स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शक्तिराज सिंह
Updated Sun, 30 Jan 2022 09:34 AM IST
सार
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने कहा है कि विराट कोहली ने बेहतरीन तरीके से सौरव गांगुली और महेंन्द्र सिंह धोनी की विरासत को आगे बढ़ाया। उन्होंने लिखा कि विराट ने अपना उत्साह कम नहीं होने दिया, लेकिन एक सफल कप्तान रहे।
विराट कोहली, सौरव गांगुली और महेंन्द्र सिंह धोनी
ख़बर सुनें
विस्तार
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने कहा है कि विराट कोहली एक अलग तरह के कप्तान थे। उन्होंने भारतीय टीम की अगुवाई करते समय अपने उत्साह को कम नहीं होने दिया और सफलतापूर्वक टीम का नेतृत्व किया। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम के 1-2 से हारने के बाद विराट ने टेस्ट टीम की कप्तानी भी छोड़ दी थी। अब वो किसी भी फॉर्मेट में कप्तान नहीं हैं। तीनों फॉर्मेट में विराट एक बल्लेबाज के रूप में टीम इंडिया का हिस्सा होंगे।
कोहली को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक बनाए दो साल से अधिक का समय हो गया है। ऐसे में उन पर काफी दबाव था। इसी वजह से उन्होंने पहले टी-20 की कप्तानी छोड़ी। इसके बाद उनसे वनडे की कप्तानी ले ली गई और अंत में उन्होंने टेस्ट टीम की कप्तानी भी छोड़ दी।
विराट ने जो किया, कोई आर नहीं कर पाया
चैपल ने ईएसपीएनक्रिकइंफो के लिए अपने कॉलम में लिखा “जब कोहली ने एमएस धोनी के बाद भारतीय टीम की कप्तानी संभाली तो एक बड़ा सवाल था कि क्या विराट को उत्साह और जोश कम होगा। वो एक कप्तान के रूप में कैसा प्रदर्शन करेंगे, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि कोहली कप्तान के रूप में एक अपवाद थे। उन्होंने अपने उत्साह पर अंकुश नहीं लगाया, लेकिन फिर भी वे भारतीय टीम को उच्चतम स्तर तक ले जाने में सक्षम रहे। उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे की मदद से उन्होंने भारत को विदेशी जमीन पर वो सफलता दिलाई, जो कोई और भारतीय कप्तान नहीं कर पाया था।
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में जीत ऐतिहासिक
चैपल ने बताया कि विराट की कप्तानी में भारत की दो बड़ी जीत 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया और 2021 में इंग्लैंड में आई। वहीं भारत में उनकी टीम लगभग अजेय थी। विराट की कप्तानी में टीम इंडिया सिर्फ दो मैच हारी थी। एक ऑस्ट्रेलिया और एक इंग्लैंड के खिलाफ। कोहली काफी हद तक सौरव गांगुली और धोनी की विरासत के सात वर्षों में आगे ले गए। कप्तान के रूप में उनकी सबसे बड़ी विफलता हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आई। इस सीरीज में भारत 1-0 से आगे था, लेकिन बाकी दोनों मैच हार गया। दक्षिण अफ्रीका की युवा टीम के खिलाफ भारतीय दिग्गजों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। हालांकि, उन्होंने केप में उस श्रृंखला के मध्य टेस्ट में कप्तानी नहीं की थी।
भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं विराट
कोहली भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं क्योंकि उन्होंने अपनी कप्तानी में 68 में से 40 मैच जीते हैं। कप्तान बनने के बाद बल्लेबाजी में भी विराट का रिकॉर्ड शानदार रहा। उन्होंने कप्तान बनने के बाद टेस्ट में सात दोहरे शतक लगाए। कोहली ने एक विकेटकीपर और बल्लेबाज के रूप में ऋषभ पंत को तैयार किया। इसमें कोई शक नहीं है कि पंत का उनका समर्थन एक मास्टरस्ट्रोक था। टेस्ट में कप्तान के रूप में कोहली का औसत 54 का औसत है।
विराट अब वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज में शामिल होंगे। वहीं श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में वो अपने करियर का 100वां टेस्ट मैच खेल सकते हैं।