कोर्बिवैक्स को प्रोटीन सब यूनिट कहा जाता है। हेपटाइटिस बी की वैक्सीन भी प्रोटिन सब यूनिट वैक्सीन का एक उदाहरण है।कोर्बिवैक्स के उत्पादन में बहुत कम लागत लगी है। वहीं यह महंगी भी नहीं है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन ओमीक्रोन की तुलना में डेल्टा पर ज्यादा असर करती है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि देश के केंद्रीय दवा प्राधिकरण द्वारा जल्द ही दो खुराक वाली वैक्सीन कार्बेवैक्स को अंतिम मंजूरी देने की उम्मीद है। जिसके बाद कार्बेवैक्स का टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया जाएगा।

क्या है कोर्बिवैक्स टीके की खासियत?

कोर्बिवैक्स टीका इंट्रामस्क्युलर यानी मांसपेशियों के जरिए लगाया जाता है। इसकी दो खुराक 28 दिनों के अंतराल पर दी जाती है। कोर्बेवैक्स 0.5 मिलीलीटर (एकल खुराक) और 5 मिलीलीटर (दस खुराक) की शीशी में उपलब्ध है। इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर संरक्षित किया जाता है। 

सरकार खरीद रही 30 करोड़ खुराक

बॉयोलॉजिकल ई द्वारा 12 से 18 साल तक के बच्चों के लिए विकसित इस कोरोना वैक्सीन की 30 करोड़ खुराक सरकार खरीद रही है। इनकी खरीदी का आर्डर अगस्त 2021 में दिया गया था। बॉयोलॉजिकल ई अपने टीके कोर्बिवैक्स की 25 करोड़ खुराक का उत्पादन कर चुकी है। वह कुछ सप्ताहों में बचे डोज भी तैयार कर लेगी। 



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