Wasim Rizvi Bail: सुप्रीम कोर्ट ने वसीम रिजवी को तीन महीने की अंतरिम जमानत दी, धर्म संसद में दिया था विवादित बयान


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Tue, 17 May 2022 02:07 PM IST

सार

धर्म संसद के दौरान नफरत वाले भाषण देने के आरोपी जितेंद्र त्यागी (पहले वसीम रिजवी) की जमानत अर्जी के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये पूरा वातारण खराब कर रहे हैं। 

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सुप्रीम कोर्ट ने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी, जिन्हें पहले वसीम रिजवी के नाम से जाना जाता था, को तीन महीने की अंतरिम जमानत दे दी है। त्यागी पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल दिसंबर में आयोजित हरिद्वार धर्म संसद में अभद्र भाषा का प्रयोग कर लोगों को उकसाने का काम किया था। रिजवी को इसी साल 13 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि रिजवी के वकील ने हृदय रोग के इलाज के लिए जमानत की मांग की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत मंजूर करते हुए आदेश दिया कि जमानत के दौरान वह कोई भड़काऊ भाषण नहीं देंगे।

12 मई को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी
इससे पहले 12 मई को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी और इस दौरान शीर्ष अदालत ने उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि त्यागी उर्फ वसीम रिजवी पूरे माहौल को खराब कर रहे हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि लोगों को शांति से रहना चाहिए और जीवन का आनंद लेना चाहिए। अदालत ने कहा कि इससे पहले कि वह दूसरों को जागरूक होने के लिए कहें, उन्हें पहले खुद संवेदनशील बनना होगा। वह संवेदनशील नहीं हैं। यह कुछ ऐसा है जो पूरे माहौल को खराब कर रहा है। पीठ के निशाने पर ‘धर्मसंसद’ में नफरत फैलाने वाले बयान देने वाले वक्ता भी थे। 

त्यागी के वकील ने दी ये दलील
त्यागी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि त्यागी छह महीने से जेल में बंद हैं और वे कई बीमारियों से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि त्यागी के खिलाफ दर्ज मामले में अधिकतम तीन साल की ही सजा है और इन धाराओं पर उन्हें बेल दी जानी चाहिए। 

विस्तार

सुप्रीम कोर्ट ने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी, जिन्हें पहले वसीम रिजवी के नाम से जाना जाता था, को तीन महीने की अंतरिम जमानत दे दी है। त्यागी पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल दिसंबर में आयोजित हरिद्वार धर्म संसद में अभद्र भाषा का प्रयोग कर लोगों को उकसाने का काम किया था। रिजवी को इसी साल 13 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि रिजवी के वकील ने हृदय रोग के इलाज के लिए जमानत की मांग की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत मंजूर करते हुए आदेश दिया कि जमानत के दौरान वह कोई भड़काऊ भाषण नहीं देंगे।

12 मई को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी

इससे पहले 12 मई को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी और इस दौरान शीर्ष अदालत ने उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि त्यागी उर्फ वसीम रिजवी पूरे माहौल को खराब कर रहे हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि लोगों को शांति से रहना चाहिए और जीवन का आनंद लेना चाहिए। अदालत ने कहा कि इससे पहले कि वह दूसरों को जागरूक होने के लिए कहें, उन्हें पहले खुद संवेदनशील बनना होगा। वह संवेदनशील नहीं हैं। यह कुछ ऐसा है जो पूरे माहौल को खराब कर रहा है। पीठ के निशाने पर ‘धर्मसंसद’ में नफरत फैलाने वाले बयान देने वाले वक्ता भी थे। 

त्यागी के वकील ने दी ये दलील

त्यागी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि त्यागी छह महीने से जेल में बंद हैं और वे कई बीमारियों से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि त्यागी के खिलाफ दर्ज मामले में अधिकतम तीन साल की ही सजा है और इन धाराओं पर उन्हें बेल दी जानी चाहिए। 



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