Violence in Ranchi: भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुबर दास बोले- राज्य में कमजोर नेतृत्व के चलते रांची में हिंसा हुई, सीएम से मांगा इस्तीफा


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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कहा कि कमजोर नेतृत्व के कारण ही रांची में हिंसा हुई, जिसमें दो लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। भाजपा ने राज्य के हित में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस्तीफे की मांग की।

एक बयान में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुबर दास ने आरोप लगाया कि पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणियों के खिलाफ हुए प्रदर्शन के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आगाह करने के बावजूद झारखंड सरकार पूरी तरह से तैयार नहीं थी। गौरतलब है कि निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में कथित विवादित टिप्पणियां की थीं।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दास ने दावा किया कि राज्य सरकार की तैयारी के अभाव का फायदा उठाकर बदमाशों ने शुक्रवार को रांची में घंटों तक बहुसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थलों पर हंगामा और हमला किया।

उन्होंने कहा कि पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने में विफल रही। उन्होंने कहा कि शुक्रवार की हिंसा के पीछे प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है। बता दें कि फरवरी 2019 में राज्य में पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

दास ने इस संबंध में जांच की मांग की। साथ ही सोरेन को “अक्षम और निष्क्रिय” बताते हुए दास ने उनके इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि सोरेन को “राज्य के हित” में इस्तीफा देना चाहिए। भाजपा नेता ने सुझाव दिया कि वह  सत्तारूढ़ झामुमो के एक कुशल विधायक को सत्ता सौंप दें।

उन्होंने दावा किया और खेद व्यक्त किया कि इस तरह की घटनाएं ज्यादातर समाज के गरीब वर्ग को प्रभावित करती हैं। उन्होंने कहा कि “मैंने अपने कार्यकाल में खुद सड़कों पर उतरकर उस स्थिति से निपटा था, जब असामाजिक तत्वों ने रांची में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश की थी।”

दास ने आरोप लगाया कि राज्य में ‘महागठबंधन’ की सरकार आने के बाद से ही असामाजिक तत्व इस तरह की हिंसा में शामिल हैं। बता दें कि रांची में हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक समेत कई अन्य घायल हो गए हैं। जिला प्रशासन ने शहर के कुछ हिस्सों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है और अगली सूचना तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कहा कि कमजोर नेतृत्व के कारण ही रांची में हिंसा हुई, जिसमें दो लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। भाजपा ने राज्य के हित में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस्तीफे की मांग की।

एक बयान में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुबर दास ने आरोप लगाया कि पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणियों के खिलाफ हुए प्रदर्शन के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आगाह करने के बावजूद झारखंड सरकार पूरी तरह से तैयार नहीं थी। गौरतलब है कि निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में कथित विवादित टिप्पणियां की थीं।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दास ने दावा किया कि राज्य सरकार की तैयारी के अभाव का फायदा उठाकर बदमाशों ने शुक्रवार को रांची में घंटों तक बहुसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थलों पर हंगामा और हमला किया।

उन्होंने कहा कि पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने में विफल रही। उन्होंने कहा कि शुक्रवार की हिंसा के पीछे प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है। बता दें कि फरवरी 2019 में राज्य में पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

दास ने इस संबंध में जांच की मांग की। साथ ही सोरेन को “अक्षम और निष्क्रिय” बताते हुए दास ने उनके इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि सोरेन को “राज्य के हित” में इस्तीफा देना चाहिए। भाजपा नेता ने सुझाव दिया कि वह  सत्तारूढ़ झामुमो के एक कुशल विधायक को सत्ता सौंप दें।

उन्होंने दावा किया और खेद व्यक्त किया कि इस तरह की घटनाएं ज्यादातर समाज के गरीब वर्ग को प्रभावित करती हैं। उन्होंने कहा कि “मैंने अपने कार्यकाल में खुद सड़कों पर उतरकर उस स्थिति से निपटा था, जब असामाजिक तत्वों ने रांची में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश की थी।”

दास ने आरोप लगाया कि राज्य में ‘महागठबंधन’ की सरकार आने के बाद से ही असामाजिक तत्व इस तरह की हिंसा में शामिल हैं। बता दें कि रांची में हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक समेत कई अन्य घायल हो गए हैं। जिला प्रशासन ने शहर के कुछ हिस्सों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है और अगली सूचना तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।



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