USD 5 trillion GDP: केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पी चिदंबरम के बयान को बताया गलत, बोले- 2026 तक पांच ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हासिल करेंगे


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केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रविवार को भारतीय अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (5000 अरब डॉलर) तक पहुंचाने के लक्ष्य को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बयान को “बहुत गलत” करार दिया। दरअसल चिदंबरम ने कहा था कि 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य ‘गोलपोस्ट’ को स्थानांतरित करने का मामला बन गया है, क्योंकि शुरुआत में इसके लिए 2023-24 का लक्ष्य रखा गया था।

पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री ने कहा कि भारत तीन हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गया है और 2026 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि आईएमएफ ने 2026-27 तक भारतीय अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर को पार करने का अनुमान लगाया है।  मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने रविवार को कहा कि “यह लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ‘गोलपोस्ट’ को स्थानांतरित करने का मामला लगता है, क्योंकि शुरुआत में इसके लिए 2023-24 का लक्ष्य रखा गया था।”

चिदंबरम के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि “चिदंबरम यह सुझाव भी दे सकते हैं कि हम अमेरिकी आर्थिक मॉडल का पालन करें। वह कुछ भी कह सकते हैं और उन्होंने जो कहा है वह उनका व्यक्तिगत विचार है, जो कि बहुत ही गलत विचार है। वह पहले भी गलत थे और लगातार गलत बोले जा रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए एक मुहावरा है “हमें नसीहत देने वाले अपनी गिरेबां में झाकें”।

मंत्री ने कहा, “हमने यह लक्ष्य कोरोना वायरस महामारी शुरू होने से पहले निर्धारित किया था। अब हम तीन ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गए हैं। 2026 तक हम पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। एक निर्यातक देश और डिजिटल निर्माता के रूप में कोविड के बाद जो भारत की वृद्धि हुई है वह इस लक्ष्य को पाने में महत्वपूर्ण घटक है। कोविड के बाद जो अवसर हमें मिले हैं उससे लगता है कि अगर इसी समान गति से काम होता रहा तो पांच से 10 ट्रिलियन डॉलर का सपना भी सच हो सकता है।”

बता दें कि वित्त मंत्रालय के प्रतिष्ठित समारोह ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ को संबोधित करते हुए सीईए वी अनंत नागेश्वरन ने पिछले सप्ताह कहा था कि आईएमएफ ने भारतीय अर्थव्यवस्था के 2026-27 तक पांच हजार अरब डॉलर को पार करने का अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पहले ही तीन हजार अरब डॉलर को पार कर चुका है।

नागेश्वरन की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए चिदंबरम ने कहा कि ‘‘पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था को प्राप्त करने का लक्ष्य गोलपोस्ट को स्थानांतरित करने का मामला लगता है।’’

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि पहले इसके लिए 2023-24 का लक्ष्य रखा गया था। उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग गोलपोस्ट के आसपास कहीं नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा है कि हम इस लक्ष्य को 2027 तक प्राप्त कर लेंगे।’’ चिदंबरम ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इसके (लक्ष्य की प्राप्ति) लिए प्रत्येक प्रमुख व्यक्ति – प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, वित्त सचिव और मुख्य आर्थिक सलाहकार के लिए अलग-अलग गोलपोस्ट है, ताकि जब इस लक्ष्य की प्राप्ति हो तो वे कह सकें कि हमने ऐसा कहा था।’’

विस्तार

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रविवार को भारतीय अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (5000 अरब डॉलर) तक पहुंचाने के लक्ष्य को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बयान को “बहुत गलत” करार दिया। दरअसल चिदंबरम ने कहा था कि 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य ‘गोलपोस्ट’ को स्थानांतरित करने का मामला बन गया है, क्योंकि शुरुआत में इसके लिए 2023-24 का लक्ष्य रखा गया था।


पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री ने कहा कि भारत तीन हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गया है और 2026 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि आईएमएफ ने 2026-27 तक भारतीय अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर को पार करने का अनुमान लगाया है।  मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने रविवार को कहा कि “यह लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ‘गोलपोस्ट’ को स्थानांतरित करने का मामला लगता है, क्योंकि शुरुआत में इसके लिए 2023-24 का लक्ष्य रखा गया था।”

चिदंबरम के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि “चिदंबरम यह सुझाव भी दे सकते हैं कि हम अमेरिकी आर्थिक मॉडल का पालन करें। वह कुछ भी कह सकते हैं और उन्होंने जो कहा है वह उनका व्यक्तिगत विचार है, जो कि बहुत ही गलत विचार है। वह पहले भी गलत थे और लगातार गलत बोले जा रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए एक मुहावरा है “हमें नसीहत देने वाले अपनी गिरेबां में झाकें”।

मंत्री ने कहा, “हमने यह लक्ष्य कोरोना वायरस महामारी शुरू होने से पहले निर्धारित किया था। अब हम तीन ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गए हैं। 2026 तक हम पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। एक निर्यातक देश और डिजिटल निर्माता के रूप में कोविड के बाद जो भारत की वृद्धि हुई है वह इस लक्ष्य को पाने में महत्वपूर्ण घटक है। कोविड के बाद जो अवसर हमें मिले हैं उससे लगता है कि अगर इसी समान गति से काम होता रहा तो पांच से 10 ट्रिलियन डॉलर का सपना भी सच हो सकता है।”

बता दें कि वित्त मंत्रालय के प्रतिष्ठित समारोह ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ को संबोधित करते हुए सीईए वी अनंत नागेश्वरन ने पिछले सप्ताह कहा था कि आईएमएफ ने भारतीय अर्थव्यवस्था के 2026-27 तक पांच हजार अरब डॉलर को पार करने का अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पहले ही तीन हजार अरब डॉलर को पार कर चुका है।

नागेश्वरन की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए चिदंबरम ने कहा कि ‘‘पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था को प्राप्त करने का लक्ष्य गोलपोस्ट को स्थानांतरित करने का मामला लगता है।’’

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि पहले इसके लिए 2023-24 का लक्ष्य रखा गया था। उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग गोलपोस्ट के आसपास कहीं नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा है कि हम इस लक्ष्य को 2027 तक प्राप्त कर लेंगे।’’ चिदंबरम ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इसके (लक्ष्य की प्राप्ति) लिए प्रत्येक प्रमुख व्यक्ति – प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, वित्त सचिव और मुख्य आर्थिक सलाहकार के लिए अलग-अलग गोलपोस्ट है, ताकि जब इस लक्ष्य की प्राप्ति हो तो वे कह सकें कि हमने ऐसा कहा था।’’



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