UNSC: ‘भारत का UNSC का स्थायी सदस्य ना होना वैश्विक निकाय के लिए भी अच्छा नहीं’, एस जयशंकर ने दिया बयान


विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर

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– फोटो : ANI

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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाए जाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत को अब तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य नहीं बनाया जाना केवल हमारे लिए ही नहीं बल्कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए भी सही नहीं है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्चस्तरीय सत्र से इतर उन्होंने कहा कि बहुत पहले ही इसे सुधारते हुए भारत को इसमें शामिल कर लिया जाना चाहिए था। 

दरअसल, बुधवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तथा नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के साथ वार्ता कर रहे थे। इस दौरान उनसे भारत को यूएनएसी में स्थायी सदस्यता को लेकर सवाल किया गया। इसी का जवाब देते हुए उन्होंने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि भारत इसे लेकर बहुत गंभीर है। उन्होंने कहा कि मैं इस विषय पर काम भी कर रहा हूं। यूएनएसी में भारत को स्थायी सदस्य बनाए जाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत मानता है कि सुरक्षा परिषद में परिवर्तन बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र 80 साल पहले बनाया गया था और तब से आज की स्थितियों भिन्न हैं। 

विदेश मंत्री ने आगे कहा कि भारत बहुत तेजी से विकास कर रहा है। आने वाले कुछ सालों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। ऐसे में भारत का वैश्विक परिषद का हिस्सा ना होना ना केवल भारत के लिए बल्कि इस निकाय के लिए भी अच्छा नहीं है। 

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और अमेरिका हैं। इन पांचों देशों किसी भी प्रस्ताव पर वीटो करने का अधिकार प्राप्त है। वर्तमान में वैश्विक हालातों को देखते हुए सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग में तेजी आ रही है। 

गौरतलब है कि इससे पहले इससे पहले जयशंकर ने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 77वें सत्र के दूसरे दिन आतंकवाद, कोविड-19 महामारी, खाद्य सुरक्षा और यूक्रेन संकट से विभिन्न मुद्दों पर प्रमुख देशों के राष्ट्रपतियों से बातचीत की। इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन से वार्ता में जयशंकर ने जी-20 के महत्व और यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक दक्षिण पर पड़ने वाले असर जैसे मुद्दों पर वार्ता की। 

20 सितंबर 2022 को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर I2U2 शेरपा मिले। इस मौके पर भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्रालय के सचिव (ईआर) दम्मू रवि ने किया। इस दौरान समूह ने चारों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को गहरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। साथ ही उन्होंने I2U2 के तहत स्वीकारी की गई परियोजनाओं का जायजा लिया। इसमें भारत में फूड पार्क की स्थापना और द्वारका गुजरात में हाइब्रिड रिन्यूएबल एनर्जी/बैटरी स्टोरेज प्रोजेक्ट भी शामिल है। 

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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाए जाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत को अब तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य नहीं बनाया जाना केवल हमारे लिए ही नहीं बल्कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए भी सही नहीं है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्चस्तरीय सत्र से इतर उन्होंने कहा कि बहुत पहले ही इसे सुधारते हुए भारत को इसमें शामिल कर लिया जाना चाहिए था। 

दरअसल, बुधवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तथा नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के साथ वार्ता कर रहे थे। इस दौरान उनसे भारत को यूएनएसी में स्थायी सदस्यता को लेकर सवाल किया गया। इसी का जवाब देते हुए उन्होंने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि भारत इसे लेकर बहुत गंभीर है। उन्होंने कहा कि मैं इस विषय पर काम भी कर रहा हूं। यूएनएसी में भारत को स्थायी सदस्य बनाए जाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत मानता है कि सुरक्षा परिषद में परिवर्तन बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र 80 साल पहले बनाया गया था और तब से आज की स्थितियों भिन्न हैं। 

विदेश मंत्री ने आगे कहा कि भारत बहुत तेजी से विकास कर रहा है। आने वाले कुछ सालों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। ऐसे में भारत का वैश्विक परिषद का हिस्सा ना होना ना केवल भारत के लिए बल्कि इस निकाय के लिए भी अच्छा नहीं है। 

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और अमेरिका हैं। इन पांचों देशों किसी भी प्रस्ताव पर वीटो करने का अधिकार प्राप्त है। वर्तमान में वैश्विक हालातों को देखते हुए सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग में तेजी आ रही है। 

गौरतलब है कि इससे पहले इससे पहले जयशंकर ने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 77वें सत्र के दूसरे दिन आतंकवाद, कोविड-19 महामारी, खाद्य सुरक्षा और यूक्रेन संकट से विभिन्न मुद्दों पर प्रमुख देशों के राष्ट्रपतियों से बातचीत की। इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन से वार्ता में जयशंकर ने जी-20 के महत्व और यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक दक्षिण पर पड़ने वाले असर जैसे मुद्दों पर वार्ता की। 

20 सितंबर 2022 को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर I2U2 शेरपा मिले। इस मौके पर भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्रालय के सचिव (ईआर) दम्मू रवि ने किया। इस दौरान समूह ने चारों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को गहरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। साथ ही उन्होंने I2U2 के तहत स्वीकारी की गई परियोजनाओं का जायजा लिया। इसमें भारत में फूड पार्क की स्थापना और द्वारका गुजरात में हाइब्रिड रिन्यूएबल एनर्जी/बैटरी स्टोरेज प्रोजेक्ट भी शामिल है। 



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