हाइलाइट्स
अमेरिका में उपभोक्ता महंगाई दर जून में 9 फीसदी से ऊपर चली गई.
जून-जुलाई में फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में 1.50 फीसदी बढ़ोतरी की है.
जून में भी फेड रिजर्व ने 0.75 फीसदी ब्याज दर बढ़ाई थी.
नई दिल्ली. अमेरिका में कर्ज की ब्याज दरें आज से 0.75 फीसदी महंगी हो गई हैं. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने महंगाई को काबू में लाने के लिए कर्ज की ब्याज दरों में बड़ी बढ़ोतरी की है. यह लगातार दूसरा महीना है, जबकि ब्याज दरें बढ़ाई गई हैं.
दरअसल, अमेरिका में उपभोक्ता महंगाई दर जून में 9 फीसदी से ऊपर चली गई, जो 42 सालों में सबसे ज्यादा है. इस पर काबू पाने के लिए फेड रिजर्व ने ब्याज दर के अपने तय लक्ष्य 2.25 से 2.5 फीसदी को भी पीछे छोड़ दिया. जून और जुलाई में अभी तक फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में कुल 1.50 फीसदी की बढ़ोतरी की है. यह 1980 के बाद ब्याज दरों में सबसे तेज बढ़ोतरी है. जून में भी फेड रिजर्व ने 0.75 फीसदी ब्याज दर बढ़ाई थी.
ये भी पढ़ें – IMF की चेतावनी- दुनिया में जल्द आ सकती है मंदी, अप्रैल के बाद से बेहद खराब हैं हालात, क्या भारत पर भी है खतरा?
महंगाई दर 2 फीसदी पर लाने की मंशा
फेडरल ओपन मार्केट कमेटी ने बैठक के दौरान सबसे ज्यादा फोकस महंगाई पर रखा. कमेटी का कहना है कि महंगाई दर को वापस 2 फीसदी पर लाना ही हमारा मकसद है. कमेटी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि महंगाई का जोखिम सबसे ज्यादा है और ब्याज दरों में हो रही बढ़ोतरी उसे नीचे लाने की तरफ बढ़ाया गया कदम है. अगर हमारी ग्रोथ पर असर दिखेगा तो हम आगे पॉलिसी में बदलाव भी कर सकते हैं.
9 साल में पहली बार सभी सहमत
फेड रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान 9 साल में पहली सभी गवर्नर ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर सहमत दिखे. फेडरल ओपन मार्केट कमेटी में हाल में शामिल किए गए दो और गवर्नर भी ब्याज दर बढ़ाने के पक्ष में थे और यह 2013 के बाद पहली बार है जब कमेटी के सभी 7 सदस्य किसी फैसले पर एकमत दिखे हों.
ये भी पढ़ें – रिजर्व बैंक मौद्रिक समीक्षा में रेपो रेट में 0.35 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है: रिपोर्ट
अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर बढ़ेगा जोखिम
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका की ऊंची ब्याज दरें पहले ही अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही हैं और ताजा बढ़ोतरी से खासकर हाउसिंग मार्केट पर बुरा असर पड़ेगा और मकानों की बिक्री सुस्त पड़ सकती है. फेड अधिकारियों के इस बयान पर कि वे अर्थव्यवस्था पर आने वाली मुश्किलों से निपट लेंगे, ज्यादातर विश्लेषक सहमत नहीं दिखे. उन्होंने कहा कि यह कदम अमेरिका में मंदी लाएगा, क्योंकि इससे बेरोजगारी बढ़ेगी और विकास दर सुस्त हो जाएगी.
हालांकि, कमेटी का दावा है कि हाल के दिनों में खर्ज में कमी तो आई है लेकिन नौकरियों में तेजी दिखी और बेरोजगारी दर लगातार नीचे जा रही है. बयाज दरों में हालिया बढ़ोतरी न तो बहुत इकॉनमी को तेजी देगा और न ही उसे सुस्त करेगा. इससे पहले कहा गया था कि फेड रिजर्व इस साल ब्याज दरों को बढ़ाकर 3.4 फीसदी करेगा और अगले साल इसे 3.8 फीसदी तक बढ़ा देगा.
निवेशकों की निगाह अगली बैठक पर
निवेशकों में फेड रिजर्व के अगले कदम को लेकर ज्यादा उत्सुकता दिख रही है. वे यह देखना चाहते हैं कि क्या ब्याज दरें बढ़ाने का सिलसिला कुछ सुस्त पड़ेगा या फिर महंगाई के दबाव में ब्याज और ऊपर जाएगा. 20-21 सितंबर को होने वाली फेड रिजर्व की बैठक इस मायने में काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है और ऐसा अनुमान है कि फेड तब 0.50 फीसदी का ब्याज बढ़ा सकता है. इससे साल के आखिर तक ब्याज दरें 3.4 फीसदी तक पहुंच जाएंगी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Business news in hindi, Federal Reserve meeting, Inflation, Interest Rates
FIRST PUBLISHED : July 28, 2022, 07:23 IST