न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Mon, 11 Apr 2022 07:43 PM IST
सार
सिद्धार्थ यादव का कहना है कि लेफ्ट संगठनों को रामनवमी के पूजन से चिढ़ है। उन्हें इस बात का गुस्सा है कि कैसे जेएनयू में छात्र बड़ी संख्या में राम का नाम ले रहे हैं। वो भी बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से इसलिए इन संगठनों ने पूजा व्यवधान करने के लिए हिंसा का सहारा लिया।
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विस्तार
अमर उजाला से बातचीत में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक सिद्धार्थ यादव ने बताया कि जैसा माहौल बनाया जा रहा है कि यह पूरा घटनाक्रम वेज और नॉनवेज को लेकर है। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। न हमारे संगठन ने और न ही किसी छात्र ने नॉनवेज बंद करने को लेकर कोई मांग रखी। कैंपस में बीते नौ दिनों से पूजा, भजन और इफ्तार पार्टी बहुत ही शांति के साथ चल रही थी। कैंपस में पूरे नवरात्र के दौरान हर हॉस्टल में नॉनवेज परोसा गया। लेकिन हमने कभी मांग नहीं की कि नवरात्रि के दिनों में इसे बंद किया जाए। जबकि रामनवमी का पूजन कार्यक्रम भी छात्रों के आह्वान पर छात्रावास में बहुत ही शांति के साथ किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण पूजन कार्यक्रम लेफ्ट के हिंदू विरोधी मानसिकता के लोगों को स्वीकार नहीं हुआ। इसी कारण ये पूरा ड्रामा नॉनवेज को लेकर क्रिएट करने की कोशिश की गई। शाम 7.30 बजे लेफ्ट से जुड़े संगठनों का कहना है कि नॉनवेज को लेकर कोई इश्यू था जबकि इसके पहले छात्रों के साथ मारपीट हो चुकी थी। पूजा में अड़चन पैदा करने की कोशिश भी की जा चुकी थी।
सिद्धार्थ यादव बताते हैं कि देश के कई शिक्षण संस्थाओं में रामनवमी के पूजन कार्यक्रम में अड़चन पैदा करने के कई मामले में हमें रविवार को सुनने और देखने को मिले हैं। लेफ्ट के संगठनों ने कर्नाटक के सेंट्रल यूनिवर्सिटी में भी रामनवमी पूजन के लिए जो छात्र जमा हुए थे उनके साथ मारपीट की। इसके अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी इस तरह की घटना सुनने को मिली है।
जेएनयू में राम के नाम से चिढ़ है
सिद्धार्थ यादव का कहना है कि लेफ्ट संगठनों को रामनवमी के पूजन से चिढ़ है। उन्हें इस बात का गुस्सा है कि कैसे जेएनयू में छात्र बड़ी संख्या में राम का नाम ले रहे हैं। वो भी बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से इसलिए इन संगठनों ने पूजा व्यवधान करने के लिए हिंसा का सहारा लिया। इसके बाद से इसे वेज और नॉनवेज की लड़ाई में तब्दील कर दिया। जेनएनयू में रामनवमी का पर्व मनाना कोई गुनाह है क्या। अगर कोई छात्र इस तरह का त्योहार मनाने आ रहा है तो क्या उनके साथ मारपीट की जाएगी। पहली बार रामनवमी के पूजन में हजारों छात्र जमा हुए थे। इसके पहले इतने छात्र नहीं देखे जाते थे। इन लोगों को असल दिक्कत इस बात से ही थी कि कैसे इतने सारे छात्र जेएनयू में भगवान राम का नाम जोर शोर से ले रहे है।
रामनवमी के पहले से मिल रही है धमकी
हिंसा पर एबीपीवी के अध्यक्ष रोहित कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। रोहित का कहना है कि नॉनवेज को लेकर कोई विवाद था ही नहीं। रामनवमी से एक दिन पहले उनको धमकी मिल रही थी कि रामनवमी की पूजा में हड्डियां फेंकी जाएंगी। पूजा को रोकने का साजिश रची गई। फर्जी नोटिस भेजा गया। छात्रों को कावेरी हॉस्टल में घुसने से रोका गया। लेफ्ट पार्टियों के छात्र लाठी, डंडे लेकर आए थे। उन्होंने हमारे झंडे फाड़े और छात्रों को रॉड, ट्यूब लाइट से पीटा। रोहित कुमार ने बताया कि पुलिस को कुल तीन शिकायत दी गई हैं।
जेएनयू प्रशासन ने शुरु की जांच
इधर, जेएनयू प्रशासन ने अब कथित नॉन वेज खाने से रोकने के मामले की जांच शुरू कर दी है। जेएनयू प्रशासन ने कावेरी हॉस्टल की वार्डन और सिक्योरिटी स्टाफ को तलब किया है। इसके साथ-साथ छात्रों के पक्ष को भी जाना जाएगा। कहा गया है कि दोषी पाए जाने वाले छात्रों पर नियमों के तहत सख्त कार्रवाई होगी।