Video: जब Lata Mangeshkar ने संसद में गाया ‘सारे जहां से अच्छा’, गूंज उठा था सदन


देश की मशहूर सिंगर लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का निधन हो गया। उन्होंने कैंडी ब्रीच अस्पताल में 6 फरवरी की सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर अंतिम सांस ली। वह कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमित होने के बाद वह 28 दिनों तक अस्पताल में भर्ती थीं। और मल्टी ऑर्गन फेलियर (Lata Mangeshkar Death Reason) की वजह से उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। स्वर कोकिला के नाम से मशहूर और भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर ने अपने करियर में हजारों गानों को अपनी आवाज दी। कई जगह उन्होंने परफॉर्म किया। संसद में भी उन्होंने अपनी प्रस्तुति दी थी।

तारीख थी 14-15 अगस्त, 1997। मौका था स्वतंत्रता दिवस की 50वीं सालगिरह। संसद का सदन खंचाखच भरा हुआ था। उनका नाम अनाउंस हुआ तो नारंगी बॉर्डर की सफेद साड़ी में सिंगर स्टेज पर पहुंचती हैं। चश्मा पहनती हैं और फिर एक पेपर निकालती हैं। पीछे से म्यूजिक शुरू होता है और फिर उनके ओंठ भी हिलने लग जाते हैं। उनकी आवाज में गाया हुआ गीत ‘सारे जहां से अच्छा’ पूरे सदन में गूंज उठता है। वहां बैठे लोग भी खुद को गाने से रोक नहीं पाते और लता दीदी के साथ गुनगुनाने लग जाते हैं। लता मंगेशकर की इस पुरानी याद को लोक सभा के ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया है।

लता मंगेशकर ने सबसे ज्यादा हिंदी गानों को अपनी मधुर आवाज दी थी। उनके आखिरी फिल्मी गाने की बात की जाए तो यह साल 2006 में रिलीज हुई ‘रंग दे बसंती’ का गाना ‘लुका छिपी’ था। इस गाने को एआर रहमान ने कंपोज किया था। लता मंगेशकर की आखिरी हिंदी ऐल्बम की बात की जाए तो यह साल 2004 में रिलीज हुई फिल्म ‘वीर-जारा’ थी।

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