क्‍या है फॉर्म 26एएस, आयकर विभाग को देता है आपके निवेश का पूरा ब्‍योरा, करदाताओं को भी मिलती हैं कई सहूलियतें


नई दिल्‍ली. आयकर रिटर्न को आसान बनाने और कर चोरी पर लगाम कसने के लिए विभाग नए-नए बदलाव करता है. इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट ने हाल में ही नया 26एएस फॉर्म जारी किया है, नौकरीपेशा के लिए बड़े काम की चीज है.

दरअसल, वेतनभागी इस फॉर्म के जरिये यह जान सकते हैं कि उनके नियोक्‍ता ने कितना टैक्‍स काटा है. साथ ही सेवानिवृत्‍त और पेंशनभोगी की आय पर काटे गए टीडीएस की जानकारी भी इसके जरिये मिल जाती है. यह फॉर्म हमारी सभी तरह की टैक्‍स कटौती विवरण देता है. नए फॉर्म में विभाग ने कुछ और भी जानकारियां जोड़ी हैं, जो करदाताओं के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकती हैं.

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लेनदेन का पूरा ब्‍योरा
आयकर विभाग को टैक्‍सपेयर्स का पूरा ब्‍योरा पहले से ही उपलब्‍ध होता है, लिहाजा वह इस जानकारी को फॉर्म 26एएस में शामिल करता है. इसमें बैंकों के डिमांड ड्राफ्ट, पे ऑर्डर, निर्धारित सीमा से ऊपर की गई निकासी जैसी सूचनाएं भी शामिल हैं. अगर आप बैंक खातों से एक वित्‍तवर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा करते हैं तो इसकी सूचना भी आयकर विभाग को मिल जाती है. चालू खाते पर बैंक 50 लाख से अधिक जमा पर इसकी जानकारी विभाग को देते हैं.

निवेश पर भी नजर
आपने क्रेडिट कार्ड, विदेशी मुद्रा, बांड, शेयर या डिबेंचर की खरीद पर निश्चित सीमा से अधिक लेनदेन किया है तो इसकी जानकारी भी आयकर विभाग के पास रहेगी. इसी तरह, संपत्ति खरीद के मामले में अगर सर्किल रेट से 30 लाख कीमत से अधिक की प्रॉपर्टी खरीदी तो इसकी जानकारी भी विभाग आपके फॉर्म 26एएस में शामिल करता है.

आपकी टैक्‍स कटौती का विवरण
फॉर्म 26एएस में नियोक्‍ता की ओर से काटे गए टैक्‍स, बैंक टीडीएस के अलावा टैक्‍स के अग्रिम भुगतान, आदि का पूरा लेखा जोखा रहता है. यह फॉर्म आपको इस बात की तस्‍दीक करने में मदद करता है कि आपके नियोक्‍ता या बैंक ने काटे गए टैक्‍स को सरकार के पास जमा कराया अथवा नहीं. इससे आप यह भी पता लगा सकते हैं किसी टैक्‍स की देनदानी बेवजह तो नहीं थोपी गई है. अगर आपके पास शिकायत का समय निकल भी गया है तो भी फॉर्म 26एएस आपको इस तरह की शिकायत करने का मौका देता है.

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गलतियां सुधारने का मौका
आयकर विभाग अपने टैक्‍सपेयर्स को किसी गलती को सुधारने का भी मौका देता है. आप फॉर्म 26एएस में मिली अतिरिक्‍त जानकारी से यह सत्‍यापित कर सकते हैं कि गलती कहां हुई है, जिसके बाद आप गलत दी गई सूचना को इनकम टैक्‍स विभाग में बताकर इसमें सुधार कर सकते हैं.

Tags: Income tax department, ITR

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