हनुमान जन्मोत्सव पर हिंसाः दिल्ली फाइल्स पार्ट-2 का किसे होगा नुकसान, किसे होगा फायदा?


डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Sat, 16 Apr 2022 11:46 PM IST

सार

इस घटना पर सभी राजनीतिक दलों ने शांति की अपील की है, लेकिन अभी से दबी जुबान में इसके राजनीतिक नफे-नुकसान को लेकर चर्चा भी शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि इस हिंसा के पीछे मतदाताओं को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश हो सकती है।

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हनुमान जन्मोत्सव पर निकाली गई शोभायात्रा पर दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाके जहांगीरपुरी इलाके में जमकर पथराव हुआ है। शोभायात्रा में शामिल लोगों और पुलिस बल के जवानों पर एक भीड़ ने पत्थरों, विशेष द्रव्य से भरी बोतलों और तलवारों से हमला किया जिसमें कई लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। घटना में कई राउंड फायर और आगजनी भी की गई है। दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया है। पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद इलाके में फैली हिंसा के बाद इसे दिल्ली फाइल्स पार्ट-2 कहा जा रहा है।

हालांकि, इस घटना पर सभी राजनीतिक दलों ने शांति की अपील की है, लेकिन अभी से दबी जुबान में इसके राजनीतिक नफे-नुकसान को लेकर चर्चा भी शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि इस हिंसा के पीछे मतदाताओं को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश हो सकती है। सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी के एक नेता ने अमर उजाला से कहा कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को अस्थिर करने की बहुत कोशिशें की जा चुकी हैं, लेकिन इनमें से एक भी सफल नहीं हो पाई हैं। यही कारण है कि अब धार्मिक आधार पर मतदाताओं को बांटने की कोशिश की जा रही है जिससे आम आदमी पार्टी की बढ़त को रोका जा सके।

नेता ने कहा कि, अरविंद केजरीवाल दिल्ली से निकलकर गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ा खतरा बनकर उभर रहे हैं। गुजरात में कांग्रेस और भाजपा के बड़े-बड़े नेता अपने दलों को छोड़कर आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर रहे हैं। इससे भाजपा घबरा गई है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि इन हमलों के जरिए दिल्ली सरकार और अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, उसकी यह कोशिश कभी कामयाब नहीं होगी क्योंकि देश की जनता अपनी खुली आंखों से यह सच देख रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में भी कुछ समय में नगर निगम चुनाव होने हैं। 15 सालों में नगर निगम की सत्ता में बैठी भाजपा को इस बार सत्ता से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है, लिहाजा इस तरह से ध्रुवीकरण कर भाजपा अपनी लाज बचाना चाहती है।  

दिल्ली दंगे में आप नेता का नाम
इसके पहले फरवरी 2020 में दिल्ली के पूर्वी इलाकों में जमकर हिंसा हुई थी। इन हमलों में भी राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप लगे थे। आम आदमी पार्टी ने इन हमलों के लिए केंद्र सरकार और भाजपा को जिम्मेदार ठहराया था तो इन हमलों में आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन का नाम भी सामने आया था। उन पर आईबी के अधिकारी अंकित शर्मा की नृशंस हत्या में शामिल होने के भी गंभीर आरोप हैं। उन पर मुकदमा भी चल रहा है। यही कारण है कि इस बार अभी से इस हिंसा में राजनीतिक कोण तलाशा जाने लगा है।   

शांति की अपील
हमले की सूचना आते ही दिल्ली के सभी राजनीतिक दलों ने बेहद सधी प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शांति की अपील की है। उन्होंने कहा है कि इस घटना में जो लोग भी दोषी हों, उन पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने इस तरह की घटना पर दुख भी जताया है और कहा है कि यदि इस तरह की घटनाएं होंगी तो इससे देश आगे नहीं बढ़ सकता। भाजपा नेता मनोज तिवारी ने कहा है कि यह घटना बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही है। इसकी तत्काल जांच कर दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए। 

दिल्ली फाइल्स पार्ट-1
इस घटना ने दिल्ली को एक बार फिर उस वीभत्स सांप्रदायिक हिंसा की याद ताजा करा दी है जिसमें 53 लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। 23-24 फरवरी 2020 से शुरू हुई यह हिंसा 29 फरवरी तक चलती रही जिसमें सैकड़ों घरों-दुकानों और धार्मिक स्थलों को आग के हवाले कर दिया गया था। इस घटना ने दिल्ली के सामाजिक-राजनीतिक समीकरण बदल दिए थे। कश्मीर फाइल्स फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने इस पर दिल्ली फाइल्स के नाम से फिल्म बनाने की बात भी कही है।

विस्तार

हनुमान जन्मोत्सव पर निकाली गई शोभायात्रा पर दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाके जहांगीरपुरी इलाके में जमकर पथराव हुआ है। शोभायात्रा में शामिल लोगों और पुलिस बल के जवानों पर एक भीड़ ने पत्थरों, विशेष द्रव्य से भरी बोतलों और तलवारों से हमला किया जिसमें कई लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। घटना में कई राउंड फायर और आगजनी भी की गई है। दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया है। पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद इलाके में फैली हिंसा के बाद इसे दिल्ली फाइल्स पार्ट-2 कहा जा रहा है।

हालांकि, इस घटना पर सभी राजनीतिक दलों ने शांति की अपील की है, लेकिन अभी से दबी जुबान में इसके राजनीतिक नफे-नुकसान को लेकर चर्चा भी शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि इस हिंसा के पीछे मतदाताओं को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश हो सकती है। सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी के एक नेता ने अमर उजाला से कहा कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को अस्थिर करने की बहुत कोशिशें की जा चुकी हैं, लेकिन इनमें से एक भी सफल नहीं हो पाई हैं। यही कारण है कि अब धार्मिक आधार पर मतदाताओं को बांटने की कोशिश की जा रही है जिससे आम आदमी पार्टी की बढ़त को रोका जा सके।

नेता ने कहा कि, अरविंद केजरीवाल दिल्ली से निकलकर गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ा खतरा बनकर उभर रहे हैं। गुजरात में कांग्रेस और भाजपा के बड़े-बड़े नेता अपने दलों को छोड़कर आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर रहे हैं। इससे भाजपा घबरा गई है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि इन हमलों के जरिए दिल्ली सरकार और अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, उसकी यह कोशिश कभी कामयाब नहीं होगी क्योंकि देश की जनता अपनी खुली आंखों से यह सच देख रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में भी कुछ समय में नगर निगम चुनाव होने हैं। 15 सालों में नगर निगम की सत्ता में बैठी भाजपा को इस बार सत्ता से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है, लिहाजा इस तरह से ध्रुवीकरण कर भाजपा अपनी लाज बचाना चाहती है।  

दिल्ली दंगे में आप नेता का नाम

इसके पहले फरवरी 2020 में दिल्ली के पूर्वी इलाकों में जमकर हिंसा हुई थी। इन हमलों में भी राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप लगे थे। आम आदमी पार्टी ने इन हमलों के लिए केंद्र सरकार और भाजपा को जिम्मेदार ठहराया था तो इन हमलों में आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन का नाम भी सामने आया था। उन पर आईबी के अधिकारी अंकित शर्मा की नृशंस हत्या में शामिल होने के भी गंभीर आरोप हैं। उन पर मुकदमा भी चल रहा है। यही कारण है कि इस बार अभी से इस हिंसा में राजनीतिक कोण तलाशा जाने लगा है।   

शांति की अपील

हमले की सूचना आते ही दिल्ली के सभी राजनीतिक दलों ने बेहद सधी प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शांति की अपील की है। उन्होंने कहा है कि इस घटना में जो लोग भी दोषी हों, उन पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने इस तरह की घटना पर दुख भी जताया है और कहा है कि यदि इस तरह की घटनाएं होंगी तो इससे देश आगे नहीं बढ़ सकता। भाजपा नेता मनोज तिवारी ने कहा है कि यह घटना बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही है। इसकी तत्काल जांच कर दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए। 

दिल्ली फाइल्स पार्ट-1

इस घटना ने दिल्ली को एक बार फिर उस वीभत्स सांप्रदायिक हिंसा की याद ताजा करा दी है जिसमें 53 लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। 23-24 फरवरी 2020 से शुरू हुई यह हिंसा 29 फरवरी तक चलती रही जिसमें सैकड़ों घरों-दुकानों और धार्मिक स्थलों को आग के हवाले कर दिया गया था। इस घटना ने दिल्ली के सामाजिक-राजनीतिक समीकरण बदल दिए थे। कश्मीर फाइल्स फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने इस पर दिल्ली फाइल्स के नाम से फिल्म बनाने की बात भी कही है।



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