UP Election 2022: यूपी में रिकॉर्ड कैश सीज, नोएडा दूसरे तो लखनऊ तीसरे नंबर पर, जानें कहां मिली सबसे ज्यादा नकदी


माई सिटी रिपोर्टर, कानपुर
Published by: Vikas Kumar
Updated Wed, 09 Feb 2022 09:31 PM IST

सार

आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक, 2017 के विधानसभा चुनाव में 9 करोड़ रुपये सीज किए गए थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में पांच करोड़ रुपये सीज किए गए थे। विधानसभा चुनाव 2022 में धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए आयकर विभाग की तैयारी के सार्थक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।

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उप्र के विधानसभा चुनाव में कालेधन के दुरुपयोग को रोकने में आयकर विभाग को अच्छी सफलता मिल रही है। पूरे प्रदेश में अब तक रिकॉर्ड 44 करोड़ रुपये सीज किए गए हैं। अकेले कानपुर में ही 14 करोड़ सीज किया गया है। कैश सीज के मामले में शहर का पहला स्थान है। वहीं, नोएडा में 13 करोड़ और लखनऊ में 10 करोड़ सीज हुआ। अन्य स्थानों पर सात करोड़ पकड़ा गया है। आयकर के इतिहास में आज तक इतना कैश नहीं पकड़ा गया है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी में 11 करोड़ पकड़ा गया था। यह सर्वाधिक कैश पकड़ने का मामला था।

आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक, 2017 के विधानसभा चुनाव में 9 करोड़ रुपये सीज किए गए थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में पांच करोड़ रुपये सीज किए गए थे। विधानसभा चुनाव 2022 में धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए आयकर विभाग की तैयारी के सार्थक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। चुनाव में कैश को रोकने के लिए आयकर विभाग ने उप्र पश्चिम और उत्तराखंड के लिए 72 अफसरों की टीमें तैयार की हैं। लखनऊ में मुख्य कंट्रोल रूम से अफसर और कर्मचारी 24 घंटे सीधे संपर्क में रहते हैं। चुनाव से पहले कानपुर और कन्नौज में मिले अकूत धन के बाद आयकर महानिदेशालय जांच ने अपनी रणनीति बदली थी। हर जिले के लिए एक आयकर अफसर और सहयोगी अधिकारी नामित किया था। चुनाव के लिए विशेष अधिकारी की नियुक्ति की गई थी। 

सूत्रों ने बताया कि रेलवे, हवाई अड्डा, बस स्टैंड के अलावा मुखबिर तंत्र के जरिए विभाग कालेधन पर नजर रखे है। बैंकों से होने वाले लेनदेन पर भी विभाग की नजर है। लग्जरी गाड़ियों से आने-जाने वाले, प्रत्याशियों के करीबी और रिश्तेदारों पर भी नजर रखी जा रही है। विभाग के उच्च अफसरों ने बताया कि अब तब कानपुर समेत पूरे प्रदेश में 44 करोड़ रुपये सीज किए गए हैं। आज तक इतना कैश किसी भी चुनाव में नहीं पकड़ा गया है।

विस्तार

उप्र के विधानसभा चुनाव में कालेधन के दुरुपयोग को रोकने में आयकर विभाग को अच्छी सफलता मिल रही है। पूरे प्रदेश में अब तक रिकॉर्ड 44 करोड़ रुपये सीज किए गए हैं। अकेले कानपुर में ही 14 करोड़ सीज किया गया है। कैश सीज के मामले में शहर का पहला स्थान है। वहीं, नोएडा में 13 करोड़ और लखनऊ में 10 करोड़ सीज हुआ। अन्य स्थानों पर सात करोड़ पकड़ा गया है। आयकर के इतिहास में आज तक इतना कैश नहीं पकड़ा गया है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी में 11 करोड़ पकड़ा गया था। यह सर्वाधिक कैश पकड़ने का मामला था।

आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक, 2017 के विधानसभा चुनाव में 9 करोड़ रुपये सीज किए गए थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में पांच करोड़ रुपये सीज किए गए थे। विधानसभा चुनाव 2022 में धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए आयकर विभाग की तैयारी के सार्थक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। चुनाव में कैश को रोकने के लिए आयकर विभाग ने उप्र पश्चिम और उत्तराखंड के लिए 72 अफसरों की टीमें तैयार की हैं। लखनऊ में मुख्य कंट्रोल रूम से अफसर और कर्मचारी 24 घंटे सीधे संपर्क में रहते हैं। चुनाव से पहले कानपुर और कन्नौज में मिले अकूत धन के बाद आयकर महानिदेशालय जांच ने अपनी रणनीति बदली थी। हर जिले के लिए एक आयकर अफसर और सहयोगी अधिकारी नामित किया था। चुनाव के लिए विशेष अधिकारी की नियुक्ति की गई थी। 

सूत्रों ने बताया कि रेलवे, हवाई अड्डा, बस स्टैंड के अलावा मुखबिर तंत्र के जरिए विभाग कालेधन पर नजर रखे है। बैंकों से होने वाले लेनदेन पर भी विभाग की नजर है। लग्जरी गाड़ियों से आने-जाने वाले, प्रत्याशियों के करीबी और रिश्तेदारों पर भी नजर रखी जा रही है। विभाग के उच्च अफसरों ने बताया कि अब तब कानपुर समेत पूरे प्रदेश में 44 करोड़ रुपये सीज किए गए हैं। आज तक इतना कैश किसी भी चुनाव में नहीं पकड़ा गया है।



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