UP News : ब्रज के मंदिरों में पुजारियों पर लगेगा हाउस टैक्स, ठाकुरजी फ्री, बढ़ेगा कर का दायरा


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ब्रज के मंदिरों में ठाकुरजी की सेवा कर रहे पुजारियों पर नगर निगम के टैक्स का साया पड़ने वाला है। हालांकि ठाकुरजी फ्री रहेंगे। निगम द्वारा कराए जा रहे सर्वे में मंदिरों के प्रांगण में रह रहे पुजारी टैक्स के दायरे में आ जाएंगे। सर्वे के बाद पुजारियों पर टैक्स लगाया जाएगा। फिलहाल इस टैक्स की जानकारी पुजारियों को नहीं है। टैक्स की वसूली के दौरान इनको निगम का हाउस व वाटर टैक्स चुकाना होगा।

मथुरा-वृंदावन में करीब पांच हजार से अधिक मंदिर हैं। जितने मंदिर हैं उनमें से दो या तीन प्रतिशत को छोड़कर सभी मंदिरों में पुजारी का आवास बना हुआ है। इन आवासों में मंदिर के सेवायत, संत-महंत व मंदिर से जुड़े परिवार रह रहे हैं। अभी तक यह पुजारी मंदिर की संपत्ति में आवास बनाकर सभी प्रकार के सरकारी टैक्स से बचे हुए थे लेकिन अब नगर निगम अन्य आवासों के नियम के अनुसार ही इन पर टैक्स लगाएगा। फिलहाल निगम टैक्स को लेकर सर्वे करा रहा है। इस सर्वे में मंदिरों के परिसर में बने पुजारियों के आवासों को भी गिना जा रहा है और इन पर बाकायदा टैक्स गणना के आधार पर टैक्स अध्यारोपित किया जा रहा है। (संवाद)

नहीं बचेंगे मस्जिद और गुरुद्वारे
केवल मंदिर ही नहीं जो भी धार्मिक स्थल हैं और उनसे जुड़े हुए प्रांगण में यदि कोई आवास बना हुआ है तो उस पर निगम का टैक्स अवश्य अध्यारोपित होगा। नगर निगम के एक्ट की धारा 177 बी के मुताबिक यह टैक्स उन भवनों पर जिनका उपयोग पूरी तरह से पूजा के लिए किया जाता है, नहीं होगा। इसके अलावा मंदिर से जुडे़ उन सभी भवन दुकान आवासों पर निगम का हाउस टैक्स लागू होगा।

अलग होगा टैक्स का दायरा
धार्मिक भूमि पर यदि दुकानें हैं तो कॉमर्शियल टैक्स भी अध्यारोपित होगा। यदि किसी धर्मस्थल में और कोई गतिविधि चल रही है तो उस पर गतिविधि के मुताबिक कर लगेगा।

सभी आश्रमों पर लगेगा कॉमर्शियल टैक्स
वृंदावन के वह सभी आश्रम हाउस टैक्स के दायरे में आ जाएंगे जो कि मंदिर कम होटल अधिक हैं। इन आश्रमों में बीच में एक मंदिर बना हुआ है बाकी आश्रम में भक्तों के लिए होटल जैसी सभी सुविधाएं मौजूद हैं।

पहले निरीक्षण करेंगे फिर करेंगे टैक्स अध्यारोपित
पहले निरीक्षण करेंगे, इसके बाद टैक्स अध्यारोपित करेंगे। मौके पर जाकर पता लग सके कि वास्तव में जिस संपत्ति पर हम टैक्स लगा रहे हैं वह मंदिर में पूजा स्थल से अतिरिक्त है।
– शिव कुमार गौतम, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम

 

विस्तार

ब्रज के मंदिरों में ठाकुरजी की सेवा कर रहे पुजारियों पर नगर निगम के टैक्स का साया पड़ने वाला है। हालांकि ठाकुरजी फ्री रहेंगे। निगम द्वारा कराए जा रहे सर्वे में मंदिरों के प्रांगण में रह रहे पुजारी टैक्स के दायरे में आ जाएंगे। सर्वे के बाद पुजारियों पर टैक्स लगाया जाएगा। फिलहाल इस टैक्स की जानकारी पुजारियों को नहीं है। टैक्स की वसूली के दौरान इनको निगम का हाउस व वाटर टैक्स चुकाना होगा।

मथुरा-वृंदावन में करीब पांच हजार से अधिक मंदिर हैं। जितने मंदिर हैं उनमें से दो या तीन प्रतिशत को छोड़कर सभी मंदिरों में पुजारी का आवास बना हुआ है। इन आवासों में मंदिर के सेवायत, संत-महंत व मंदिर से जुड़े परिवार रह रहे हैं। अभी तक यह पुजारी मंदिर की संपत्ति में आवास बनाकर सभी प्रकार के सरकारी टैक्स से बचे हुए थे लेकिन अब नगर निगम अन्य आवासों के नियम के अनुसार ही इन पर टैक्स लगाएगा। फिलहाल निगम टैक्स को लेकर सर्वे करा रहा है। इस सर्वे में मंदिरों के परिसर में बने पुजारियों के आवासों को भी गिना जा रहा है और इन पर बाकायदा टैक्स गणना के आधार पर टैक्स अध्यारोपित किया जा रहा है। (संवाद)

नहीं बचेंगे मस्जिद और गुरुद्वारे

केवल मंदिर ही नहीं जो भी धार्मिक स्थल हैं और उनसे जुड़े हुए प्रांगण में यदि कोई आवास बना हुआ है तो उस पर निगम का टैक्स अवश्य अध्यारोपित होगा। नगर निगम के एक्ट की धारा 177 बी के मुताबिक यह टैक्स उन भवनों पर जिनका उपयोग पूरी तरह से पूजा के लिए किया जाता है, नहीं होगा। इसके अलावा मंदिर से जुडे़ उन सभी भवन दुकान आवासों पर निगम का हाउस टैक्स लागू होगा।

अलग होगा टैक्स का दायरा

धार्मिक भूमि पर यदि दुकानें हैं तो कॉमर्शियल टैक्स भी अध्यारोपित होगा। यदि किसी धर्मस्थल में और कोई गतिविधि चल रही है तो उस पर गतिविधि के मुताबिक कर लगेगा।

सभी आश्रमों पर लगेगा कॉमर्शियल टैक्स

वृंदावन के वह सभी आश्रम हाउस टैक्स के दायरे में आ जाएंगे जो कि मंदिर कम होटल अधिक हैं। इन आश्रमों में बीच में एक मंदिर बना हुआ है बाकी आश्रम में भक्तों के लिए होटल जैसी सभी सुविधाएं मौजूद हैं।

पहले निरीक्षण करेंगे फिर करेंगे टैक्स अध्यारोपित

पहले निरीक्षण करेंगे, इसके बाद टैक्स अध्यारोपित करेंगे। मौके पर जाकर पता लग सके कि वास्तव में जिस संपत्ति पर हम टैक्स लगा रहे हैं वह मंदिर में पूजा स्थल से अतिरिक्त है।

– शिव कुमार गौतम, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम

 



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